Swiggy के IPO में पैसा लगाकर फंस जाएंगे निवेशक?
ऑनलाइन फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्म Swiggy का IPO रिटेल निवेशकों के लिए 6 नवंबर को खुलेगा और 8 नवंबर को बंद होगा। IPO आने से पहले ही ग्रे मार्केट में स्विगी की स्थिति खराब हो गई है। इतना ही नहीं इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स और कई ब्रोकरेज फर्म की ओर से निवेशकों को स्विगी के IPO में पैसा नहीं लगाने की सलाह दी गई है। आइये जानते हैं एक्सपर्ट्स ऐसा क्यों कह रहे हैं?

ऑनलाइन फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्म Swiggy का IPO रिटेल निवेशकों के लिए 6 नवंबर को खुलेगा और 8 नवंबर को बंद होगा। IPO आने से पहले ही ग्रे मार्केट में स्विगी की स्थिति खराब हो गई है। इतना ही नहीं इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स और कई ब्रोकरेज फर्म की ओर से निवेशकों को स्विगी के IPO में पैसा नहीं लगाने की सलाह दी गई है। आइये जानते हैं एक्सपर्ट्स ऐसा क्यों कह रहे हैं?
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स और कई ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन और ग्रोथ आउटलुक में सुधार होने तक निवेशकों को इंतजार करना चाहिए। कंपनी की योजना पब्लिक इश्यू के जरिए 11,327 करोड़ रुपये जुटाने की है। स्विगी आईपीओ में 4,499 करोड़ रुपये मूल्य के 11.54 करोड़ इक्विटी शेयरों का फ्रेश इश्यू और 6,828.43 करोड़ रुपये मूल्य के 17.51 करोड़ शेयरों का ऑफर-फॉर-सेल (ओएफएस) शामिल है.
Samco Securities
निवेशकों को एक नोट में कहा कि जब तक स्विगी फाइनेंशिल्यस और स्थायी ग्रोथ के लिए एक स्पष्ट रास्ता नहीं दिखाता, तब तक इंतजार करना निवेशकों के लिए अधिक बेहतर फैसला होगा। ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि वित्त वर्ष 2024 में स्विगी ने घाटा दर्ज किया था। हाल ही में मुनाफे में आई इसकी मुख् कंपिटिटर कंपनी जोमैटो के मुकाबले स्विगी की मौजूदा वित्तीय स्थिति, बाजार में कंपिटिशन और वैल्यूएशन को देखते हुए आईपीओ ओवर-वैल्यूड प्रतीत होता है।
फाइनेंशियल्स
स्विगी ने पिछले वित्त वर्ष में 2,350 करोड़ रुपये का नेट लॉस दर्ज किया था। हालांकि यह वित्त वर्ष 23 में हुए 4,179 करोड़ रुपये के घाटे से 44 प्रतिशत कम था। वित्त वर्ष 2024 में कंपनी की आय 36 फीसदी बढ़कर 11,247 करोड़ रुपये हो गई है, जो कि इससे पिछले साल 8,265 करोड़ रुपये थी। वहीं ब्रोकरेज फर्मों के मुताबिक 2014 में अपनी स्थापना के बाद से ही स्विगी लगातार घाटा दर्ज कर रही है। इसकी वजह हाई ऑपरेशनल कॉस्ट का होना है।
Bajaj Broking
ब्रोकरेज ने अपने नोट में कहा कि स्विगी के बिजनेस में बड़ी रिस्क जोमैटो, जेप्टो और बाजार में आ रही नई कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा होना है। ब्रोकिंग फर्म ने आगे कहा कि स्विगी के साथ सबसे बड़ी रिस्क यह है कि कंपनी आय के लिए सिर्फ भारत के शीर्ष 50 शहरों पर निर्भर है। फूड डिलीवरी नियमों में बदलाव के कारण स्विगी को संभावित चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में निवेशकों को सिर्फ लंबी अवधि का नजरिया रखते हुए निवेश करना चाहिए।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और इसे निवेश सलाह के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। निवेश निर्णय लेने से पहले एक वित्तीय सलाहकार से परामर्श करने की सिफारिश की जाती है।