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भारतीय शेयर बाजार में टैक्स बढ़ोतरी: क्या बना रहेगा निवेशकों का विश्वास?

वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने 23 जुलाई को बजट पेश करते हुए दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (LTCG) और लघुकालिक पूंजीगत लाभ (STCG) करों में बढ़ोतरी की घोषणा की। LTCG को 10% से बढ़ाकर 12.5% और STCG को 15% से बढ़ाकर 20% कर दिया गया है।

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Tax on Indian Stock Market

हाल ही में भारत के शेयर बाजार में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिले हैं, जिनका प्रभाव निवेशकों और व्यापारी समुदाय पर पड़ा है। वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने 23 जुलाई को बजट पेश करते हुए दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (LTCG) और लघुकालिक पूंजीगत लाभ (STCG) करों में बढ़ोतरी की घोषणा की। LTCG को 10% से बढ़ाकर 12.5% और STCG को 15% से बढ़ाकर 20% कर दिया गया है। इस लेख में हम इन परिवर्तनों का विश्लेषण करेंगे और यह समझेंगे कि ये बदलाव बाजार पर किस प्रकार का प्रभाव डाल सकते हैं।

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शेयर बाजार की प्रतिक्रिया

बजट की घोषणा के बाद, शेयर बाजार में भारी गिरावट आई। सेंसेक्स 1000 से अधिक अंक गिरकर 79,416 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 24,172 पर आ गया। यह गिरावट निवेशकों के लिए चिंता का विषय बन गई है। हालांकि, यह भी ध्यान देने योग्य है कि बाजार की गिरावट कुछ घंटों के लिए होती है, न कि कुछ दिनों के लिए। उदाहरण के लिए, लोकसभा चुनाव के नतीजों और बजट की घोषणाओं के बाद बाजार ने नकारात्मक परिणामों को स्वीकार किया और तेजी से आगे बढ़ा।

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टैक्स की बढ़ोतरी का प्रभाव

हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि LTCG और STCG में 2.5% और 5% की बढ़ोतरी का बाजार पर ज्यादा असर नहीं होगा। असली चिंता यह है कि क्या यह बढ़ोतरी अगले वर्ष भी जारी रहेगी या थमेगी। यदि टैक्स दरें स्थायी होती हैं, तो निवेशकों को दीर्घकालिक योजना बनाने में मदद मिलेगी। शेयर बाजार में निवेश करने वाले लोग आमतौर पर दीर्घकालिक लाभ की अपेक्षा करते हैं। इसलिए, यदि टैक्स दरें स्थायी रहती हैं, तो यह निवेशकों को अपने निवेश पर ध्यान केंद्रित करने में मदद कर सकती है।

दीर्घकालिक और लघुकालिक पूंजीगत लाभ

LTCG और STCG के बीच का अंतर समझना महत्वपूर्ण है। LTCG वे लाभ हैं जो एक वर्ष से अधिक समय तक शेयरों को रखने पर प्राप्त होते हैं, जबकि STCG वे लाभ हैं जो एक वर्ष के भीतर शेयरों को बेचने पर प्राप्त होते हैं। LTCG पर 10% की दर से कर लगाया जाता है यदि लाभ 1 लाख रुपये से अधिक हो, जबकि STCG पर 15% का कर लगाया जाता है। हालांकि, अब LTCG पर कर की दर 12.5% और STCG पर 20% हो गई है। यह बदलाव उन निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है जो दीर्घकालिक निवेश की योजना बना रहे हैं।

बाजार की स्थिरता

हाल के वर्षों में, भारतीय शेयर बाजार ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। लेकिन एक बात स्पष्ट है कि बाजार में गिरावट के बावजूद, यह जल्दी ही अपने पैरों पर खड़ा हो जाता है। उदाहरण के लिए, पिछले कुछ महीनों में, बाजार ने कई बार नकारात्मक खबरों के बावजूद तेजी से उछाल लिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि बाजार को स्थिरता मिलती है, तो निवेशकों का विश्वास फिर से लौट सकता है। इसके अलावा, सरकार द्वारा रोजगार सृजन के लिए की गई घोषणाएं भी बाजार को स्थिरता प्रदान कर सकती हैं।

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क्या हम DTC की ओर बढ़ रहे हैं?

वर्तमान में, यह सवाल उठता है कि क्या भारत डायरेक्ट टैक्स कोड (DTC) की दिशा में बढ़ रहा है। DTC का उद्देश्य टैक्स संरचना को सरल बनाना और करदाताओं के लिए पारदर्शिता बढ़ाना है। यदि सरकार DTC को लागू करती है, तो यह निवेशकों के लिए एक नई कर संरचना लाएगा, जो दीर्घकालिक निवेश को प्रोत्साहित कर सकती है।

DTC के तहत, करों को सरल और स्पष्ट बनाने की योजना बनाई गई है, जिससे निवेशकों को अपने करों की गणना में आसानी होगी। इससे बाजार में स्थिरता आएगी और निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा। इस प्रकार, हाल के टैक्स परिवर्तनों का भारतीय शेयर बाजार पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। हालांकि, बाजार की प्रतिक्रिया ने यह स्पष्ट कर दिया है कि निवेशक इस बदलाव को स्वीकार कर रहे हैं और दीर्घकालिक निवेश की योजना बना रहे हैं।

बाजार में गिरावट कुछ घंटों के लिए होती है, और यह उम्मीद की जाती है कि निवेशकों का विश्वास जल्द ही लौटेगा। इसके अलावा, यदि सरकार DTC को लागू करती है, तो यह निवेशकों के लिए एक नई दिशा प्रदान कर सकती है। इस प्रकार, भारतीय शेयर बाजार भविष्य में स्थिरता और विकास की ओर अग्रसर हो सकता है, बशर्ते कि सरकार सही नीतियों को अपनाए और निवेशकों के विश्वास को बनाए रखे।

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Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। BT Bazaar अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।