पट्रोल पंप पर आप 0.00 देखते रह जाएंगे और उधर खेला हो जाएगा...अगर बचना है तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान
ज्यादातर लोग पेट्रोल या डीजल डलवाते वक्त सिर्फ 0.00 पर नजर रखते हैं लेकिन हकीकत यह है कि जिस वक्त आप जीरो देखने में व्यस्त होते हैं, उसी वक्त आपकी जेब काटी जा रही होती है।

पेट्रोल पंप पर ज्यादातर लोग पेट्रोल या डीजल डलवाते वक्त सिर्फ 0.00 पर नजर रखते हैं लेकिन हकीकत यह है कि जिस वक्त आप जीरो देखने में व्यस्त होते हैं, उसी वक्त आपकी जेब काटी जा रही होती है। हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो और पेट्रोल पंप कर्मचारियों के खुलासों ने यह साफ कर दिया है कि असली खेल जीरो का नहीं, बल्कि कहीं और का है।
डेंसिटी मीटर पर रखें पैनी नजर
पेट्रोल पंप पर धोखाधड़ी से बचने का सबसे कारगर तरीका डेंसिटी मीटर पर नजर रखना है। यह वह मीटर है जिस पर आमतौर पर ग्राहकों का ध्यान नहीं जाता और न ही पंप का कर्मचारी आपको उधर देखने के लिए कहता है।
एक वायरल वीडियो में पेट्रोल पंप कर्मी ने खुद यह राज खोला है कि जीरो से ज्यादा जरूरी डेंसिटी चेक करना है। डेंसिटी मीटर आपके वाहन में डाले जाने वाले पेट्रोल या डीजल की शुद्धता का पैमाना होता है। यह बताता है कि ईधन कितना गाढ़ा और शुद्ध है। अगर आप इस पर नजर नहीं रखते, तो आप न केवल पैसे गंवा रहे हैं, बल्कि अपनी गाड़ी के इंजन को भी भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं।
क्या हैं शुद्धता के पैमाने?
ईंधन की शुद्धता जांचने के लिए डेंसिटी के कुछ स्टैंडर्ड तय किए गए हैं। आपको बस अगली बार तेल भरवाते समय इन नंबरों को चेक करना है।
- पेट्रोल की डेंसिटी 730 से 800 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के बीच होनी चाहिए।
- डीजल की डेंसिटी 830 से 900 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के बीच होना जरूरी है।
अगर मीटर में दिखने वाली संख्या इस दायरे से बाहर है, तो समझ जाइए कि तेल में मिलावट की गई है और आपको चूना लगाया जा रहा है।
जीरो से सीधे 10 का जंप मतलब खतरा
सिर्फ डेंसिटी ही नहीं, मीटर की रफ्तार भी धांधली का संकेत देती है। जब कर्मचारी जीरो देखने को कहे, तो मीटर चालू होने के बाद भी उसे देखते रहें। अगर रीडिंग जीरो से शुरू होकर 3, 4 या 5 जैसे छोटे अंकों से बढ़ने के बजाय सीधे 10 या उससे ऊपर छलांग लगा दे, तो सावधान हो जाएं। यह मीटर में छेड़छाड़ का साफ संकेत है। ऐसी स्थिति में तुरंत विरोध दर्ज कराएं क्योंकि यह सीधा आपकी जेब पर डाका है।

