IPO in 2024: इस साल अज़ब IPO की ग़जब कहानियां?
EY ग्लोबल IPO ट्रेंड्स Q2 2024 रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल IPO वॉल्यूम में 12% की गिरावट आई है, जबकि आय में साल-दर-साल (YOY) 16% की कमी आई है। हालाँकि, भारत में निवेशकों ने कुछ उल्टा ही कर दिया है। IPO के माध्यम से पूंजी जुटाने के लिए 2023 के पूरे साल के रिकॉर्ड को पार कर लिया है।

भारत की अर्थव्यवस्था तेज़ी से बढ़ रही है और निजी कंपनियाँ इस विकास का लाभ उठाने के लिए IPO लाने के लिए होड में लगी है। रिटेल निवेशक जमकर पैसा लगा रहे है।
EY ग्लोबल IPO ट्रेंड्स Q2 2024 रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल IPO वॉल्यूम में 12% की गिरावट आई है, जबकि आय में साल-दर-साल (YOY) 16% की कमी आई है। हालाँकि, भारत में निवेशकों ने कुछ उल्टा ही कर दिया है। IPO के माध्यम से पूंजी जुटाने के लिए 2023 के पूरे साल के रिकॉर्ड को पार कर लिया है।
जबकि मेनबोर्ड आईपीओ ही बड़ी रकम आकर्षित करते हैं, इस साल कुछ अलग ही खेला हुआ है। जिसमें रिटेल निवेशक एसएमई आईपीओ में जमकर खेला कर रहा है।
2012 से एसएमई आईपीओ से 14,000 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं, जिसमें से लगभग 43% अकेले इस फाइनेंशियल ईयर में जुटाए गए हैं।
2024 में कई एसएमई आईपीओ को भारी ओवरसब्सक्रिप्शन मिला है, कभी-कभी 1,000 गुना से भी ज़्यादा, और करोड़ों रुपये की बोलियाँ। मामूली वित्तीय स्थिति वाली कंपनियाँ भी भारी दिलचस्पी आकर्षित करने में कामयाब रही हैं।
नीचे इस साल के कुछ सबसे आश्चर्यजनक एसएमई आईपीओ दिए गए हैं।
2024 के शीर्ष 7 विचित्र एसएमई आईपीओ
1. बॉस पैकिंग सॉल्यूशंस
पैकेजिंग मशीन, लेबलिंग, कैपिंग और फिलिंग उपकरण की आपूर्ति करने वाली इस कंपनी का इश्यू साइज 8 करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक था, लेकिन इसे 1,073 करोड़ रुपये की बोलियां प्राप्त हुईं , जो 135 गुना अधिक है।
अपनी साधारण शुरुआत और कमज़ोर वित्तीय स्थिति के बावजूद, लोग इसमें पैसा लगाने को टूट पडे। इसके रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (आरएचपी) के अनुसार, बॉस पैकिंग का मुनाफ़ा 2022-23 और 2023-24 में स्थिर रहा और 2023 में इसका शुद्ध ऋण 82% बढ़ गया। कंपनी अहमदाबाद में 500 वर्ग गज की सुविधा से काम करती है। लेकिन लोगों में क्रेज हैरान कर देना वाला था।
2. संसाधनपूर्ण ऑटोमोबाइल
दिल्ली स्थित इस दोपहिया वाहन डीलरशिप का लक्ष्य 12 करोड़ रुपये जुटाना था, लेकिन 400 गुना से अधिक सब्सक्राइब हुआ, तथा बोलियां 4,800 करोड़ रुपये तक पहुंच गईं।
हालांकि, रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल की लिस्टिंग ने फिर से सभी को आश्चर्यचकित कर दिया, क्योंकि इसके शेयर डी-स्ट्रीट पर 117 रुपये पर फ्लैट लिस्ट हुए।
यामाहा मोटरसाइकिल और स्कूटर बेचने और उनकी सर्विस करने वाली इस कंपनी के पास सिर्फ़ आठ कर्मचारियों की एक छोटी सी टीम है। लोग हैरान है कि 8 लोगों वाली कंपनियों पर आखिर कौन टूट पड़ा।
3. हरिओम आटा और मसाले
आटा, मसाले और खाद्य उत्पाद बनाने वाली कंपनी हरिओम आटा एंड स्पाइसेज ने अपने आईपीओ के जरिए 5.54 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई थी, लेकिन उसे 2,013.64 गुना सब्सक्रिप्शन मिला और बोलियां 10,264.72 करोड़ रुपये तक पहुंच गईं।
शेयर 190.94% की बढ़त के साथ सूचीबद्ध हुए। कंपनी 10 एक्सक्लूसिव ब्रांड आउटलेट संचालित करती है, छह फ्रैंचाइज़्ड हैं। इसकी बिक्री और मार्केटिंग टीम में सिर्फ 12 कर्मचारी हैं।
4. ब्रोच लाइफकेयर अस्पताल
मेपल हॉस्पिटल्स नाम से संचालित, ब्रोच लाइफकेयर ने 2012 में अपना परिचालन शुरू किया, जो कार्डियोलॉजी उपचार पर केंद्रित था।
इसने 4 करोड़ रुपए जुटाने के लिए आईपीओ जारी किया, लेकिन इसका रिस्पॉन्स जबरदस्त रहा, कुल 604 करोड़ रुपए की बोलियां मिलीं, जो 151 गुना ओवरसब्सक्रिप्शन को दर्शाता है। कंपनी गुजरात में 40 बेड वाली सिर्फ़ दो शाखाएँ संचालित करती है, जिससे निवेशकों की उच्च स्तर की दिलचस्पी और भी आश्चर्यजनक हो जाती है।
5. कोडी टेक्नोलैब
2017 में स्थापित कोडी टेक्नोलैब फुल-स्टैक सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सेवाएं प्रदान करता है। पिछले सितंबर में इसके आईपीओ का लक्ष्य 27.5 करोड़ रुपये जुटाना था, लेकिन इसे 1,239 करोड़ रुपये की बोलियां मिलीं।
लिस्टिंग के बाद से स्टॉक में 21 गुना की अविश्वसनीय तेजी ने बाजार पर नजर रखने वालों को हैरत में डाल दिया है। मात्र 17 करोड़ रुपये की बिक्री और 4 करोड़ रुपये के शुद्ध लाभ के साथ, कोडी टेक्नोलैब का बाजार पूंजीकरण अब 2,185 करोड़ रुपये है।
6. सनगार्नर एनर्जीज़
बिजली समाधान उपलब्ध कराने वाली इस कंपनी ने अगस्त 2023 में अपने आईपीओ के जरिये 53 करोड़ रुपये जुटाये थे, जिसमें 7,340 करोड़ रुपये की बोलियां प्राप्त हुई थीं।
सनगर्नर ने वित्त वर्ष 24 के लिए 1.04 करोड़ रुपये का मामूली लाभ दर्ज किया, लेकिन अब इसका बाजार पूंजीकरण 164 करोड़ रुपये है।
7. टीजीआईएफ एग्रीबिजनेस
अनार की खेती पर केंद्रित कंपनी टीजीआईएफ एग्रीबिजनेस ने मई 2024 के अपने आईपीओ के जरिए 6.4 करोड़ रुपये जुटाए, जिसे 35 गुना सब्सक्राइब किया गया और कुल 226 करोड़ रुपये की बोलियां मिलीं। वित्त वर्ष 24 में इसने 1.53 करोड़ रुपये का रेवेन्यु और 67 लाख रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया।
इस उन्माद के पीछे क्या है?
निष्कर्ष के तौर पर, 2024 में कुछ सबसे विचित्र एसएमई आईपीओ देखने को मिले हैं, जिसमें अलग-अलग आकार और वित्तीय ताकत वाली कंपनियों पर लोग टूट पड़े। आखिर ये पागलपन है क्या। क्या हम वाकई बुल रन में है?