RBI Monetary Policy: आरबीआई के 5 बड़े फैसले, आप पर डालेंगे सीधा असर
महंगाई की स्थिरता, आर्थिक विकास और उपभोक्ताओं पर प्रभाव को उजागर करते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो दर और नीति रुख में कोई बदलाव न करने की घोषणा की।

महंगाई की स्थिरता, आर्थिक विकास और उपभोक्ताओं पर प्रभाव को उजागर करते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो दर और नीति रुख में कोई बदलाव न करने की घोषणा की। केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने 4:2 के बहुमत से यह निर्णय लिया कि 11वीं बार रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर बनाए रखा जाएगा। RBI की MPC ने नीति रुख को ‘न्यूट्रल’ बनाए रखा।
RBI की MPC की बैठक के परिणामों की प्रमुख हाइलाइट्स:
रेपो दर में बदलाव नहीं
RBI ने रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा है और मौद्रिक नीति रुख को ‘न्यूट्रल’ बनाए रखा है।
FY25 GDP बढ़ोतरी अनुमान में संशोधन
RBI ने FY25 GDP बढ़ोतरी अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने Q3FY25 GDP बढ़ोतरी अनुमान को 7.4 प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत, Q4FY25 GDP वृद्धि अनुमान को 7.4 प्रतिशत से घटाकर 7.2 प्रतिशत और Q1FY26 GDP वृद्धि अनुमान को 7.3 प्रतिशत से घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है। RBI को उम्मीद है कि Q2FY26 में GDP वृद्धि 7.3 प्रतिशत रहेगी।
महंगाई अनुमान
RBI का मानना है कि महंगाई अगले वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही तक अपने 4 प्रतिशत के लक्ष्य तक आ सकती है। उसने FY25 महंगाई अनुमान को 4.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.8 प्रतिशत कर दिया है। Q3FY25 में महंगाई 5.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो पहले 4.8 प्रतिशत था। Q4FY25 महंगाई अनुमान को 4.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.5 प्रतिशत कर दिया गया है और Q1FY26 महंगाई अनुमान को 4.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.6 प्रतिशत कर दिया गया है। Q2FY26 में महंगाई 4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
CRR पर फैसला
हालांकि CRR में 0.50 प्रतिशत की कटौती की गई है। CRR 4.50% से घटाकर 4% कर दिया गया है। सीआरआर यानी कैश रिजर्व रेश्यो (Cash Reserve Ratio-CRR). सभी बैंकों को अपनी कुल जमा राशि का निश्चित हिस्सा रिजर्व बैंक के पास जमा रखना पड़ता है। इसे CRR कहते हैं। ये बाजार में नकदी के प्रवाह पर नियंत्रण रखने का एक टूल है और बैंक की स्थायित्व और जरूरतों को पूरा करने के लिए जरूरी है।