Personal loan vs Two Wheeler loan: नई बाइक खरीदने के लिए कौन सा लोन लेना सही? दूर करें कन्फ्यूजन
अगर आपको नई बाइक या स्कूटी खरीदनी है तो आपको क्या करना चाहिए- पर्सनल लोन लेना चाहिए या 2-व्हीलर लोन लेना चाहिए? चलिए इसी के बारे में जानते हैं।

Personal loan vs Two Wheeler loan: देश का ज्यादातर मध्यम वर्ग अपनी कार खरीदने से पहले 2-व्हीलर खरीदता है। बाइक या स्कूटी की कीमत आज कल 1 लाख रुपये के ऊपर या इसके करीब पहुंच चुकी है। ऐसे में कई लोग पूरा कैश पेमेंट कर बाइक नहीं खरीद पाते।
लेकिन आप पर्सनल लोन या 2-व्हीलर लोन के जरिए आसानी से अपनी पहली बाइक या स्कूटी खरीद सकते हैं। अब सवाल उठता है कि अगर आपको नई बाइक या स्कूटी खरीदनी है तो आपको क्या करना चाहिए- पर्सनल लोन लेना चाहिए या 2-व्हीलर लोन लेना चाहिए? चलिए इसी के बारे में जानते हैं।
क्या होता है पर्सनल लोन?
पर्सनल लोन एक ऐसा लोन है जिसे आप बिना कुछ गिरवी रखें बैंक से ले सकते हैं। लोग ज्यादातर यह लोन इमरजेंसी स्थिति में लेते है। हालांकि पर्सनल लोन का इस्तेमाल आप किसी भी कारण के लिए कर सकते हैं। आप चाहें तो अस्पताल में बिल भर सकते हैं, अपने घर की मरम्मत करवा सकते है या फिर बाइक भी खरीद सकते हैं।
हालांकि आपको कितना पर्सनल लोन मिलेगा यह आपके इनकम और क्रेडिट हिस्ट्री पर निर्भर करता है। पर्सनल लोन का इंटरेस्ट रेट अन्य लोन की तुलना में अधिक होता है। सामान्य तौर पर पर्सनल लोन का ब्याज दर सालाना 10.50% से 24% तक होता है जो आपके क्रेडिट स्कोर पर निर्भर करता है।
क्या होता है 2-व्हीलर लोन?
2-व्हीलर लोन एक ऐसा लोन है जो आपको मोटरसाइकिल या स्कूटर खरीदने में मदद करता है। आप एक निश्चित समयावधि में निश्चित EMI में अपना लोन चुका सकते हैं।
2-व्हीलर लोन की ब्याज दर, पर्सनल लोन की तुलना में कम होती है। बैंक या अन्य वित्तीय संस्थाएं आमतौर पर बाइक की कीमत का 80% से 90% तक लोन प्रदान करते हैं बाकी की बची हुई राशि ग्राहकों को खुद देनी होती है।
आपके लिए कौन सा सही?
आपको कौन सा लोन लेना चाहिए यह तीन बात पर निर्भर करता है:
पहला- आपकी फाइनेंशियल स्थिति क्या है?
अगर आप सस्ते ब्याज दर पर लोन लेना चाहते हैं तो आपके लिए 2-व्हीलर लोन अच्छा विकल्प हो सकता है, लेकिन लोन कंपनियां सिर्फ बाइक की कीमत का 80 या 90 प्रतिशत ही लोन देती है। लेकिन बाइक खरीदने के अलावा आपको इंश्योरेंस, टैक्स इत्यादि का अधिक खर्च खुद ही देना होगा इसलिए अगर आपको ज्यादा पैसा चाहिए तो आपको पर्सनल लोन लेना चाहिए।
दूसरा- रिपेमेंट टर्म
2-व्हीलर लोन की रिपेमेंट अवधि कम होती है क्योंकि इसकी EMI की अमाउंट अधिक होती है जिससे कुल रिपेमेंट अवधि कम हो जाती है।
वहीं पर्सनल लोन में EMI का अमाउंट कम होता है और रिपेमेंट टाइम अधिक होता है, लेकिन समय के साथ ब्याज में वृद्धि होती है।
तीसरा- क्रेडिट स्कोर
कम ब्याज दरों वाले पर्सनल लोन के लिए एक मजबूत क्रेडिट स्कोर की जरूरत होती है। वहीं 2-व्हीलर लोन में ऐसा नहीं है। चूंकि 2-व्हीलर लोन कोलैटर लोन होता है इससे यह लोन आसानी से मिलता है।
आपको कौन सा लोन लेना चाहिए यह आपके प्राथमिकता पर निर्भर करता है।
Disclaimer: लोन लेना अपने जोखिमों के साथ आता है। इसलिए, उचित सावधानी बरतें।