ट्रांसपोर्टेशन, लॉजिस्टिक्स जैसे सेक्टर में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए इस Tata कंपनी की बड़ी घोषणा- शेयर में तेजी
इस टाटा स्टॉक ने आज अपने लेटेस्ट एक्सचेंज फाइलिंग में बड़े पार्टनरशिप की घोषणा की है। इस घोषणा के बाद स्टॉक में उछाल देखने को मिल रहा है।

Tata Stock: टाटा ग्रुप की टेलीकॉम कंपनी टाटा कम्युनिकेशंस लिमिटेड (Tata Communications Ltd) ने आज अपने लेटेस्ट एक्सचेंज फाइलिंग में बड़े पार्टनरशिप की घोषणा की है। इस घोषणा के बाद स्टॉक में उछाल देखने को मिल रहा है।
खबर लिखे जानें तक सुबह 10:45 बजे तक बीएसई पर स्टॉक 0.50% या 7.70 रुपये की तेजी के साथ 1555.20 रुपये पर ट्रेड कर रहा था तो वहीं एनएसई पर स्टॉक 0.40% या 6.20 रुपये चढ़कर 1,555.80 रुपये पर कारोबार कर रहा था।
टाटा कम्युनिकेशंस ने किया ये बड़ा ऐलान
कंपनी ने आज अपने लेटेस्ट एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि Tata Communications और Cisco ने मिलकर IoT कनेक्टिविटी का भविष्य बदलने के लिए पार्टनरशिप किया है।
टाटा कम्युनिकेशंस ने अपने फाइलिंग में बताया कि जैसे-जैसे कंपनियां अपने काम में IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) का इस्तेमाल बढ़ा रही हैं, उन्हें कई तरह की चुनौतियां आ रही हैं। इनमें से एक बड़ी समस्या यह है कि उन्हें बहुत सारे अलग-अलग तरह के डिवाइस (जैसे कनेक्टेड वाहन और इंडस्ट्रियल सेंसर) को मैनेज करना पड़ता है।
हर डिवाइस के लिए अलग-अलग SIM कार्ड और हार्डवेयर का इस्तेमाल होता है, जिससे काम और भी उलझ जाता है। इसके अलावा, इन डिवाइस को सेट करना भी बहुत मुश्किल होता है, जिसमें काफी समय लगता है।
अलग-अलग नेटवर्क्स और टेक्नोलॉजी के बीच तालमेल की कमी होने से डिवाइस को एक से दूसरे नेटवर्क पर ले जाना भी मुश्किल हो जाता है। इन सभी मुश्किलों की वजह से IoT प्रोजेक्ट्स धीमे होते हैं, लागत बढ़ती है और उन्हें जरूरत के हिसाब से बदलने में लचीलापन कम हो जाता है।
कंपनी ने बताया कि इस नई साझेदारी के तहत, Tata Communications की MOVE तकनीक, जो एक स्मार्ट, ग्लोबल eSIM मैनेजमेंट सिस्टम है (350 मिलियन से ज्यादा eSIM ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ), Cisco के IoT कंट्रोल सेंटर में जुड़ जाएगी। Cisco का ये प्लेटफॉर्म 32,000 से ज्यादा कंपनियों द्वारा इस्तेमाल होता है और 270 मिलियन से ज्यादा IoT डिवाइस को सपोर्ट करता है।
इसको मिलाकर, कंपनियां:
- अलग-अलग SIM प्रोवाइडर्स और नेटवर्क्स पर आसानी से डिवाइस एक्टिवेट और मैनेज कर सकेंगी।
- तेजी से मार्केट में अपने प्रोडक्ट लाकर कनेक्टिविटी को सरल और बिना रुकावट बनाएंगी।
- अपने IoT डिवाइस की पूरी जानकारी और नियंत्रण पा सकेंगी।
- इंटीग्रेशन की मुश्किलें कम होंगी और वे किसी एक विक्रेता पर निर्भर नहीं रहेंगी।
टाटा कम्युनिकेशंस ने बताया कि यह साझेदारी खासकर ट्रांसपोर्टेशन, लॉजिस्टिक्स, और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों के लिए बहुत फायदेमंद होगी, जहां कनेक्टिविटी की जरूरत बहुत ज्यादा होती है।