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सोमवार को कैसे खुलेगा बाजार, हाई या प्रॉफिट बुकिंग?

पिछले डेढ महीने में ये छह में से पांचवां सप्ताह रहा जब बाजार ने तेजी दिखाई। इस तेजी में रियल्टी सेक्टर ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया, उसके बाद बैंकिंग और वित्तीय सेक्टर रहे, जबकि फार्मा सेक्टर में गिरावट देखी गई। खास बात यह है कि आईटी इंडेक्स, जो आमतौर पर मजबूत रहता है, इस सप्ताह 2.75% की गिरावट के साथ बंद हुआ जो अमेरिका में छंटनी की आशंकाओं और डॉलर की कमजोरी की वजह से रहा।

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ITD Cementation share price: The counter traded higher than the 5-day, 10-, 20-, 30-, 50-, 100-, 150-day and 200-day simple moving averages (SMAs).
ITD Cementation share price: The counter traded higher than the 5-day, 10-, 20-, 30-, 50-, 100-, 150-day and 200-day simple moving averages (SMAs).

भारतीय शेयर बाजार ने इस हफ्ते नया रिकॉर्ड बनाया, किसी को उम्मीद नहीं थी कि बाजार में इतनी तेजी आएगी। दोनों इंडेक्स 25,849.25 और 84,694.46 की ऐतिहासिक ऊंचाइयों पर बंद हुए। अमेरिकी फेड के रेट कट और बेरोजगारी दर के आंकड़ों के बाद अमेरिका में मंदी की बात खारिज होने के बाद बाजार में रिकॉर्ड तेजी आई और इस तेजी के हीरो रहे विदेशी निवेशक जिन्होंने रिकॉर्ड पैसा डाला।

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पिछले डेढ महीने में ये छह में से पांचवां सप्ताह रहा जब बाजार ने तेजी दिखाई। इस तेजी में रियल्टी सेक्टर ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया, उसके बाद बैंकिंग और वित्तीय सेक्टर रहे, जबकि फार्मा सेक्टर में गिरावट देखी गई। खास बात यह है कि आईटी इंडेक्स, जो आमतौर पर मजबूत रहता है, इस सप्ताह 2.75% की गिरावट के साथ बंद हुआ जो अमेरिका में छंटनी की आशंकाओं और डॉलर की कमजोरी की वजह से रहा। 

सबसे ज्यादा तेजी रही बैंक निफ्टी में , जो पिछड़ रहा था, 3.5% की बढ़त के साथ अपने ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया, जबकि मिडकैप इंडेक्स ने मामूली बढ़त दिखाई और स्मॉलकैप इंडेक्स लगभग 1% गिर गया।

प्राइमरी मार्केट गतिविधियां 

प्राइमरी मार्केट में इस हफ्ते भी हलचल रहेगी। छोटे और मध्यम (SME) सेगमेंट में कई नए आईपीओ और महत्वपूर्ण लिस्टिंग होने वाली हैं। साथ ही कई आईपीओ इस हफ्ते बाजार में खुल रहे हैं। जिनमें मनबा फाइनेंस और KRN Heat Exchange प्रमुख हैं।

डेटा

इसके अलावा एचएसबीसी कंपोजिट पीएमआई फ्लैश, मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई फ्लैश और सर्विसेज पीएमआई फ्लैश जैसे प्रमुख मैक्रोइकोनॉमिक संकेतों पर भी नजर रखी जाएगी और साथ ही विदेशी फंड प्रवाह और कच्चे तेल की कीमतों में रुझान पर भी नजर रखी जाएगी।

विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) और घरेलू रुझान

सप्ताह के दौरान विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने आक्रामक रूप से खरीदारी की, शुक्रवार को अकेले ₹14,000 करोड़ का निवेश किया, हालांकि इसका लगभग ₹8,000 करोड़ FTSE Rebalancing की वजह से हुआ। नेट आधार पर, FIIs ने कैश सेगमेंट में ₹11,517.92 करोड़ का निवेश किया, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशक (DIIs) ₹633.67 करोड़ की बिकवाली के साथ नेट सेलर रहे।

वैश्विक संकेत और परिदृश्य
 

अमेरिकी फेड की बड़ी दर कटौती के बावजूद, वैश्विक बाजार सतर्क बने हुए हैं। बैंक ऑफ इंग्लैंड (BoE) ने मुद्रास्फीति के दबाव का हवाला देते हुए दरों को स्थिर रखा, जबकि बैंक ऑफ जापान (BoJ) ने भी जुलाई में ब्याज दर बढ़ाने के बाद अपनी 'वेट-एंड-वॉच' नीति अपनाई।

इस सप्ताह कोई बड़ा ट्रिगर अपेक्षित नहीं है, लेकिन अमेरिकी मैक्रोइकोनॉमिक डेटा बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण होंगे। इजरायल-लेबनान युद्ध का कोई असर होने की संभावना नहीं है। ईरान की तरफ से भी इजरायल को फिलहाल कोई खतरा नजर नहीं आ रहा है।

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Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। BT Bazaar अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।