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ट्रेन में मिले कंबल, तकिया, टॉवेल चुराया तो पड़ जाएंगे लेने के देने! 5 साल तक हो सकती है जेल - ये कानून पता है?

ट्रेन में थर्ड एसी, सेकंड एसी और फर्स्ट एसी कोच में सफर करने वाले यात्रियों को IRCTC द्वारा एक बेडरोल उपलब्ध कराया जाता है, जिसमें कंबल, चादर, तकिया और टॉवेल शामिल होते हैं। इसकी लागत टिकट के साथ ही वसूली जाती है और यह सुविधा यात्रा के दौरान सीट पर मुहैया कराई जाती है।

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Indian Railway Rule
बेडरोल को यात्रा समाप्त होने पर रेलवे को वापस करना होता है. (Photo: ITGD)

Indian Railways: भारतीय रेल, जो दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है, रोजाना लाखों यात्रियों को देश के कोने-कोने तक पहुंचाती है। इसे सुचारु रूप से चलाने के लिए 12 लाख से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। इसी कारण इसे ‘देश की लाइफलाइन’ कहा जाता है। यात्रियों की सुविधा के लिए रेल विभाग कई सेवाएं उपलब्ध कराता है, जिनमें से एक है एसी कोच में दिए जाने वाले बेडरोल की सुविधा।

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ट्रेन में थर्ड एसी, सेकंड एसी और फर्स्ट एसी कोच में सफर करने वाले यात्रियों को IRCTC द्वारा एक बेडरोल उपलब्ध कराया जाता है, जिसमें कंबल, चादर, तकिया और टॉवेल शामिल होते हैं। इसकी लागत टिकट के साथ ही वसूली जाती है और यह सुविधा यात्रा के दौरान सीट पर मुहैया कराई जाती है।

हालांकि कई यात्रियों को इस बात की जानकारी नहीं होती कि ये सभी सामान रेलवे की संपत्ति माने जाते हैं। इन्हें साथ ले जाना एक दंडनीय अपराध है। रेलवे संपत्ति अधिनियम, 1966 के तहत यदि कोई यात्री बेडरोल का कोई सामान चुराते हुए पकड़ा जाता है, तो उस पर ₹1000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। और अगर वह जुर्माना नहीं भरता या भरने में असमर्थ होता है, तो उसे एक साल तक की जेल हो सकती है।

रेलवे अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि गंभीर मामलों, जैसे कि बार-बार यह अपराध करने पर, पांच साल तक की जेल और अतिरिक्त जुर्माने का प्रावधान भी है। रेलवे पुलिस (GRP) या रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ऐसे मामलों में कार्रवाई कर सकती है। इसीलिए यात्रियों को यात्रा समाप्त होने पर सभी बेडरोल सामग्री सीट पर ही छोड़ने या अटेंडेंट को लौटाने की सलाह दी जाती है।

यह नियम यात्रियों में जागरूकता और अनुशासन बनाए रखने के लिए बनाया गया है, ताकि सार्वजनिक संसाधनों का दुरुपयोग न हो। रेलवे यात्रियों की सुविधा के लिए समय-समय पर नियमों की जानकारी IRCTC की वेबसाइट, टिकट बुकिंग पेज और कोच में लगे निर्देशों के माध्यम से  शेयर करता है। इसके बावजूद कई लोग जानकारी के अभाव या लापरवाही में यह गलती कर बैठते हैं। ऐसे मामलों में रेलवे सख्त रुख अपनाते हुए कानूनन कार्रवाई कर सकता है।