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IPO के बाजार में किसने किया रिकॉर्ड कायम?

इस साल भारतीय रियल एस्टेट मार्केट में IPOs ने नया रिकार्ड कायम कर दिया है। इससे ये साल भारत के रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक ऐतिहासिक साल साबित हो रहा है। इस साल 20 अक्तूबर तक जहां पिछले पूरे साल के 120 IPOs के मुकाबले 123 IPOs आए हैं वहीं कॉलियर्स की रिपोर्ट में दिए गए आंकड़ों के मुताबिक इस साल अब तक

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IPO के बाजार में किसने किया रिकॉर्ड कायम?
IPO के बाजार में किसने किया रिकॉर्ड कायम?

इस साल भारतीय रियल एस्टेट मार्केट में IPOs ने नया रिकार्ड कायम कर दिया है। इससे ये साल भारत के रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक ऐतिहासिक साल साबित हो रहा है। इस साल 20 अक्तूबर तक जहां पिछले पूरे साल के 120 IPOs के मुकाबले 123 IPOs आए हैं वहीं कॉलियर्स की रिपोर्ट में दिए गए आंकड़ों के मुताबिक इस साल अब तक 7 रियल एस्टेट IPOs लिस्ट हुए हैं जिन्होंने मिलकर करीब 135 अरब रुपये जुटाए हैं। ये आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले करीब दोगुना है जब 5 रियल एस्टेट IPOs ने 69 अरब रुपये जुटाए थे।

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इस तरह से 2024 IPO के जरिए रियल एस्टेट कंपनियों का अबतक का सबसे सफल साल बन गया है। कॉलियर्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2010 के बाद से अबतक रियल एस्टेट सेक्टर में कुल 47 IPOs आए हैं। लेकिन 2021 से इस साल तक आए 20 से ज्यादा IPOs ने 300 अरब रुपये से ज्यादा रकम जुटाई है।

रियल एस्टेट में IPOs का बड़ा हिस्सा Housing Finance Companies और REITs ने हासिल किया है। 2021 से 2024 तक के आंकड़ों को देखें तो Housing Finance Companies ने कुल फंडिंग का 46 फीसदी हिस्सा जुटाया है, जबकि REITs का योगदान 22 परसेंट रहा है। वहीं रियल एस्टेट डेवलपर्स का हिस्सा 17 फीसदी और हॉस्पिटैलिटी कंपनियों का 13 परसेंट हिस्सा रहा है।

IPOs के जरिए फंड जुटाने में कामयाबी हासिल

IPO के जरिए रकम जुटाने वाले डेवलपर्स में रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीज पर फोकस करने वाले रियल एस्टेट डेवेलपर्स हैं। इन्होंने 2021-2024 के दौरान IPO के जरिए करीब 56 अरब रुपये के फंड्स जुटाए हैं। 2017-2020 के 5 अरब रुपये के मुकाबले 10 गुना से भी ज्यादा हैं। इसके पहले 6 साल यानी 2010-2016 के दौरान डेवलपर्स ने 40 अरब रुपए IPO से जुटाए थे। इससे ये साफ जाहिर होता है कि हाउसिंग, कमर्शियल, और रिटेल सेगमेंट में बढ़ती डिमांड की वजह से रियल एस्टेट डेवलपर्स, HFCs, और REITs ने IPOs के जरिए फंड जुटाने में कामयाबी हासिल की है।

रियल एस्टेट IPOs में 2024 में कई नई कैटेगरीज में भी डाइवर्सिफिकेशन किया है। इनमें Flex Space Operators और Small और Medium Real Estate Investment Trusts शामिल हैं। इन नए सेगमेंट्स के जुड़ने से रियल एस्टेट IPOs का दायरा और बड़ा हो गया है। इस साल BSE Realty Index ने भी 30 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की है, जो Sensex के मुकाबले निवेशकों को बेहतर रिटर्न्स दे रहा है। यही नहीं 2024 में लिस्ट हुए करीब 90 फीसदी रियल एस्टेट IPOs ओवरसब्सक्राइब हुए हैं जो मार्केट के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

इस तेजी की मुख्य वजह भारत की आर्थिक स्थिति का मजबूत होना, रिटेल और इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स की बढ़ती भागीदारी, और बाजार में मौजूद लिक्विडिटी का होना है। इससे साफ है कि निवेशक इस मार्केट में अपनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं और रियल एस्टेट सेक्टर पर उनका भरोसा लगातार बढ़ता जा रहा है।

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डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और इसे निवेश सलाह के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। निवेश निर्णय लेने से पहले एक वित्तीय सलाहकार से परामर्श करने की सिफारिश की जाती है।
 

Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। BT Bazaar अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।