Yes Bank पर आई रिपोर्ट, स्टॉक में आई गिरावट
Goldman Sachs के एनालिस्ट का कहना है कि फाइनेंशियल सेक्टर अब चुनौतीपूर्ण समय की ओर बढ़ रहा है। मजबूत ग्रोथ और बेहतर मुनाफे का दौर अब छोटी अवधि में खत्म होने वाला है। फंडिंग के माहौल में ढांचागत चुनौतियों की वजह से कॉस्ट ऑफ फंड्स पर दबाव बढ़ रहा है।

Goldman Sachs ने बैंकिंग स्टॉक्स पर आज एक रिपोर्ट जारी की है। बैंक को लेकर ये ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म अब सतर्क नजर आ रहा है। अपनी इस रिपोर्ट में ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म Goldman Sachs ने SBI, ICICI Bank और Yes Bank की शेयर रेटिंग को घटा दिया है।ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर में अब चुनौतियां बढ़ते दिख रही है। इस फर्म ने देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक यानी SBI की रेटिंग को घटाकर 'न्यूट्रल' कर दिया है। साथ ही स्टॉक र ₹741 प्रति शेयर का टारगेट प्राइस तय किया है।
ब्रोकरेज फर्म
ब्रोकरेज फर्म ने कहा, "1-साल फॉरवर्ड P/B का 1.2 गुना वैल्युएशन और मुनाफे का डायनेमिक्स को देखते हुए कह सकते हैं। इस स्टॉक का वैल्युएशन वाजिब स्तर पर है। हम अपने वैल्युएशन के तरीके पर अनुमान लगा रहे हैं कि अगले 12 महीने में यह स्टॉक ₹741 प्रति शेयर के भाव पर होगा।" इसके अलावा ICICI Bank पर ब्रोकरेज फर्म ने रेटिंग घटाकर 'न्यूट्रल' राय दी है और शेयर का टारगेट प्राइस ₹1,068 प्रति शेयर तय किया है। कोरोना के बाद इस बैंक के रिटर्न ऑन एसेट्स (RoA) में बूस्ट देखने को मिला है. लेकिन, इस एनालिस्ट का मानना है कि यह सामान्य स्तर पर आने वाला है। Yes Bank पर इस ब्रोकरेज फर्म ने ₹16 प्रति शेयर का टारगेट प्राइस तय करते हुए 'बिक्री' की राय दी है। हाल में इस स्टॉक में शानदार तेजी देखने को मिली है। अब Goldman Sachs का कहना है कि मार्जिन प्रोफाइल में सुस्ती और क्रेडिट कॉस्ट की चुनौतियों के बीच बैंक के फाइनेंशियल पर दबाव देखने को मिल रहा है। इस रिपोर्ट के बाद यश बैंक के शेयर में आज करीब 3% की गिरावट देखने को मिल रही है। हालांकि, इससे अलग Bajaj Finance की रेटिंग को इस ब्रोकरेज फर्म ने 'बिक्री' से घटाकर 'न्यूट्रल' करे के साथ ही ₹6,815 प्रति शेयर का टारगेट तय किया है। HDFC Bank पर एनालिस्ट ने 'खरीदारी' की राय के साथ ₹1,915 प्रति शेयर तय किया है।
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क्यों बढ़ रही इन बैंकों की चुनौती?
दरअसल, Goldman Sachs के एनालिस्ट का कहना है कि फाइनेंशियल सेक्टर अब चुनौतीपूर्ण समय की ओर बढ़ रहा है। मजबूत ग्रोथ और बेहतर मुनाफे का दौर अब छोटी अवधि में खत्म होने वाला है। फंडिंग के माहौल में ढांचागत चुनौतियों की वजह से कॉस्ट ऑफ फंड्स पर दबाव बढ़ रहा है और ये बैंकों के लिए चिंताजनक है। Goldman Sachs ने इस रिपोर्ट में लिखा है कि कंज्यूमर लेवरेज को लेकर चिंता बढ़ रही है। इससे एसेट क्वॉलिटी के लिए चुनौतियां खड़ी होंगे।