घर बैठे कर सकेंगे गूगल-अमेजन जैसे विदेशी शेयरों में निवेश, जानिए आसान तरीका
Share Market Investment: अब भारतीय निवेशक अमेरिका के शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं। आर्टिकल में पूरी जानकारी जानते हैं।

अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे अमीर देश है। अमेरिका का शेयर मार्केट भी सबसे बड़ा है। अमेरिकी शेयर बाजार का कुल मार्केट कैप लगभग $53 ट्रिलियन है, जबकि भारतीय शेयर बाजार का साइज सिर्फ $5 ट्रिलियन है।
बड़ी ग्लोबल कंपनियों में इन्वेस्टमेंट का मौका
अब भारतीय निवेशक घर बैठे ही Google, Amazon, Tesla, Meta, Nvidia और Domino’s जैसे बड़े ब्रांड्स में पैसा लगा सकते हैं। इन कंपनियों ने पिछले कुछ सालों में अपने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिए हैं।
विदेशी बाजार में निवेश के फायदे
विदेशी बाजार में निवेश का फायदा है कि जब कंपनियों का बिजनेस बढ़ेगा तो आपके पैसे भी बढ़ेंगे। वहीं, दूसरा बड़ा फायदा ये है कि डॉलर के मुकाबले रुपये कमजोर होने पर रिटर्न और भी ज्यादा हो जाता है।
कैसे करें विदेशी बाजार में निवेश?
भारतीय निवेशक अब Groww, INDmoney, Vested Finance और Interactive Brokers जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के जरिए आसानी से अमेरिकी शेयरों में निवेश कर सकते हैं। इसके लिए Demat Account और Trading Account खोलना होता है। अकाउंट ओपन करते समय PAN Card, Aadhaar Card और Passport की जानकारी देनी पड़ती है।
छोटे बजट में भी होगा निवेश
अगर आपके पास ज्यादा पैसा नहीं है तो चिंता की बात नहीं। Fractional Investing की सुविधा से आप महंगे शेयरों का छोटा हिस्सा भी खरीद सकते हैं। उदाहरण के लिए अगर Google Share Price ₹16,000 है तो आप ₹100 से भी निवेश शुरू कर सकते हैं।
अगर आपको अमेरिकी शेयरों से मुनाफा होता है तो भारत में उस पर टैक्स देना होगा। अगर आप 1 साल से पहले बेचते हैं तो 15% टैक्स का Short-Term Capital Gain लगता है। वहीं, 1 साल बाद बेचने पर 20% टैक्स का Long-Term Capital Gain देना होता है।
इसके साथ ही अगर आपको Dividend Income मिलती है तो उस पर अमेरिका में 25% टैक्स लगता है। हालांकि, भारत में DTAA (Double Taxation Avoidance Agreement) के तहत आप इसका क्रेडिट ले सकते हैं।
कितना पैसा लगा सकते हैं?
Reserve Bank of India की LRS (Liberalised Remittance Scheme) के तहत कोई भी भारतीय नागरिक हर साल लगभग ₹2 करोड़ तक विदेश में निवेश कर सकता है। इसके लिए आपको अपने बैंक के साथ Form A2 भरना होता है और यह बताना होता है कि आप यह पैसा विदेशी निवेश के लिए भेज रहे हैं।
विदेशी बाजारों में निवेश करने से रिटर्न का स्कोप बढ़ जाता है लेकिन रिस्क भी बना रहता है। इसलिए उतना ही निवेश करें जितना आप खोने के लिए तैयार हों। साथ ही सही जानकारी और गाइडेंस लेकर ही इन्वेस्टमेंट की शुरुआत करें।