scorecardresearch

आपके पास है RIL का शेयर? समझिए क्या होने वाला है?

पिछले एक महीने में रिलायंस के शेयर में 4.34% की गिरावट दर्ज की जा चुकी है। वहीं पिछले 6 महीने का ट्रैक रिकॉर्ड देखें तो 5.37% गिर चुका है शेयक। वहीं और ब्रॉडर प्रस्पेक्टिव में देखें तो एक साल में शेयर 14.90% यानि करीब 15 प्रतिशत टूट चुका है। मौजूदा वक्त में ये शेयर करीब 2,242 रुपए पर ट्रेड कर रहा है। वहीं इसके 52 हफ्तों के लॉ को देखें तो ये 2180 रुपए पर था और हाई 2,856 रुपए पर... और हां ये भी जान लीजिए कि ये शेयर अपने हाई से 21 प्रतिशत से ज्यादा टूट चुका है।

Advertisement
thumb
thumb

आपके पास है RIL का शेयर? समझिए क्या होने वाला है?

इस स्टॉक के लिए कहा जाता है कि अगर आपके पास ये स्टॉक नहीं तो आपका पोर्टफोलियो अधूरा है। लेकिन इस बार इस स्टॉक को लेकर पूरा शेयर बाजार तो बाजार बल्कि बड़े-बड़े ब्रोकरेज हाउसेस भी दो हिस्सों में बंट गए हैं। हम बात कर रहे हैं देश की सबसे वैल्यूएबल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की.... एक तरफ बुल्स का मानना है कि ऐसा मौका सालों में आता है, जब रिलायंस का शेयर जबरदस्त डिस्काउंट पर मिल रहा है। वहीं दूसरी ओर बियर्स का मानना है कि मौजूदा वक्त में ऐसे कई फैक्टर्स काम कर रहे हैं जिसके चलते इस शेयर में और भी गिरावट आ सकती है। वहीं ब्रोकरेज हाउसेस की राय भी इस शेयर पर बंट गई है। लेकिन ऐसा हुआ क्यों है? पिछले 5 सालों में 148% से ज्यादा रिटर्न देने वाला स्टॉक लगातार गिर क्यों रहा है? और क्या ये गिरावट और गहराने वाली है? अगर हां तो किन फैक्टर्स के जरिए पहले से अंदाजा लगाया जा सकता है। लेकिन ऐसा नहीं है तो रिलायंस हर बार की तरह सबकों चौंकाते हुए छप्पड़ फाड़ रिटर्न देगा? आइये जानते हैं तमाम सवालों के जवाब।

advertisement

सबसे पहले शेयर की चाल को समझते हैं। पिछले एक महीने में रिलायंस के शेयर में 4.34% की गिरावट दर्ज की जा चुकी है। वहीं पिछले 6 महीने का ट्रैक रिकॉर्ड देखें तो 5.37% गिर चुका है शेयक। वहीं और ब्रॉडर प्रस्पेक्टिव में देखें तो एक साल में शेयर 14.90% यानि करीब 15 प्रतिशत टूट चुका है। मौजूदा वक्त में ये शेयर करीब 2,242 रुपए पर ट्रेड कर रहा है। वहीं इसके 52 हफ्तों के लॉ को देखें तो ये 2180 रुपए पर था और हाई 2,856 रुपए पर... और हां ये भी जान लीजिए कि ये शेयर अपने हाई से 21 प्रतिशत से ज्यादा टूट चुका है। 

सबसे पहले समझ लीजिए कि इस शेयर में गिरावट आ क्यों रही है। 

इस वक्त निवेशकों का सबसे बड़ा कन्सर्न है, क्लैरिटी जी हां आखिर कंपनी कैपिटल एक्सपेंडिचर को लेकर क्या कर रही है निवेशकों को इस पर क्लैरिटी नहीं है। पिछले कुछ वक्त से कंपनी तेजी से एक्विजिशन कर रही है। चाहें वो रिटेल वेंचर में कैंपा कोला ब्रैंड को रि-लॉन्च करना हो या जर्मनी की रिटेल कंपनी मेट्रो AG की भारत स्थित होलसेल ऑपरेशन का अधिग्रहण कंपनी तेजी से काम कर रही है। लेकिन जितनी तेजी से काम हो रहा है... कंपनी पर डेट भी उतना ही बढ़ रहा है। खबरों की मानें एक वक्त में डेट फ्री होने वाली कंपनी पर मौजूदा कर्ज 1 लाख करोड़ से ऊपर निकल गया है। वहीं इससे मिलने वाला रिटर्न भी अनएक्सपेटिड है।

दूसरी बड़ी वजह - रिलायंस के पेट्रो केमिकल बिजनेस में प्रोडक्ट्स के मार्जिन में रिकवरी देखने को नहीं मिली है। क्योंकि चीन पूरी तरह से ओपन-अप नहीं हुआ और ऐसे में अगर चीन का बाजार पूरी तरह से खुलता, तो उससे डिमांड बढ़ती और रिलायंस के पेट्रोल केमिकल बिजनेस में मार्जिन बेहतर होते, लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं हो पाया है।

तीसरा कारण - बढ़ती ब्याज दरों के चलते कंपनी के इंट्रस्ट कॉस्ट से कंपनी के प्रोफिट्स पर असर देखने को मिल सकता है। जिससे आगे चलकर शेयर की कीमत पर नेगेटिव असर देखने को मिल सकता है। 

इस सभी पहलुओं को देखते हुए ब्रोकरेज हाउस मेक्वायरी ने रिलायंस का लक्ष्य 2050 रुपए कर दिया है यानि की मेक्वायरी के मुताबिक इस शेयर में गिरावट आने की उम्मीद है। वहीं दूसरी ओर हमे ये भी नहीं भूलना चाहिए कि देश की सबसे बड़ी कंपनी का पिछले 5 सालों के कंपाउंड एन्युएल ग्रोथ की बात करें तो आय में 13 प्रतिशत और मुनाफे में 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 

वहीं इसका स्टोरी का दूसरा एंगल देखें तो CLSA, जेपी मॉर्गन, कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज और जेफरीज़ समेत ब्रोकरेज हाउस ने पिछले कुछ दिनों में रिलायंस इंडस्ट्रीज पर अपनी 'खरीद' की रेटिंग को दोहराया है। हाल ही में आई गिरावट की वजह से शेयर की कीमतें अभी सस्ती हैं। इन एक्सपर्ट्स के मुताबिक, स्टॉक रेंज पर उनका टार्गेट प्राइज ₹2,900 और ₹3,100 के बीच है। यानि कि इस शेयर में 40 प्रतिशत की बंपर तेजी देखी जा सकती है।

advertisement

Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। BT Bazaar अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।