Ashish Kacholia इस Pharma स्टॉक पर बुलिश! हिस्सेदारी कर दी डबल
साल 2021 में भारतीय दवा यानि फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री करीब $42 बिलियन डॉलर की थी। वहीं साल 2030 में ये सेक्टर 130 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। भारत दुनिया में जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा सप्लायर है, जिसकी कुल वैश्विक दवा एक्सपोर्ट में 20% हिस्सेदारी है।

साल 2021 में भारतीय दवा यानि फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री करीब $42 बिलियन डॉलर की थी। वहीं साल 2030 में ये सेक्टर 130 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। भारत दुनिया में जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा सप्लायर है, जिसकी कुल वैश्विक दवा एक्सपोर्ट में 20% हिस्सेदारी है।
NIFTY Pharma की चाल देखें तो पिछले एक साल में निवेशकों को 54 प्रतिशत का रिटर्न मिला है। वहीं बीते 6 महीने में ये इंडेक्स करीब 20 प्रतिशत भागा है। कोरोना काल से निवेशकों का रुझान फार्मा कंपनियों की तरफ बढ़ा है। हाल ही में दिग्गज निवेशक Ashish Kacholia ने एक फार्मा सेक्टर की कंपनी के शेयरों पर दांव खेला है। आइये जानते हैं इस खबर के तमाम पहलुओं के बारे में।
फार्मा सेक्टर की कंपनी Beta Drug Ltd में आशीष काचोलिया ने अपनी होल्डिंग बढ़ाई है। अपने हिस्सेदारी 6.7 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर ली है। इस हिसाब से देखें तो आशीष काचोलिया ने अपने निवेश को लगभग डबल कर दिया है। अब उनके पास कंपनी के 1,203,644 इक्विटी शेयर हो गए हैं।
बिजनेस मॉडल
Beta Drugs Limited, खास तौर पर ऑन्कोलॉजी ड्रग्स का निर्माण करती है, जो कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होती है। कंपनी के पोर्टफोलियो में 50 से ज्यादा दवाइयाँ शामिल हैं जो ब्रेन, ब्रेस्ट, बोन और दूसरे तरह के कैंसर को टारगेट करती हैं। टैबलेट, कैप्सूल और इंजेक्शन जैसे प्रोडक्ट कंपनी के मुख्य प्रोडक्ट्स हैं।
वित्तीय सेहत
वित्त वर्ष 2022-23 और वित्त वर्ष 2023-24 के बीच Beta Drug Ltd की नेट सेल्स में अच्छी बढ़ोतरी देखी गई। कंपनी की टोटल सेल्स ग्रोथ ₹227 करोड़ से बढ़कर ₹296 करोड़ तक पहुंच गई। कामकाजी मुनाफा यानि EBITDA ₹53.88 करोड़ से बढ़कर ₹61.5 करोड़ तक पहुचा। नेट प्रॉफिट ₹30.7 करोड़ से बढ़कर ₹36.4 करोड़ आ गया। हालांकि EBITDA मार्जिन में थोड़ी गिरावट आई है। कंपनी अब अपने मार्जिन को 24%-26% के दायरे में लाने की रणनीति पर काम कर रही है।
कंपनी का मार्केट कैप ₹1,895 कोरड़ का है। इसका Stock P/E 52.0 है। कंपनी पूरी तरह से कर्ज मुक्त है। पिछले 3 सालों का ROE 28.0% है, जो एक अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड दिखाता है। वहीं प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 66.73 प्रतिशत के आसपास है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और इसे निवेश सलाह के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। निवेश निर्णय लेने से पहले एक वित्तीय सलाहकार से परामर्श करने की सिफारिश की जाती है।