scorecardresearch

सोना, क्रिप्टो और स्टॉक्स दूर की कौड़ी! भारत के Ultra-Rich खरीद रहे हैं जमीन, आखिर क्यों?

जहां एक और मीडिल क्लास सोना, क्रिप्टो, स्टॉक्स, 3BHKs और वीला खरीदने में लगा है वहीं दूसरी और भारक के अति धनवान लोग (Ultra - Rich) जमीन खरीदने में लगों हैं।

Advertisement

जहां एक और मीडिल क्लास सोना, क्रिप्टो, स्टॉक्स, 3BHKs और वीला खरीदने में लगा है वहीं दूसरी और भारक के अति धनवान लोग (Ultra - Rich) जमीन खरीदने में लगों हैं। 

इंडिया टुडे के रिपोर्ट के मुताबिक लग्जरी रियल एस्टेट सलाहकार ऐश्वर्या कपूर ने बताया कि भारत के टॉप 0.001%, यूनिकॉर्न फाउंडर्स से लेकर विरासत राजवंशों तक, चुपचाप 75 - 500 करोड़ रुपये का पोर्टफोलियो बना रहे हैं, लेकिन स्टॉक या क्रिप्टो में नहीं बल्कि जमीन और  ब्रांडेड रियल एस्टेट में। 

advertisement

ऐश्वर्या कपूर की हाल ही में अपने लिंक्डइन पोस्ट में भारत के अति-धनी लोगों के खरीद पैटर्न को हाइलाइट किया है। ये परिवार सिर्फ घर ही नहीं खरीद रहे हैं, बल्कि वे दिल्ली, मुंबई, गोवा, दुबई और लंदन में पहले से लीज पर लिए गए कमर्शियल फ्लोर, महंगे जमीन, ट्रॉफी पेंटहाउस और ब्रांडेड घर भी खरीद रहे हैं।

ऐश्वर्या कपूर ने बताया कि अति धनवान लोग निवेश पर पारंपरिक रिटर्न के पीछे नहीं भाग रहे हैं। इसके बजाय, उनके पोर्टफोलियो लिक्विड सिक्योरिटी, टाइटल गारंटी, रेंट-यील्ड स्ट्रक्चर और हाई नेट वर्थ रिसेल तक पहुंच के आसपास बनाए गए हैं।

ऐश्वर्या कपूर ने एक दिलचस्प केस स्टडी शेयर करते हुए बताया कि दक्षिण दिल्ली के एक परिवार ने अपना 220 करोड़ रुपये का बंगला बेच दिया और गुड़गांव में 75 करोड़ रुपये के ब्रांडेड घर में रहने लगा। इस कदम से प्रतिष्ठा भी बनी रही, 145 करोड़ रुपये का कैश भी मिला गाय, आधुनिक सेवाओं तक पहुंच भी मिली और जगह भी पांच गुना बढ़ गई।

कपूर ने कहा कि इस बदलाव को स्मार्ट-साइज़िंग कहते हैं, जो यूटिलिटी, लिक्विडिटी और विरासत से मेल खाने के लिए पैसों का जानबूझकर किया गया पुनर्निर्धारण है।

अल्ट्रा-रिच क्यों खरीद रहे हैं जमीन?

जमीन को सबसे अधिक प्रतिष्ठित संपत्ति बनाने वाली चीज है इसकी कमी और एक्सक्लयूसिविटी। कपूर का तर्क है कि आज 25-30 करोड़ रुपये की जमीन का टुकड़ा सिर्फ एक निवेश साइकल में 70-100 करोड़ रुपये में बदल सकता है। खासकर उन एरिया में जहां कैपिचल फ्लो और बुनियादी ढांचा एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। 

ऐश्वर्या कपूर के मुताबिक उच्चतम स्तर पर 400-500 करोड़ रुपये के पोर्टफोलियो तीन पहलुओं पर बनाए जा रहे हैं: पहला- निर्माणाधीन ब्रांडेड प्रोजेक्ट, दूसरा- पट्टे (लीज) पर दी गई कमर्शियल संपत्ति, और तीसरा- ज़ोनिंग अपसाइड के साथ एक रणनीतिक भूमि खेल। 

कपूर ने कहा कि भारत के अरबपति वर्ग के लिए, रियल एस्टेट देश की आखिरी राजवंशीय संपत्ति बनी हुई है - अनियमित, अक्सर कागज पर अंडर वैल्यूड, लेकिन वास्तविक रूप से हमेशा बढ़ती हुई। 

क्रिप्टो या स्टॉक के विपरीत, भारत में जमीन अभी भी गोपनीयता, राजनीतिक लाभ और पैसा बनाने में माहिर है।