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Share Market Crash: 6 दिन में स्वाहा हुआ ₹26 लाख करोड़, इन कारणों से बाजार में जारी बिकवाली

Share Market Crash: शेयर बाजार में गिरावट रुकने का नाम नहीं ले रही। बाजार में हो रही भारी गिरावट का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बीते 6 दिन के ट्रेडिंग सेशन में निवेशकों को 26 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। आइए, इस आर्टिकल में जानते हैं कि स्टॉक मार्केट में बिकवाली किस वजह से हो रही है।

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Stock market correction: With the current 13 per cent correction in place, the market has approached both price-wise and time-wise correction levels, it said. 
Stock market correction: With the current 13 per cent correction in place, the market has approached both price-wise and time-wise correction levels, it said. 

Stock Market Update: शेयर बाजार में बड़ा करेक्शन हो गया है। पिछले दशक से ज्यादा स्टॉक मार्केट गिरा है। इस गिरावट भरे कारोबार से निवेशकों को लाखों करोड़ों का नुकसान हुआ है। आज भी मार्केट के दोनों एक्सचेंज लाल निशान पर ट्रेड कर रहे हैं। सुबह 11 बजे सेंसेक्स 0.70 फीसदी की गिरावट के साथ 75,757.43 स्तर पर आ गया। निफ्टी भी 0.57 प्रतिशत टूटकर 22,940.65 स्तर पर आ गया है। दोनों सूचकांक अपने ऑल-टाइम हाई से काफी दूर हैं। 

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स्टॉक मार्केट में हो रही जबरदस्त बिकवाली से निवेशकों को तगड़ा नुकसान का सामना करना पड़ा है। पिछले 6 ट्रेडिंग सेशन में निवेशकों को 26 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का मार्केट कैपिटलाइजेशन 4,05,09,657.84 रुपये हो गया। बाजार में जारी इस गिरावट को लेकर निवेशकों के मन में सवाल है कि आखिर सेंसेक्स और निफ्टी किन कारणों (Reasons why Sensex, Nifty are falling) से गिर रहे हैं। 

इन कारणों से गिर रहा बाजार (Reasons why Stock Market are falling)

स्टॉक मार्केट में हो रहे तगड़े नुकसान का कारण डोनल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति है। ट्रंप की टैरिफ नीति का असर ग्लोबल मार्केट में देखने को मिल रहा है। ग्लोबल मार्केट से जब कमजोर संकेत मिलते हैं तो भारतीय शेयर बाजार भी गिर जाता है। 

स्टॉक मार्केट में जारी गिरावट को लेकर ब्रोकरेज फर्म नोमुरा डोनाल्ड ट्रम्प ने अभूतपूर्व गति से दूसरे राष्ट्रपति पद की शुरुआत की। ट्रंप ने आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण कदम उठाया है। ट्रंप ने चीन पर 10 प्रतिशत का टैरिफ बढ़ाया। इसके बाद चीन से आयात होने वाले सभी सामानों पर औसत टैरिफ दर 2.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 3.7 प्रतिशत हो गई। 

आईटी और बैंक सेक्टर की कंपनियों के तिमाही नतीजे उम्मीद जितने अच्छे नहीं आए थे। निवेशकों की उम्मीद जितने अच्छे नतीजे न आने के कारण भी निवेशकों मे स्टॉक को बेचना पसंद किया। 

वैश्विक बजार में डॉलर काफी मजबूत स्थिति में है। डॉलर के मजबूत स्थिति के कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों ने डॉलर में निवेश करना शुरू कर दिया। एफआईआई आउटफ्लो स्टॉक मार्केट का अहम फैक्टर है। एफआईआई आउटफ्लो के कारण भी इंडियन स्टॉक मार्केट में करेक्शन हो रहा है। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और इसे निवेश सलाह के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। निवेश निर्णय लेने से पहले एक वित्तीय सलाहकार से परामर्श करने की सिफारिश की जाती है।

Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। BT Bazaar अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।