IREDA में हिस्सेदारी बेचने की तैयारी, जल्द होगी सरकार की मंजूरी
कंपनी के मैनेजमेंट ने मनीकंट्रोल के साथ बातचीत में यह भी बताया कि सरकार से किसी भी दिन मंजूरी मिलने की संभावना है। अगस्त के अंत में IREDA के बोर्ड ने FPO (फॉलोऑन पब्लिक ऑफर) या किसी अन्य माध्यम से धन जुटाने की योजना को स्वीकृति दी थी। कंपनी का लक्ष्य है कि चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक 24,000 से 25,000 करोड़ रुपये तक का कर्ज जुटाया जाए।

सरकारी कंपनी IREDA को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर प्रदीप कुमार दास ने मनीकंट्रोल को दिए एक विशेष इंटरव्यू में बताया कि उन्हें उम्मीद है कि केंद्र सरकार जल्द ही कंपनी में हिस्सेदारी बेचने की मंजूरी देगी। उन्होंने बताया कि IREDA ने सरकार से अपनी हिस्सेदारी में 10% तक कटौती करने का अनुरोध किया है ताकि कंपनी 4,500 करोड़ रुपये से 5,000 करोड़ रुपये तक की राशि मार्च 2025 तक जुटा सके।
FPO लाने की योजना
कंपनी के मैनेजमेंट ने मनीकंट्रोल के साथ बातचीत में यह भी बताया कि सरकार से किसी भी दिन मंजूरी मिलने की संभावना है। अगस्त के अंत में IREDA के बोर्ड ने FPO (फॉलोऑन पब्लिक ऑफर) या किसी अन्य माध्यम से धन जुटाने की योजना को स्वीकृति दी थी। कंपनी का लक्ष्य है कि चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक 24,000 से 25,000 करोड़ रुपये तक का कर्ज जुटाया जाए।
FPO क्या होता है?
एक निवेशक के लिए FPO (फॉलोऑन पब्लिक ऑफर) के बारे में जानना आवश्यक है। FPO के माध्यम से लिस्टेड कंपनियां सेकेंडरी मार्केट में नए शेयर जारी करके धन जुटाती हैं। निवेशक IPO की तरह ही FPO में भी आवेदन कर सकते हैं। कंपनी FPO का प्राइस बैंड और जारी होने वाले शेयरों की संख्या पहले से निर्धारित करती है। यह एक निश्चित समयसीमा के लिए होता है, और इसके शेयर मिलने के बाद निवेशक एक तय तारीख से इनकी खरीद-बिक्री शुरू कर सकते हैं।