Electric Vehicles को लेकर आई नई रिपोर्ट, आंकड़े जानकर रह जाएंगे हैरान!
चीन में प्रोत्साहन योजनाओं और एमिशन टारगेट्स ने इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बढ़ावा दिया है। रिसर्च फर्म Rho Motion की एक रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर में लगातार चौथे महीने EV की बिक्री में तेजी आई है।

चीन में प्रोत्साहन योजनाओं और एमिशन टारगेट्स ने इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बढ़ावा दिया है। रिसर्च फर्म Rho Motion की एक रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर में लगातार चौथे महीने EV की बिक्री में तेजी आई है। इसे बढ़ाने में सबसे बड़ा रोल चीन में इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड में हो रही बढ़ोतरी है। हालांकि यूरोप में बाजार स्थिर हो रहा है लेकिन चीन के दम पर औसत बिक्री में तेजी जारी है।
आंकड़ों के मुताबिक
-वैश्विक स्तर पर इलेक्ट्रिक और प्लग-इन हाइब्रिड वाहनों की बिक्री 2024 में 25 फीसदी बढ़कर 17 मिलियन से ज्यादा हो गई
-जर्मनी को पीछे छोड़कर ब्रिटेन 2024 में यूरोप का सबसे बड़ा बैटरी-इलेक्ट्रिक बाजार बन गया है
इस सफलता के बाद इलेक्ट्रिक कार मैन्युफैक्चरर्स 2025 को एक बदलाव वाले साल के तौर पर देख रहे हैं। इसकी वजह है कि
-चीन में बिक्री की ग्रोथ धीमी हो रही है
-यूरोप में नए एमिशन टार्गेट की शुरुआत हो रही है
-आने वाले ट्रम्प प्रशासन के तहत अमेरिकी नीतियों में संभावित बदलाव को लेकर सवाल उठ रहे हैं
Rho Motion के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर में सालाना आधार पर इलेक्ट्रिक और प्लग-इन हाइब्रिड वाहनों की वैश्विक बिक्री 25.6 परसेंट बढ़कर 1.9 मिलियन यूनिट्स पर पहुंच गई। हालांकि ये ग्रोथ लगातार दूसरे महीने धीमी पड़ी है। अगर अलग अलग देशों में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री के आंकड़ों पर नजर डालें तो
-चीन में दिसंबर में बिक्री 36.5 परसेंट बढ़कर 1.3 मिलियन वाहन हो गई और 2024 के लिए कुल बिक्री 11 मिलियन वाहन रही
-अमेरिका और कनाडा में दिसंबर में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 8.8 फीसदी बढ़कर 0.19 मिलियन यूनिट्स रही
-जबकि यूरोप में बिक्री 0.7 परसेंट बढ़कर 0.31 मिलियन यूनिट्स हो गई
-बाकी दुनिया में दिसंबर में बिक्री 26.4 परसेंट बढ़ी है
Rho Motion के मुताबिक यूरोपीय यूनियन की तरफ से अक्टूबर के आखिर में शुल्क लगाए जाने के बाद प्रमुख चीनी निर्मित इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में कोई साफ गिरावट नहीं आई है। चीन ने EV अपनाने को बढ़ावा देने और आर्थिक विकास को तेज करने के मकसद से पिछले बुधवार को ऑटो ट्रेड-इन सब्सिडी को 2025 तक बढ़ा दिया जो ग्राहक ट्रेड-इन योजना का हिस्सा है। वहीं यूरोपीय संघ में CO2 एमिशन नियमों के चलते, ऑटोमेकर्स ने भारी जुर्माने से बचने के लिए टेस्ला और पोलस्टार जैसी इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियों से कार्बन क्रेडिट खरीदने की योजना बनाई है।