इस मल्टीबैगर डिफेंस स्टॉक में आज आई 5% की तेजी! 6 महीने में दिया 170% से ज्यादा रिटर्न - इस वजह से भाग रहा शेयर
फिलहाल खबर लिखे जानें तक शेयर बीएसई पर दोपहर 1:46 बजे तक 2.43% या 7.90 रुपये की तेजी के 332.35 रुपये पर ट्रेड कर रहा था तो वहीं एनएसई पर स्टॉक 2.37% या 7.70 रुपये चढ़कर 332.35 रुपये पर कारोबार कर रहा था।

Defence Stock: डिफेंस सेक्टर की कंपनी अपोलो माइक्रो सिस्टम्स (Apollo Micro Systems) के शेयरों में आज एक बार फिर से 5% की तेजी देखने को मिली। कंपनी का शेयर आज एनएसई पर 320 रुपये पर खुला था जिसने अभी तक अपना इंट्राडे हाई 340 रुपये को टच किया है।
पिछले 1 महीने में यह शेयर 27% से भी ज्यादा चढ़ चुका है। वहीं सिर्फ 6 महीने में शेयर ने निवेशकों को मल्टीबैगर रिटर्न देते हुए 172 प्रतिशत से ज्यादा का रिटर्न दिया है। वहीं 1 साल में इस शेयर ने निवेशकों को 200% से भी ज्यादा का रिटर्न दिया है।
फिलहाल खबर लिखे जानें तक शेयर बीएसई पर दोपहर 1:46 बजे तक 2.43% या 7.90 रुपये की तेजी के 332.35 रुपये पर ट्रेड कर रहा था तो वहीं एनएसई पर स्टॉक 2.37% या 7.70 रुपये चढ़कर 332.35 रुपये पर कारोबार कर रहा था।
क्यों भाग रहा है स्टॉक?
कंपनी के लेटेस्ट एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक कंपनी ने बताया कि वो आगामी 30 सितंबर को अपनी नई वेबसाइट लॉन्च करेगी जिसके www.apollo-micro.com पर जाकर एक्सेस किया जा सकता है।
हालांकि तेजी के पीछे की असली वजह कंपनी का मजबूत ऑर्डर बुक है। हाल ही में, 18 सितंबर को Apollo ने Sibersentinel Technologies और Zoom Technologies (India) के साथ एमओयू साइन किए हैं। इसके तहत सरकारी एजेंसियों, वित्तीय संस्थानों और महत्वपूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्रों के लिए एडवांस साइबरसिक्योरिटी सॉल्यूशंस विकसित किए जाएंगे। इसमें Apollo की डिफेंस-ग्रेड इलेक्ट्रॉनिक्स विशेषज्ञता और पार्टनर्स की साइबर क्षमताएं मिलेंगी।
डिफेंस प्रोडक्शन में इसकी सहायक कंपनी Apollo Strategic Technologies Pvt Ltd (ASTPL) ने अमेरिका की Dynamic Engineering and Design Inc. से टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और BM-21 Grad रॉकेट मोटर्स के ज्वाइंट डेवलपमेंट व संभावित लाइसेंस प्रोडक्शन के लिए समझौता किया है। कंपनी पहले ही 122mm रॉकेट वॉरहेड इन-हाउस विकसित कर चुकी है और 2026 के मध्य तक परीक्षण और पूर्ण उत्पादन शुरू करने की योजना बना रही है।
इसके अलावा, Apollo को DRDO से NASM-SR मिसाइल के लिए ओमनी-डायरेक्शनल मल्टी-EFP वॉरहेड की तकनीक ट्रांसफर का समझौता मिला है। कंपनी को मल्टी-इन्फ्लुएंस ग्राउंड माइन (MIGM) 'विघ्न' के उत्पादन एजेंसी के रूप में भी मंजूरी दी गई है।
इन साझेदारियों और तकनीकी स्वदेशीकरण ने Apollo को रक्षा क्षेत्र में मजबूती दी है और इसे घरेलू व वैश्विक स्तर पर तेजी से मांग वाले क्षेत्रों में अग्रणी बना दिया है।