
इस पैनी स्टॉक में 5 PSU ने क्यों किया निवेश?
जीटीएल इंन्फ्रास्ट्रक्चर। ये शेयर में पिछले 6 महीनों में 60 प्रतिशत रिटर्न निवेशकों को दे चुका है। साल 2024 में अब तक इस शेयर में पैसा लगाने वालों को 37 प्रतिशत मुनाफा हो चुका है। इस स्टॉक के बारे में भी विश्लेषण करेंगे। लेकिन अब जानते हैं कि वो कौन से 5 पीएसयूज हैं?

वैसे तो बाजार में ढेरों पैनी स्टॉक है , लेकिन एक ऐसा स्टॉक है जिसमें बड़े-बड़ों का निवेश है। मतलब आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि इत्तू से स्टॉक में देश की दिग्गज सरकारी कंपनियों ने इन्वेस्ट किया हुआ है। ये तो हम सब जानते हैं कि पैनी स्टॉक में रिटेल निवेशकों की अच्छी खासी भागीदारी होती है, लेकिन जब पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स यानि PSU की बड़ी हिस्सेदारी सामने आए जाए तो क्या कहा जाए और इतना ही नहीं बल्कि एक सरकारी कंपनी नहीं बल्कि 5-5 बड़े PSUs ने इस पैनी स्टॉक में बंपर निवेश किया हुआ है। अब ऐसे में दो सबसे जरूरी सवाल हैं कौन सा पैनी स्टॉक है और किन PSUs ने इस कंपनी में निवेश किया हुआ है?
इस पैनी स्टॉक का नाम है जीटीएल इंन्फ्रास्ट्रक्चर। ये शेयर में पिछले 6 महीनों में 60 प्रतिशत रिटर्न निवेशकों को दे चुका है। साल 2024 में अब तक इस शेयर में पैसा लगाने वालों को 37 प्रतिशत मुनाफा हो चुका है। इस स्टॉक के बारे में भी विश्लेषण करेंगे। लेकिन अब जानते हैं कि वो कौन से 5 पीएसयूज हैं?

सबसे पहले आता है भारतीय जीवन बीमा निगम यानि LIC, जीटीएल इंफ्रास्ट्रक्चर के चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही यानी दिसंबर क्वार्टर के शेयर होल्डिंग पैटर्न के मुताबिक, LIC के पास कपंनी के 42.61, करोड़ शेयर हैं। अगर इसको हिस्सेदारी में समझा जाए तो ये करीब 3.33 प्रतिशत हो जाती है। जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान भी एलआईसी के पास इतनी ही हिस्सेदारी थी।
अब बात करते हैं अगले PSU की। कौन सी दूसरी कंपनी है? बैंक ऑफ बड़ौदा, जी हां बैंक ऑफ बड़ौदा के पास जीटीएल इंफ्रास्ट्रक्चर की कुल पेड-अप कैपिटल का 5.68 फीसदी हिस्सा यानी 72.79 करोड़ शेयर अक्टूबर-दिसंबर तिमाही यानि Q3 में थे। इससे पहली तिमाही में भी बैंक के पास इस शेयर में समान हिस्सेदारी थी. यानी लंबे समय से बैंक ऑफ बड़ौदा ने इस शेयर में निवेश बनाए रखा है। हालाकि निवेश के परसेंट में कोई बदलाव नहीं है।
तीसरी सरकारी कंपनी कौन सी है। ये भी है एक और सरकारी बैंक। जिसने निवेशकों को अच्छा खासा रिटर्न दिया है। यहां बात हो रही है केनरा बैंक की। चालू वित्त वर्ष के तीसरे क्वार्टर में केनरा बैंक के पास जीटीएल इंफ्रास्ट्रक्चर के 51.91 करोड़ के शेयर थे। ये कुल शेयरों का 4.05 प्रतिशत है। जुलाई-सितंबर क्वार्टर में भी केनरा बैंक के पास जीटीएल के इतनी ही संख्या में शेयर हैं। यानी केनरा बैंक ने भी अपनी हिस्सेदारी दो तिमाहियों से बनाए रखी है।
चौथी PSU स्टॉक कौन सा है? यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, अगर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की बात की जाए तो इस कंपनी का GTL इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड में अच्छा खासा निवेश किया हुआ है। दिसंबर तिमाही के अंत में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के पास कंपनी के 12.07 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी। सितंबर तिमाही के अंत में इस पीएसयू बैंक के पास जीटीएल इंफ्रा की हिस्सेदारी में कोई बदलाव नहीं आया है। यानि 12.07 हिस्सेदारी है।

अब आखिरी यानि 5वीं सरकारी कंपनी कौन सी है? सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, ये भी सरकारी बैंक है। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, अक्टूबर से दिसंबर 2023 तिमाही में जीटीएल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के मुताबिक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के पास इस पेनी स्टॉक में 94.21 करोड़ या कहे 7.36 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। जुलाई से सितंबर 2023 तिमाही में भी इस पेनी स्टॉक में बैंक के पास 7.36 फीसदी हिस्सेदारी थी।
तो ये 5 पीएसयू हैं भारतीय जीवन बीमा निगम, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और यूनियन बैंक, जिनकी इस पैनी स्टॉक में अच्छी खासी हिस्सेदारी है।
लेकिन सबसे जरूरी जानकारी आपको दे दें कि PSU banks बैंक के पास GTL Infra की हिस्सेदारी कंपनी के लोन डिफॉल्ट की वह से आई है यानि कंपनी ने बैंकों से लोन लिया होगा डिफॉल्ट के एवज में बैंकों के पास शेयरों की हिस्सेदारी आ गई। लोन डिफॉल्ट शेयरों में तब्दील हो जाएगा। इसलिए, शेयर बाजार के निवेशकों को इसे ध्यान में रखने की सलाह दी जाती है क्योंकि शेयरहोल्डिंग पैटर्न सिर्फ कंपनी के स्वामित्व वाले शेयरों को दर्शाता है न कि उस स्रोत को जिसके जरिए से ये शेयर शेयरधारक की जेब में आए हैं।
अगर आप इस स्टॉक के के Shareholding Pattern की बात की जाए तो दिसंबर 2023 तक Promoters की हिस्सेदारी 3.28% है। विदेशी निवेशकों की बात की जाए तो FIIs की हिस्सेदारी जहां मार्च 2021 में 2.23% थी जो दिसंबर 2023 घटकर 0.10% पर पहुंच गई थी। 2,433 करोड़ का मार्केट कैप है और कंपनी का कर्ज 4,207 करोड़ का है। बड़े घरेलू निवेशकों की बात की जाए तो उसमें भी कटौती हुई है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी शेयर के प्रदर्शन के आधार पर है. चूंकि स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिम के अधीन है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइट इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से सलाह जरूर लें।