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Income Tax Notice: इनकम टैक्स के नोटिस से बचना हैं, तो भूल कर न करें ये 6 ट्रांजेक्शन्स

Income Tax Notice: आयकर विभाग की तरफ से नोटिस का कोई करदाता इंतजार नहीं करता है। हमेशा करदाता को डर बना रहता है कि कहीं उसे विभाग की तरफ से नोटिस न मिले। आयकर विभाग के नोटिस से बचने के लिए आपको कभी भी भूल कर ये 6 ट्रांजैक्शन नहीं करना चाहिए।

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A formal tax notice is yet to be sent to the Hinduja Group, Income Tax department sources said.
A formal tax notice is yet to be sent to the Hinduja Group, Income Tax department sources said.

कई बार लोग इनकम टैक्स बचाने के चक्कर में कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिनके बाद उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में आपको हमेशा अपने ट्रांजेक्शन्स को इनकम टैक्स एक्ट के तहत ही रखना चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको मुसीबत हो सकती है।  आपको बता दें कि लॉन्ग टर्म वाले या फिर बड़े पैमाने पर किए जाने वाले ट्रांजेक्शन्स पर आयकर विभाग की पैनी नजर रहती है। वहीं, अगर आपने कोई कैश ट्रांजेक्शन किया तो आपका नाम इनकम टैक्स के रडार पर आ सकता है। 

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ऐसे में कुछ खास ट्रांजेक्शन्स हैं जिन्हें आपको एक वित्तीय वर्ष में नहीं करनी चाहिए। हम आपको नीचे इन ट्रांजैक्शन के बारे में बताने वाले हैं। 

आइए जानते हैं उन 6 ट्रांजेक्शन्स के बारे में, जिनसे बचना जरूरी है, क्योंकि इनसे इनकम टैक्स नोटिस का खतरा हो सकता है।

FD पर मिल सकता है नोटिस

अगर आप एक वित्तीय वर्ष में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में 10 लाख रुपये या उससे अधिक जमा करते हैं, तो यह ट्रांजेक्शन इनकम टैक्स विभाग की नजर में आ सकता है। चाहे वह एक बार में जमा किया हो या कई बार, चाहे कैश हो या डिजिटल ट्रांजेक्शन, आयकर विभाग आपसे इन पैसों के सोर्स के बारे में सवाल कर सकता है। इस स्थिति से बचने के लिए, FD में चेक के माध्यम से पैसे जमा करना बेहतर होता है, क्योंकि एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक की राशि अगर कैश में जमा होती है, तो बैंकों को इसकी सूचना सीबीडीटी को देनी होती है।

बैंक खाते में कैश डिपॉजिट

अगर आपके किसी भी बैंक अकाउंट में एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा की राशि कैश के रूप में जमा की जाती है, तो इसकी जानकारी बैंक को आयकर विभाग को देनी होती है। यह नियम FD के समान ही है, और इसमें करंट अकाउंट तथा टाइम डिपॉजिट बाहर हैं।

प्रॉपर्टी ट्रांजेक्शन

अगर आप 30 लाख रुपये या इससे अधिक की रकम में प्रॉपर्टी खरीदते या बेचते हैं, तो प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार को इस ट्रांजेक्शन की जानकारी आयकर विभाग को देनी होती है। इस तरह के उच्च मूल्य के ट्रांजेक्शन्स पर आयकर विभाग आपसे पूछ सकता है कि इतनी बड़ी रकम कहां से आई। ऐसे मामलों में आपको प्रमाणित दस्तावेज और पैसे के सोर्स का विवरण देना पड़ सकता है।

शेयर, म्यूचुअल फंड, डिबेंचर और बॉन्ड की खरीदारी

अगर आप शेयर, म्यूचुअल फंड, डिबेंचर या बॉन्ड में निवेश करते हैं और आपने एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा का निवेश किया है, तो यह ट्रांजेक्शन भी आयकर विभाग के रडार पर आ सकता है।ऐसे ट्रांजेक्शन्स से बचने के लिए आपको अपने इनकम और इनकम सोर्स के रिकॉर्ड को ठीक से रखना चाहिए।

क्रेडिट कार्ड बिल 

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अगर आपके क्रेडिट कार्ड का बिल 1 लाख रुपये से ज्यादा का है और आप इसे एक साथ नकद में भर देते हैं, तो आयकर विभाग आपको नोटिस भेज सकता है। इसमें आपको अपने आयकर रिटर्न में इस पेमेंट की जानकारी देना जरूरी होगा।

म्यूचुअल फंड्स या अन्य निवेश 

अगर आप म्यूचुअल फंड्स या किसी अन्य निवेश योजना में कैश के माध्यम से बड़े पैमाने पर ट्रांजेक्शन करते हैं, तो आयकर विभाग आपके निवेश के सोर्स के बारे में सवाल कर सकता है। यह ट्रांजेक्शन सामान्य रूप से 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा के होते हैं, जिनकी जानकारी संबंधित कंपनियां आयकर विभाग को देती हैं।

इन तमाम ट्रांजेक्शन्स को समझकर आपको सावधानी से काम करना चाहिए। अगर आपको इन ट्रांजेक्शन्स को करना जरूरी हो, तो इनकम टैक्स विभाग को इनकी जानकारी पहले ही दे दें, ताकि बाद में कोई परेशानी न हो।