Delhi-NCR में कितनी तेजी से बढ़ रही है रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की कीमत?
2024 में भारत के रेजिडेंशियल रियल एस्टेट सेक्टर का मिला जुला प्रदर्शन रहा है। ANAROCK की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल घरों की बिक्री में मामूली गिरावट आई है। हालांकि घरों के दाम में तेजी ने सेल्स वैल्यू में डबल डिजिट में इजाफा किया है।

2024 में भारत के रेजिडेंशियल रियल एस्टेट सेक्टर का मिला जुला प्रदर्शन रहा है। ANAROCK की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल घरों की बिक्री में मामूली गिरावट आई है। हालांकि घरों के दाम में तेजी ने सेल्स वैल्यू में डबल डिजिट में इजाफा किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक
देश के टॉप 7 हाउसिंग मार्केट्स में घरों की बिक्री 4 फीसदी घटकर 4.59 यूनिट्स रह गई। जबकि 2023 में ये आंकड़ा 4.76 लाख था, लेकिन अच्छी खबर ये रही कि कुल सेल्स वैल्यू 4.88 लाख करोड़ से 16 फीसदी बढ़कर 5.68 लाख करोड़ रुपए हो गई।
जानकारों का मानना है कि 2 साल की तेजी के बाद बिक्री में मामली गिरावट के ज्यादा मायने नहीं है। उनको भरोसा है कि अगले साल ब्याज दरों में होने वाली संभावित कमी प्रॉपर्टी मार्केट को नई बूस्टर डोज देने का काम करेगी। अगर अलग हाउसिंग मार्केट्स के प्रदर्शन पर नजर डालें तो दिल्ली-NCR की जबरदस्त परफॉरमेंस रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक
दिल्ली-NCR में रेजिडेंशियल प्राइसेज़ में 30 फीसदी की सालाना बढ़ोतरी हुई जबकि कुल औसत 21 फीसदी का रहा है। देश भर में जहां नई लॉन्चिंग में 7 परसेंट की कमी आई है वहीं NCR में नई लॉन्चिंग 44 फीसदी बढ़ी है। हालांकि बिक्री की संख्या के मामले में दिल्ली-NCR में 6 फीसदी कि गिरावट देखी गई है
वहीं अगर बाकी शहरों की बात करें तो फिर रिपोर्ट के मुताबिक
MMR में सबसे ज्यादा 1.55 लाख यूनिट्स की बिक्री हुई है। उसके बाद पुणे में 81 हजार बेंगलुरु में 65 हजार दिल्ली-NCR में 62 हजार हैदराबाद में 58 हजार से ज्यादा चेन्नई में 19 हजार कोलकाता में 18 हजार यूनिट्स की बिक्री हुई है।
इन 7 शहरो में से केवल MMR में 1 फीसदी और बेंगलुरु में 2 परसेंट की मामूली बढ़ोतरी हुई है। 2024 में लग्जरी और अल्ट्रा-लग्जरी सेगमेंट का हिस्सा बढ़कर कुल नई सप्लाई के 30 फीसदी से बराबर हो गया, NCR और बेंगलुरु ने इन हाई-एंड प्रॉपर्टीज़ में सबसे ज्यादा योगदान दिया है। वहीं मिड सेगमेंट का 28 परसेंट और अफोर्डेबल होम्स की हिस्सेदारी घटकर महज 16 फीसदी रह गई। यानी हाउसिंग सेल्स में कमी को रोकने में लग्जरी और मिड-सेगमेंट प्रॉपर्टीज़ की ग्रोथ ने काफी मदद की है। माना जा रहा है कि नए साल में भी नई सप्लाई और कीमतों में स्थिरता बनी रह सकती है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और इसे निवेश सलाह के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। निवेश निर्णय लेने से पहले एक वित्तीय सलाहकार से परामर्श करने की सिफारिश की जाती है।