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दुनिया में मेड इन इंडिया का डंका, भारत का गाड़ियों के एक्सपोर्ट में बड़ा उछाल!

ग्लोबल आर्थिक हालात में सुधार के साथ ही भारतीय वाहनों के निर्यात में 2024-25 की पहली छमाही में डबल डिजिट ग्रोथ दर्ज की गई है। इस दौरान कारों और टू-व्हीलर्स की डिमांड बढ़ने से एक्सपोर्ट में ये तेजी दर्ज की गई है। इसके साथ ही कमर्शियल वाहनों की मांग में भी सुधार आया है।

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ग्लोबल आर्थिक हालात में सुधार के साथ ही भारतीय वाहनों के निर्यात में 2024-25 की पहली छमाही में डबल डिजिट ग्रोथ दर्ज की गई है। इस दौरान कारों और टू-व्हीलर्स की डिमांड बढ़ने से एक्सपोर्ट में ये तेजी दर्ज की गई है। इसके साथ ही कमर्शियल वाहनों की मांग में भी सुधार आया है।

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दुनियाभर में भारतीय गाड़ियों की डिमांड बढ़ने लगी है। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स यानी SIAM के ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत का ऑटोमोबाइल एक्सपोर्ट पिछले साल के मुकाबले 14 परसेंट बढ़ गया है। SIAM के डेटा के हिसाब से अप्रैल से सितंबर के दौरान भारतीय कंपनियों ने 25 लाख 28 हजार 248 गाड़ियां विदेशी मार्केट्स में बेची हैं। पिछले कारोबारी साल की पहली छमाही में ये आंकड़ा 22 लाख 11 हजार 457 था। घरेलू बाजार की तरह ही देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी एक्सपोर्टर्स की लिस्ट में भी टॉप पर है। 

SIAM के मुताबिक

मारुति सुजुकी ने अप्रैल से सितंबर के बीच 1 लाख 47 हजार 63 गाड़ियों का एक्सपोर्ट किया है। एक साल पहले की समान अवधि में ये आंकड़ा 1 लाख 31 हजार 546 था, सालाना आधार पर इसमें 12 परसेंट की बढ़ोतरी हुई है। वहीं अगर बात करें बिक्री में भारत की दूसरे नंबर की कंपनी हुंडई मोटर इंडिया की तो अप्रैल-सितंबर अवधि में हुंडई मोटर इंडिया का टोटल एक्सपोर्ट पिछले साल के मुकाबले 1 फीसदी गिरकर 84 हजार 900 यूनिट्स रहा है। अप्रैल-सितंबर 2023 में कंपनी ने 86 हजार 105 गाड़ियां की एक्सपोर्ट की थी। 

2024-25 की पहली छमाही में कुल पैसेंजर व्हीकल शिपमेंट सालाना आधार पर 12 फीसदी बढ़कर 3 लाख 76 हजार 679 यूनिट्स रहा है। जबकि अप्रैल-सितंबर 2023 में ये संख्या 3 लाख 36 हजार 754 थी। वहीं अगर बात करें टू-व्हीलर्स के एक्सपोर्ट की तो 2024-25 की पहली छमाही यानी अप्रैल से सितंबर के दौरान टू-व्हीलर्स का एक्सपोर्ट सालाना आधार पर 16 फीसदी बढ़कर 19 लाख 59 हजार 145 हो गया। जबकि एक साल पहले इसी अवधि में ये नंबर 16 लाख 85 हजार 907 था। 

स्कूटर एक्सपोर्ट का आंकड़ा

अप्रैल-सितंबर ड्यूरेशन में स्कूटर का एक्सपोर्ट 19 फीसदी बढ़कर 3 लाख 14 हजार 533 रही, जबकि मोटरसाइकिल एक्सपोर्ट 16 परसेंट बढ़कर 16 लाख 41 हजार 804 रहा। कॉमर्शियल व्हीकल का एक्सपोर्ट इस दौरान 12 फीसदी बढ़कर 35 हजार 731 रहा

दुनियाभर में चल रहे संघर्षों और वित्तीय संकट के असर से 2023-24 में भारत के कुल ऑटोमोबाइल एक्सपोर्ट साढ़े 5 परसेंट की कमी आई थी। इस दौरान ग्लोबल मार्केट में भारत से कुल 45 लाख 492 गाड़ियां भेजी गईं थीं। जबकि 2022-23 में ये संख्या 47 लाख 61 हजार 299 रही थी। एक्सपोर्ट में इस ग्रोथ की वजह है कि अमेरिका और अफ्रीका जैसे सुस्त पड़े अब वापस तेजी पकड़ रहे हैं। पिछले साल करेंसी डिवैल्यूएशन के चलते अफ्रीकी देशों सहित कई दूसरे देश केवल जरूरी वस्तुओं का ही इंपोर्ट कर रहे थे।

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Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। BT Bazaar अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।