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पति-पत्नी के झगड़े से स्टॉक में बड़ी गिरावट

रेमंड ग्रुप का कारोबार फैब्रिक से लेकर रियल एस्टेट में फैला हुआ है। कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन पिछले कुछ वर्षों में काफी सुधरा है।

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Raymond ग्रुप के एमडी गौतम सिंघानिया और उनकी पत्नी नवाज मोदी के अलग होने का असर कंपनी पर देखने को मिल रहा है
Raymond ग्रुप के एमडी गौतम सिंघानिया और उनकी पत्नी नवाज मोदी के अलग होने का असर कंपनी पर देखने को मिल रहा है

Raymond Group के एमडी Gautam Singhania और उनकी पत्नी Nawaz Modi के अलग होने का असर कंपनी पर देखने को मिल रहा है। जब से दोनों के अलग होने और एक के बाद एक नये सनसनीखेज आरोपों से कंपनी के निवेशकों की टेंशन बढ़ा दी है। रेमंड के शेयर में पिछले सात दिनों से लगातार गिरावट हो रही है। इस कारण रेमंड की मार्केट कैप में 1500 करोड़ रुपये की गिरावट हुई है। ब्‍लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक , कंपनी के चेयरमैन गौतम सिंघानिया और उनकी पत्नी नवाज सिंघानिया के बीच तलाक की खबर ने निवेशकों के बीच अनिश्चितता पैदा कर दी है और इस बीच सातवें दिन भी कंपनी के शेयर्स में गिरावट देखने को मिली। दिवाली के एक दिन बाद यानी 13 नवंबर से ही सिंघानिया दंपति के अलग होने की खबर आई थी। 13 नवंबर के बाद से स्टॉक में 12% की गिरावट आई है, जिससे कंपनी की मार्केट वैल्‍यू में 180 मिलियन डॉलर यानि 1500 करोड़ रुपये से ज्यादा की गिरावट आई। यहां तक के बुधवार को कंपनी के शेयरों में 4.4% की गिरावट आई, जो 25 अक्टूबर के बाद सबसे बड़ी गिरावट है।

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क्योंकि हमने आपको खबरें भी दिखाई थी कि कि गौतम सिंघानिया की पूर्व पत्नी नवाज मोदी ने फैमिली सेटलमेंट के तहत खुद के लिए और दोनों बेटियों के लिए गौतम सिंघानिया से उनकी संपत्ति का 75% यानी करीब 8745 करोड़ रुपये की डिमांड की है। जबकि गौतम सिंघानिया की कुल नेटवर्थ 1.4 बिलियन डॉलर यानी करीब 11,600 करोड़ रुपये की है। खबरों की मानें तो नवाज को बोर्ड मेंबर के तौर पर वित्त वर्ष में कंपनी ने 31.50 लाख रुपये की राशि फीस और कमीशन के रूप में दी गई थी। वहीं वित्त वर्ष 2021-22 में राशि 19 लाख रुपये के आसपास थी। उनके पास 2,500 के करीब रेमंड के शेयर हैं। निवेशकों और स्टॉक पर कंपल के सेपरेशन को लेकर अनिश्चितता का असर पड़ रहा है। किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि इस तरह की खबर सामने आएगी और इसका कंपनी पर इस तरह का असर होगा। चूंकि पत्नी बोर्ड की मेंबर हैं, इसलिए ये कॉर्पोरेट गवर्नेंस का मुद्दा बन गया है। रेमंड ग्रुप का कारोबार फैब्रिक से लेकर रियल एस्टेट में फैला हुआ है। कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन पिछले कुछ वर्षों में काफी सुधरा है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी की आय करीब 8,215 करोड़ रुपये रही थी। इस दौरान कंपनी को 537 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था।

Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। BT Bazaar अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।