रेट कट के बाद क्या बाजार में सेक्टर रोटेशन होने वाला है?
MK Golbal ने अपने ब्रोकरेज नोट में कहा कि अगर फेड की वजह से भारत में विदेशी निवेशकों के प्रवाह में तेजी आती है तो इससे संभावित करेक्शन नहीं होगा। लेकिन सबसे बड़ी अहम बात ये है कि एफपीआई अब तक बड़े पैमाने पर मौके से चूक गए हैं, लेकिन अब वे हाई वैल्यूएशन के बावजूद भारत में अपना निवेश बढ़ाने के लिए तैयार हैं।

सबके मन में ये सवाल ये है कि रेट कट के बाद क्या सेक्टर का रोटेशन होगा। क्या वो शेयर चलेंगे जिन्हें रेट कट का फायदा मिल सकता है।
MK Golbal ने अपने ब्रोकरेज नोट में कहा कि अगर फेड की वजह से भारत में विदेशी निवेशकों के प्रवाह में तेजी आती है तो इससे संभावित करेक्शन नहीं होगा। लेकिन सबसे बड़ी अहम बात ये है कि एफपीआई अब तक बड़े पैमाने पर मौके से चूक गए हैं, लेकिन अब वे हाई वैल्यूएशन के बावजूद भारत में अपना निवेश बढ़ाने के लिए तैयार हैं। एनएसडीएल के पास उपलब्ध डेटा से पता चलता है कि एफपीआई ने सितंबर में अब तक 33,281 रुपये मूल्य के शेयर खरीदे हैं।
ब्रोकरेज ने कहा, "भारत में 2024 में एफपीआई का नेट फ्लो 42,300 करोड़ रुपये (निफ्टी एम-कैप का 0.2 प्रतिशत) है, जबकि 2023 में यह 1.7 लाख करोड़ रुपये (निफ्टी एम-कैप का 1.2 प्रतिशत) होगा, जो दिखाता है इसमें गुंजाइश है।
एमके ने कहा कि अमेरिकी 10 वर्षीय ट्रेजरी दस महीने पहले चरम पर थी, और उसके बाद से एनएसई-500 में 37 प्रतिशत की तेजी पिछले शिखरों की तुलना में सबसे मजबूत है। यह बात अमेरिकी इक्विटी बाजारों के लिए भी सच है।
रिपोर्ट में कहा गया है, "हमारा मानना है कि ब्याज दरों में कटौती का असर ब्रॉडर मार्केट की बजाए कुछ क्षेत्रों में होगा।
ब्रोकरेज ने कहा कि दूसरी ओर, ऑटो और रियल एस्टेट को आमतौर पर रेट कट साइकिल के दौरान फायदा होता है, लेकिन ऑटो सेक्टर पहले ही अच्छा परफॉर्म कर चुका है।एमके ने कहा कि रेट कट का फायदा एफएमसीजी सेक्टर को मिलने की संभावना है।