आप भी बनते हैं दूसरों के लोन में गारंटर? बस एक गलती और गिर जाएगा आपका क्रेडिट स्कोर! कहीं बाद में न पड़े पछताना
अगर उधार लेने वाला व्यक्ति किस्तें नहीं चुकाता, तो लोन चुकाने का बोझ गारंटर पर आ जाता है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां जैसे CIBIL इस जोखिम को नोट करती हैं, जिससे आपकी क्रेडिट प्रोफाइल, भविष्य की उधारी की क्षमता और वित्तीय स्थिति पर सीधा असर पड़ सकता है।

Cibil Score: अगर आप किसी दूसरे के लिए लोन के गारंटर बनते हैं, तो ये सिर्फ एक सपोर्ट नहीं बल्कि आप कानूनी तौर पर उस लोन की जिम्मेदारी ले रहे होते हैं। अगर उधार लेने वाला व्यक्ति किस्तें नहीं चुकाता, तो लोन चुकाने का बोझ गारंटर पर आ जाता है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां जैसे CIBIL इस जोखिम को नोट करती हैं, जिससे आपकी क्रेडिट प्रोफाइल, भविष्य की उधारी की क्षमता और वित्तीय स्थिति पर सीधा असर पड़ सकता है।
आपके नाम पर दर्ज हो सकती है देरी
अगर लोन लेने वाला व्यक्ति लोन या ईएमआई नहीं चुका पाता तो बैंक गारंटर से राशि वसूल कर सकता है। यह डिफॉल्ट आपकी CIBIL रिपोर्ट में जुड़ जाता है, जिससे गारंटर का क्रेडिट स्कोर गिर सकता है। गारंटर के रूप में आप कानूनी रूप से उस लोन में को-साइनर हैं, इसलिए आपकी क्रेडिट योग्यता पर निगेटिव प्रभाव पड़ता है।
क्रेडिट पात्रता और उपयोग पर असर
गारंटीशुदा लोन एक प्रकार की contingent लायबलिटी बन जाती है, जिसे बैंक आपके कुल क्रेडिट एक्सपोजर में शामिल करते हैं। इसलिए, अगर आप भविष्य में पर्सनल, कार या होम लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो आपकी पात्रता कम हो सकती है। आपका क्रेडिट उपयोग रेश्यो बढ़ जाता है, जिससे आपकी क्रेडिटवर्थनेस और कमजोर होती है।
आपका DTI (Debt-to-Income) रेश्यो बढ़ता है
हालांकि आप गारंटीशुदा लोन की किस्त नहीं भर रहे होते, लेकिन बैंक आपकी जिम्मेदारी को आपके DTI में गिनते हैं। उच्च DTI के कारण बैंक आपको अधिक जोखिम वाला मानते हैं, जिससे लोन स्वीकृति में परेशानी या ऊंची ब्याज दर लग सकती है।
गारंटर से बाहर निकलना आसान नहीं
बहुत से लोग मानते हैं कि भविष्य में वे गारंटी वापस ले सकते हैं, लेकिन जब तक लोन पूरा चुकता नहीं होता या रीफाइनेंस नहीं होता, तब तक आप कानूनी रूप से बंधे रहते हैं।
रिश्तों में दरार आ जाए तो भी आपकी जिम्मेदारी खत्म नहीं होती। आपका नाम हटाने के लिए लोन लेने वाले और बैंक दोनों की सहमति जरूरी होती है।