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10 साल की नौकरी के बाद कैसे मिलती है EPF पेंशन? समझें पूरा कैलकुलेशन

अगर आप ईपीएफओ में निवेश करते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए है। हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि पीएफ पेंशन का कैलकुलेशन कैसे होता है और इसका फॉर्मूला क्या है।

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epf pension calculator
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सैलरीड क्लास के लिए प्रॉविडेंट फंड (PF) एक बहुत बड़ी मदद है। यह न केवल आपकी इमरजेंसी के वक्त काम आता है, बल्कि रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी को भी सिक्योर बनाता है। जब आप नौकरी शुरू करते हैं तो आप EPF का हिस्सा बनते हैं और इसके साथ ही EPS (एम्प्लॉयी पेंशन स्कीम) का भी हिस्सा बनते हैं। आज हम जानेंगे कि EPF और EPS से कैसे आप अपनी पेंशन को सिक्योर कर सकते हैं और यह किस तरह से काम करता है।

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EPF और EPS का क्या है रिलेशन?

EPF में आपका योगदान और एम्प्लॉयर का योगदान दोनों होते हैं। कर्मचारी अपनी सैलरी का 12% EPF में डालता है, और उसी राशि का 12% एम्प्लॉयर की ओर से भी दिया जाता है। लेकिन, एम्प्लॉयर का 8.33% EPS में डिपॉजिट होता है जो पेंशन के लिए उपयोगी होता है।

EPS के तहत पेंशन पाने के लिए कम से कम 10 साल तक काम करना जरूरी है। इसका मतलब है कि अगर आपकी नौकरी 10 साल तक रही, तो आप पेंशन के हकदार हो सकते हैं। हालांकि, EPS में पेंशन पाने के लिए कुछ खास शर्तें भी हैं, जिन्हें समझना जरूरी है।

EPS पेंशन पाने की शर्तें

  • कर्मचारी को EPF का मेंबर होना चाहिए।
     
  • नौकरी का कार्यकाल कम से कम 10 साल तक होना चाहिए।
     
  • कर्मचारी की उम्र 58 साल पूरी होनी चाहिए।
     
  • 50 साल की उम्र के बाद भी पेंशन की सुविधा ली जा सकती है, लेकिन पेंशन राशि कम हो सकती है।
     
  • कर्मचारी 58 साल के बाद भी EPS में योगदान कर सकते हैं और पेंशन शुरू करा सकते हैं।
     
  • 60 साल के बाद पेंशन पाने पर आपको 2 साल तक की देरी के लिए 4% अधिक पेंशन मिलती है।
     
  • अगर किसी कर्मचारी की सर्विस 10 साल से कम है, तो वह 58 साल की उम्र में पेंशन का ऑप्शन ले सकते हैं।
     
  • कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके परिवार को पेंशन का लाभ मिलता है।
     

EPS पेंशन का फॉर्मूला

EPS पेंशन का फॉर्मूला काफी सरल है। इसे इस तरह से समझ सकते हैं:

EPS पेंशन = एवरेज सैलरी × पेंशनेबल सर्विस / 70

यहां पर एवरेज सैलरी का मतलब है बेसिक सैलरी + डियरनेस अलाउंस (DA), जो पिछले 12 महीनों के आधार पर लिया जाता है। पेंशनेबल सर्विस 35 साल तक हो सकती है। पेंशन की राशि का हिसाब इसी फॉर्मूले के आधार पर होता है। अगर आपने 10 साल तक नौकरी की है और आपकी सैलरी 15,000 रुपये है, तो आपका पेंशन का हिस्सा 1250 रुपये प्रति महीना हो सकता है।

अगर आप 58 साल की उम्र के बाद पेंशन शुरू करते हैं, तो आपको 2 साल तक की देरी के लिए 4% सालाना अधिक पेंशन मिलती है। इसी तरह अगर आप 60 साल के बाद पेंशन लेना शुरू करते हैं, तो सामान्य पेंशन राशि से 8% ज्यादा मिलती है।