Gold में आने वाली है दमदार तेजी! Share Market भी रह जाएगा पीछे
भारतीय बाजार में नए संवत 2081 की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में बीते 1 साल के दौरान निवेशकों को मालामाल करने वाले गोल्ड और सिल्वर के अगले साल के संभावित रिटर्न के अनुमान सामने आने लगे हैं। मजबूत आर्थिक हालात और सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग के चलते उम्मीद जताई जा रही है कि इस साल सोना निवेशकों को 15 से 18 परसेंट तक रिटर्न दे सकता है।

भारतीय बाजार में नए संवत 2081 की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में बीते 1 साल के दौरान निवेशकों को मालामाल करने वाले गोल्ड और सिल्वर के अगले साल के संभावित रिटर्न के अनुमान सामने आने लगे हैं। मजबूत आर्थिक हालात और सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग के चलते उम्मीद जताई जा रही है कि इस साल सोना निवेशकों को 15 से 18 परसेंट तक रिटर्न दे सकता है
यानी सोने में निवेश के बारे में सोचने वालों को अगले 1 साल में इससे डबल डिजिट में रिटर्न मिलने का अनुमान है।
कहां तक जाएगा गोल्ड?
दरअसल दिवाली के साथ ही नए संवत का आरंभ होता है, जो हिंदू कैलेंडर में नए कारोबारी साल की शुरुआत का प्रतीक है और ये निवेशकों के लिए भी एक महत्वपूर्ण समय होता है। अब सवाल आता है कि गोल्ड और सिल्वर में से कौन की कमोडिटी बेहतर प्रदर्शन कौन करेगा। खासकर जिस तरह से पिछले संवत यानी 2080 में सोने और चांदी दोनों ने ही अच्छा प्रदर्शन किया था उसे देखते हुए माना जा रहा है कि चांदी का प्रदर्शन सोने से बेहतर हो सकता है। इसके पीछे चांदी की औद्योगिक मांग में हो रही बढ़ोतरी को बड़ी वजह माना जा रहा है। रिन्यूएबल एनर्जी, फोटोवोल्टिक्स और ई-वाहन जैसे क्षेत्रों में चांदी की खपत लगातार बढ़ रही है जिसके असर से अगले दो-तीन साल में चांदी की कीमतें और बढ़ सकती हैं और एक्सपर्ट्स का मानना है कि निकट भविष्य में चांदी 1.30 लाख का स्तर छू सकती है। जबकि सोना 85,000 के करीब पहुंचने की संभावना है
कैसी रही परफॉर्मेंस?
अगर हम पिछले साल की परफॉर्मेंस की बात करें तो संवत 2080 में सोना और चांदी, दोनों ही धातुओं ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया। बीते 1 साल में सोने ने 30 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया। जबकि निफ्टी का रिटर्न केवल 25 परसेंट के आस-पास रहा है। वहीं, चांदी तो सोने से भी आगे निकलकर 40.5 परसेंट का रिटर्न देने में कामयाब रही है। भू-राजनीतिक तनाव और प्रमुख देशों की ब्याज दरों में संभावित कटौती के चलते दोनों ही धातुओं में मजबूती बनी रही है। त्योहारी सीजन में भी चांदी की डिमांड ने सोने की बिक्री को पीछे छोड़ दिया है।
इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के मुताबिक ऊंची कीमतों के असर से त्योहारी सीजन में सोने की बिक्री में वॉल्यूम के हिसाब से 15 परसेंट की गिरावट देखी गई। जबकि चांदी की बिक्री में 30-35 परसेंट की बढ़ोतरी हुई है। इस बदलाव की मुख्य वजह यही है कि सोने की बढ़ती कीमतों के चलते लोग सुरक्षित विकल्प की तलाश में चांदी की तरफ मुड़ रहे हैं। ऐसे में कुल मिलाकर यही कहा जा सकता है कि अगर आप सुरक्षित निवेश चाहते हैं तो सोना एक अच्छा विकल्प है लेकिन अगर आप थोड़ा ज्यादा जोखिम लेकर बेहतर रिटर्न की उम्मीद कर रहे हैं तो चांदी आपके लिए अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और इसे निवेश सलाह के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। निवेश निर्णय लेने से पहले एक वित्तीय सलाहकार से परामर्श करने की सिफारिश की जाती है।