बिना गारंटी मिलेगा ₹90,000 तक का लोन! सरकार ने बढ़ाई समयसीमा - अब साल 2030 तक उठा सकते हैं इस स्कीम का लाभ
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना की समयसीमा को बढ़ाकर अब 31 मार्च 2030 तक कर दिया है और इसके तहत मिलने वाले गारंटी-फ्री लोन की लिमिट को 80,000 रुपये से बढ़ाकर 90,000 रुपये कर दिया गया है।

PM Svanidhi Yojana: कोरोना महामारी के दौरान छोटे व्यापारियों और रेहड़ी-पटरी वालों की आजीविका बचाने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना (PM Svanidhi Yojana) में बड़ा बदलाव किया गया है।
आज तक के रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना की समयसीमा को बढ़ाकर अब 31 मार्च 2030 तक कर दिया है और इसके तहत मिलने वाले गारंटी-फ्री लोन की लिमिट को 80,000 रुपये से बढ़ाकर 90,000 रुपये कर दिया गया है।
सरकार का अनुमान है कि इस फैसले से 1.15 करोड़ लाभार्थियों को फायदा होगा, जिनमें 50 लाख नए रेहड़ी-पटरी वाले भी शामिल होंगे। योजना के विस्तार और पुनर्गठन पर सरकारी खजाने से 7,332 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
तीन चरणों में मिलेगा लोन
अब लाभार्थियों को तीन चरणों में लोन मिलेगा:
- पहला चरण: ₹15,000
- दूसरा चरण: ₹25,000 (पहले चरण का लोन समय पर चुकाने पर)
- तीसरा चरण: ₹50,000 (दूसरा लोन चुकाने के बाद)
यानी, किसी भी व्यक्ति को व्यापार शुरू करने के लिए पहले 15,000 रुपये मिलेंगे। यह राशि चुकाने के बाद ही वह अगले चरण का हकदार होगा।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 30 जुलाई 2025 तक 68 लाख से ज्यादा लाभार्थियों को 96 लाख से अधिक लोन दिए जा चुके हैं, जिनकी कुल राशि ₹13,797 करोड़ है। इनमें से करीब 47 लाख लोग डिजिटल रूप से सक्रिय हैं और अब तक ₹6.09 लाख करोड़ मूल्य के 557 करोड़ से ज्यादा लेन-देन कर चुके हैं।
आसान शर्तें और डिजिटल फायदे
इस योजना की खासियत है कि यह पूरी तरह बिना गारंटी वाला लोन है। केवल आधार कार्ड से आवेदन कर लाभार्थी पैसा ले सकता है और इसे सालभर में किस्तों में चुकाना होता है।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि समय पर लोन चुकाने वाले लाभार्थियों को UPI-लिंक्ड रुपे क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा, जिससे उनकी व्यावसायिक और व्यक्तिगत जरूरतें पूरी हो सकेंगी। इसके साथ ही डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने के लिए रिटेल और थोक लेन-देन पर ₹1,600 तक कैशबैक का प्रावधान भी है।
छोटे व्यापारियों को आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से लाई गई इस योजना का उद्देश्य अब और व्यापक हो गया है। सरकार चाहती है कि इससे छोटे व्यापारियों की वित्तीय पहुंच आसान बने और वे दोबारा मजबूती से खड़े हो सकें।