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Insider Trading पर SEBI नए नियम लाने की तैयारी में!

इनसाइडर ट्रेडिंग सिर्फ तब ही अवैध होती है, जब मैटेरियल इंफॉर्मेशन नॉन-पब्लिक होता है। ये ऐसी सूचनाएं होती हैं, जो निवेशक के ऐसे स्‍टॉक बेचने या खरीदने के फैसले पर बड़ा असर डाल सकती है, जो अब तक आम लोगों के लिए उपलब्ध नहीं हों।

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इनसाइडर ट्रेडिंग पर लगाम लगाने के लिए SEBI कनेक्‍टेड पर्सन की परिभाषा में बदलाव करना चाहता है
इनसाइडर ट्रेडिंग पर लगाम लगाने के लिए SEBI कनेक्‍टेड पर्सन की परिभाषा में बदलाव करना चाहता है

पिछले कुछ समय से शेयर मार्केट रेग्युलेटर SEBI एक के बाद एक बड़े फैसले ले रही है। अब Insider Trading पर लगाम लगाने के लिए SEBI कनेक्‍टेड पर्सन की परिभाषा में बदलाव करना चाहता है। SEBI की ओर से कंसल्‍टेशन पेपर जारी किया है। इसमें SEBI ने PIT यानि Prohibition of Insider Trading रेगुलेशंस में कनेक्टेड पर्सन के तहत इमीडिएट रिलेटिव को बदलकर रिलेटिव करने का प्रस्‍ताव रखा गया है। 

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इस नियमन को बारीकी से समझने के लिए पहले समझते हैं कि क्‍या होती है इनसाइडर ट्रेडिंग?

मान लीजिए कि ट्रेडर को किसी शेयर के भाव में उतार-चढ़ाव के बारे में पहले से पता चल जाए तो वो निश्चित तौर पर इसका फायदा उठा सकता है। ये शख्‍स कंपनी के बोर्ड में शामिल कोई अधिकारी या मेंबर हो सकता है या फिर उस कंपनी से जुड़ा हुआ कोई दूसरा व्‍यक्ति हो सकता है, जिसे स्‍टॉक से जुड़ी संवेदनशील जानकारी, मैटेरियल या नॉन-पब्लिक जानकारियों के बारे में पता हो।

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इनसाइडर ट्रेडिंग

इनसाइडर ट्रेडिंग सिर्फ तब ही अवैध होती है, जब मैटेरियल इंफॉर्मेशन नॉन-पब्लिक होता है. ये ऐसी सूचनाएं होती हैं, जो निवेशक के ऐसे स्‍टॉक बेचने या खरीदने के फैसले पर बड़ा असर डाल सकती है, जो अब तक आम लोगों के लिए उपलब्ध नहीं हों. SEBI के नियमों के तहत कनेक्टेड पर्सन ऐसे लोग होते हैं, जिनके पास प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संवेदनशील जानकारियों का एक्सेस होता है। अगर किसी शख्स को किसी शेयर के भाव में उतार-चढ़ाव के बारे में पहले से पता चल जाए तो वह इसका अवांछित फायदा उठा सकता है। ऐसे में इसे लेकर सेबी ने नियम-कायदे भी तय किए हैं ताकि जिनके पास यह जानकारी हो, उन्हें इसका इस्तेमाल करने से रोका जाए। अब सेबी ने इस नियम के तहत और भी लोगों को लाने का प्रस्ताव रखा है।

SEBI

SEBI ने इस कंसल्‍टेशन पेपर पर 18 अगस्‍त तक पब्लिक से कमेंट मांगे हैं। अगर ये प्रस्‍ताव लागू होता है तो किसी संस्‍थान से जुड़े व्‍यक्ति के रिश्‍तेदारों को भी संबंधित शेयर्स में ट्रेडिंग करने पर रोक लग जाएगी। इसस पहले भी इनसाइडर ट्रेडिंग पर लगाम लगाने के लिए SEBI पहले भी कई सारे बदलाव करता रहा है। अब इसने कनेक्टेड पर्सन का दायरा बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। 

मौजूदा नियमों के तहत

मौजूदा नियमों के तहत जहां इसके अंतर्गत सिर्फ जीवनसाथी, माता-पिता जैसे इमीडिएट रिलेटिव ही आते हैं, वहीं प्रस्‍ताव लागू हुआ तो इसमें अब जीवनसाथी के भाई-बहन, माता-पिता के भाई-बहन के साथ-साथ पीढ़ी के अन्‍य लोग और उनके जीवन-साथी को भी शामिल किया जाएगा।

Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। BT Bazaar अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।