
2025 में कौन से Mutual Funds कराएंगे बंपर कमाई?
2024 में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने दमदार प्रदर्शन किया, जिसमें इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में कुल निवेश ₹3.5 लाख करोड़ से अधिक रहा और एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) में करीब 40% की बढ़ोतरी हुई।

2024 में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने दमदार प्रदर्शन किया, जिसमें इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में कुल निवेश ₹3.5 लाख करोड़ से अधिक रहा और एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) में करीब 40% की बढ़ोतरी हुई।
2024 में सेक्टोरल और थीमेटिक फंड्स प्रमुख रूप से आकर्षक रहे, जिन्होंने ₹1.4 लाख करोड़ से अधिक का निवेश आकर्षित किया और 45 नए फंड्स लॉन्च हुए। ये फंड्स खास इंडस्ट्री या विषयों पर केंद्रित होते हैं जैसे ग्रीन एनर्जी और मैन्युफैक्चरिंग, जो अक्सर बुलिश मार्केट्स के दौरान निवेशकों का ध्यान आकर्षित करते हैं।
हालांकि, विशेषज्ञ सावधानी बरतने की सलाह देते हैं। वैल्यू रिसर्च के सीईओ धीरेंद्र कुमार का कहना है कि अगर आप सेक्टोरल या थीमेटिक फंड्स को नजरअंदाज करते हैं तो कोई नुकसान नहीं होगा। आकर्षक कहानियों के आधार पर म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री इन प्रोडक्ट्स को उपभोक्ता सामान की तरह प्रचारित करता है। दुर्भाग्यवश, 20-30 सालों में निवेशक पिछले गलतियों से सीखने में नाकाम रहते हैं। यह पहली बार नहीं है कि यह तकनीकी और इन्फ्रास्ट्रक्चर बूम के दौरान भी हुआ था।
सेक्टोरल और थीमेटिक फंड्स उच्च रूप से चक्रीय (cyclical) होते हैं। ये बुल रन के दौरान रोमांचक अवसर प्रदान करते हैं, लेकिन उनका अप्रत्याशित प्रदर्शन उन्हें उन निवेशकों के लिए जो स्थिरता चाहते हैं।
Estee Advisors के निवेश प्रमुख विवेक शर्मा बताते हैं कि कैसे यूटिलिटी फंड्स, जिन्होंने 2021 और 2022 में 67% और 43% का शानदार रिटर्न दिया था, 2023 में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले फंड्स बन गए, जिनका रिटर्न -19% तक गिर गया। इसके उलट कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी सेक्टर्स जैसे अंडरपरफॉर्मिंग सेक्टर्स ने 2023 में दूसरे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के रूप में वापसी की। ये फंड्स कुछ समय पर शानदार प्रॉफिट प्रदान कर सकते हैं, लेकिन उनके चक्रीय (cyclical) स्वभाव के कारण भविष्य के विजेताओं का अनुमान लगाना मुश्किल होता है।

2025 में कहां निवेश करें?
विशेषज्ञों का एकमत है कि निवेशकों को समय-परख और विविध श्रेणियों जैसे मल्टीकैप और फ्लेक्सीकैप फंड्स में निवेश करना चाहिए और थीमेटिक फंड्स के आकर्षण से बचना चाहिए।
धीरेंद्र कुमार सलाह देते हैं कि लॉन्ग टर्म संभावनाओं वाले फंड्स का चयन करें, जैसे मल्टीकैप फंड्स या एक या दो इंडेक्स फंड्स के साथ पोर्टफोलियो बनाएं, जिसमें स्मॉल-कैप और मिड-कैप फंड्स को जोड़ा जाए। निरंतर रिटर्न का मजा लेने का एकमात्र तरीका यह है कि आप अपेक्षाओं को उचित बनाए रखें।
विवेक शर्मा के अनुसार, फ्लेक्सीकैप और मल्टीकैप फंड्स विशेष रूप से 2025 के लिए उपयुक्त हैं। इनकी सेक्टर-एग्नोस्टिक दृष्टिकोण और विभिन्न मार्केट कैप्स में निवेश करने की क्षमता उन्हें निवेशकों के लिए एक भरोसेमंद विकल्प बनाती है। हाइब्रिड फंड्स, जो इक्विटी और डेट का संतुलन रखते हैं, बाजार की अस्थिरता के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं। ये फंड्स स्थिरता प्रदान करते हैं, जो उन निवेशकों के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प हैं जो संतुलित पोर्टफोलियो चाहते हैं।
विवेक शर्मा का कहना है कि मल्टी-एसेट फंड्स, जिनमें इक्विटी, बॉन्ड्स और गोल्ड शामिल हैं, 2024 में लोकप्रिय हो गए और 2025 में भी इनकी प्रासंगिकता बनी रहने की उम्मीद है। जिन निवेशकों को बड़ा चित्र देखना है, उनके लिए भारत एक आकर्षक निवेश स्थान बना हुआ है। युवाओं से भरपूर और महत्वाकांक्षी आबादी, बढ़ती हुई निपटान आय और वित्तीय साक्षरता के साथ, भारतीय बाजार निरंतर वृद्धि के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और इसे निवेश सलाह के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। निवेश निर्णय लेने से पहले एक वित्तीय सलाहकार से परामर्श करने की सिफारिश की जाती है।