scorecardresearch

बीएसई और एनएसई ने ट्रांजेक्शन चार्ज में किया बदलाव, 1 अक्टूबर से लागू होंगी नई दरें

एनएसई ने भी विभिन्न सेगमेंट्स में ट्रांजेक्शन चार्ज में बदलाव की घोषणा की है, जो 1 अक्टूबर से लागू होंगे। एक्सचेंज के मुताबिक, कैश सेगमेंट में एक लाख रुपये की ट्रेड वैल्यू पर दोनों ओर 2.97 रुपये का चार्ज लगेगा। इक्विटी फ्यूचर्स में यह शुल्क 1.73 रुपये प्रति लाख रुपये ट्रेड वैल्यू होगा, जबकि इक्विटी ऑप्शंस में एक लाख रुपये की प्रीमियम वैल्यू पर दोनों ओर 35.03 रुपये का चार्ज लगेगा। करेंसी फ्यूचर्स पर यह शुल्क 0.35 रुपये प्रति लाख रुपये ट्रेड वैल्यू होगा, जबकि करेंसी ऑप्शंस और इंटरेस्ट रेट ऑप्शंस पर 31.10 रुपये प्रति लाख प्रीमियम वैल्यू चार्ज किया जाएगा।

Advertisement

बीएसई और एनएसई ने अपने ट्रांजेक्शन चार्ज में संशोधन कर दिया है, जिसकी नई दरें 1 अक्टूबर से लागू होंगी। स्टॉक एक्सचेंज ने शुक्रवार को इस बदलाव की जानकारी दी। बीएसई के अनुसार, इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट में सेंसेक्स और बैंकेक्स ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट के लिए ट्रांजेक्शन चार्ज बढ़ाकर 3250 रुपये प्रति करोड़ प्रीमियम टर्नओवर वैल्यू कर दिए गए हैं। हालांकि, अन्य इक्विटी डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स में ट्रांजेक्शन चार्ज में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सेंसेक्स फिफ्टी और स्टॉक ऑप्शंस में यह चार्ज 500 रुपये प्रति करोड़ प्रीमियम टर्नओवर वैल्यू रहेगा।

advertisement

एनएसई ने भी विभिन्न सेगमेंट्स में ट्रांजेक्शन चार्ज में बदलाव की घोषणा की है, जो 1 अक्टूबर से लागू होंगे। एक्सचेंज के मुताबिक, कैश सेगमेंट में एक लाख रुपये की ट्रेड वैल्यू पर दोनों ओर 2.97 रुपये का चार्ज लगेगा। इक्विटी फ्यूचर्स में यह शुल्क 1.73 रुपये प्रति लाख रुपये ट्रेड वैल्यू होगा, जबकि इक्विटी ऑप्शंस में एक लाख रुपये की प्रीमियम वैल्यू पर दोनों ओर 35.03 रुपये का चार्ज लगेगा। करेंसी फ्यूचर्स पर यह शुल्क 0.35 रुपये प्रति लाख रुपये ट्रेड वैल्यू होगा, जबकि करेंसी ऑप्शंस और इंटरेस्ट रेट ऑप्शंस पर 31.10 रुपये प्रति लाख प्रीमियम वैल्यू चार्ज किया जाएगा।

क्यों किया गया बदलाव?

यह बदलाव सेबी के 1 जुलाई 2024 के सर्कुलर के अनुसार किया गया है, जो मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशन्स (MII) द्वारा लगाए जाने वाले शुल्कों से संबंधित था। सेबी ने निर्देश दिया था कि MII का शुल्क स्ट्रक्चर सभी के लिए समान होना चाहिए। पहले ये शुल्क ट्रेडिंग मेंबर्स के वॉल्यूम पर आधारित थे, लेकिन अब सेबी ने स्पष्ट किया है कि चार्जेस "ट्रू टू लेबल" होने चाहिए, यानी ग्राहकों से वसूला जाने वाला शुल्क वही होना चाहिए जो ट्रेडिंग मेंबर MII को भुगतान करते हैं।

Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। BT Bazaar अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।