MODI 3.0 कैबिनेट के दो गेमचेंजर फैसलों का किन Stocks पर होगा असर?
केंद्र में एक बार फिर से सरकार बनने के बाद मोदी सरकार एक्शन मोड में आ गई है। 100 दिन के एजेंडे पर काम करते हुए एक बाद एक जबरदस्त फैसले लिए जा रहे हैं। इसमें 5 महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। लेकिन इनमें से दो फैसले ऐसे हैं जो रिन्युएबल एनर्जी और इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस करते हैं।

केंद्र में एक बार फिर से सरकार बनने के बाद मोदी सरकार एक्शन मोड में आ गई है। 100 दिन के एजेंडे पर काम करते हुए एक बाद एक जबरदस्त फैसले लिए जा रहे हैं। इसमें 5 महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। लेकिन इनमें से दो फैसले ऐसे हैं जो रिन्युएबल एनर्जी और इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस करते हैं। कैबिनेट के इन निर्णयों से किन स्टॉक पर असर देखने को मिल सकता है? इस वीडियो में ये ही समझेंगे।
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रिन्युएबल एनर्जी
तो सबसे पहले बात करते हैं रिन्युएबल एनर्जी की। यहां लैंड मार्क फैसला लिया गया है। सरकार ने पहले ऑफशोर विंड प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। इसके तहत समुद्र में फ्लोटिंग टर्मिनल बनाए जाएंगे। अब यहां आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि ऑफशोर विंड प्रोजेक्ट होते क्या हैं? आप जानते देश में बिजली की खपत हर दिन नए रिकॉर्ड बना रही है। ऐसे में बिजली की सप्लाई पूरी करने के लिए अलग-अलग स्रोत की जरूरत होती है। जिसमें से एक नया सोर्स बन सकता है ऑफशोर विंड एनर्जी। अब ऐसे में समुद्र के बीचों-बीच विंड टर्बाइन स्टेबलिश और इन्टॉल किया जाता है। सरकार इस पर पॉलिसी साल 2015 में लाई थी।
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भारत में अभी तक एक भी ऑफशोर विंड प्रोजेक्ट नहीं है, क्यों?
आपको बता है भारत में अभी तक एक भी ऑफशोर विंड प्रोजेक्ट नहीं है, क्यों? दरअसल आप सोचिए समुद्र के बीचों-बीच विंड टर्बाइन स्टेबलिश और इन्टॉल कितना मुश्किल काम होता है। आप रात में काम नहीं कर सकते। लगातार सी लेवल बदलता रहता है। पूरी मशीनरी महंगी होती है। अगर ट्रांसमिशन लाइन्स को देखें तो जमीन पर तो ये आसानी से बिछ जाती हैं। जबकि समुद्र में वाटर प्रूफ, अंडर वाटर हाई टेंशन लाइन्स बिछानी पड़ती हैं। समुद्र में खारा पानी होता है। जिस स्ट्रक्चर पर टर्बाइन स्टेबलिश होता है, उसमें रस्टिंग का डर होता है, लगातार एंटी रस्टिंग कोटिंग की जाती है। ये प्रोजेक्ट काफी महंगा होता है, इसलिए कैबिनेट की ओर से वायबल फंडिंग गैप का भी एलान किया गया है। यानि सरकार भी वित्तीय तौर पर मदद करेगी। इस प्रोजेक्ट पर सरकार 7453 करोड़ रुपये खर्च करेगी। तो ये प्रोजेक्ट कहां लगाए जाएंगे? तो पहला गुजरात में 500 मेगावाट का होगा और दूसरा 500 मेगावाट का तमिलनाडु में बनाया जाएगा। वेस्ट और ईस्ट कोस्ट में हवा पूरे साल बहुत अच्छी चलती है। इसे देखते हुए यह अहम फैसला लिया गया है. हमारे यहां 7000 किलोमीटर की कोस्ट लाइन है. यहां 70 हजार मेगावाट का विंड पोटेंशियल मेजर किया गया है।
किन स्टॉक पर असर देखने को मिल सकता है?
अब ऐसे में सवाल उठता है कि इस फैसले से किन स्टॉक पर असर देखने को मिल सकता है? इसके लिए बिजनेस टुडे बाजार ने बात की मार्केट एक्सपर्ट राघवेंद्र सिंह से। SJVN, SUZLON ENERGY, INOX WIND, ADANI GREEN जैसे शेयरों को फायदा मिलेगा। राघवेंद्र सिंह का कहना है कि निवेशक चाहें तो सुजलॉन में अभी भी एंट्री ली जा सकती है।
पोर्ट एंड शिपिंग सेक्टर
अब दूसरा फैसला भी काफी अहम है। ये इंफ्रा सेक्टर के लिए बूस्टर डोज की तरह है। पोर्ट एंड शिपिंग सेक्टर के लिए भी बड़ा फैसला लिया गया है। पालघर के वधावन पोर्ट पर सरकार 76,200 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इससे पोर्ट की क्षमता का विस्तार किया जाएगा। इसकी क्षमता 298 मिलियन टन यूनिट हो जाएगी. इसके लिए हर स्टेक होल्डर से बात की गई है. इसके डिजाइन में बदलाव किया गया है. इससे 12 लाख रोजगार के मौके पैदा होंगे. इससे इंडिया मिडिल ईस्ट कॉरिडोर मजबूत होगा. यहां 9 कंटेनर टर्मिनल होंगे और मेगा कंटेनर पोर्ट होगा। इसका पहला चरण 2029 में पूरा होगा। इसको बनने के बाद यह पोर्ट दुनिया के टॉप 10 पोर्ट में से एक होगा।
वाराणसी एयरपोर्ट की क्षमता
वहीं वाराणसी एयरपोर्ट की क्षमता का विस्तार किया जाएगा। सरकार अब यहां एक नया टर्मिनल बनाने जा रही है। रनवे, हाईवे और अंडरपास बनाया जाएगा। इस पर सरकार 2870 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। अब यहां समझने वाली बात है कि एक पोर्ट एंड शिपिंग और दूसरा एयरपोर्ट इंफ्रा से जुड़ा है। इस फैसले का किन स्टॉक्स पर असर हो सकता है? मार्केट एक्सपर्ट राघवेंद्र सिंह का कहना है कि ADANI PORTS, shipping corporation of India, IREDA जैसे शेयरों को फायदा मिल सकता है।