Income Tax Calculator: टैक्स कैलकुलेट करने का आसान तरीका, जानें आपको कितना देना है कर
Income Tax Calculator का सही इस्तेमाल करके और Income Tax Deductions का लाभ उठाया जा सकता है। इससे आप अपनी tax liability को कम कर सकते हैं। हम आपको आर्टिकल में बताएंगे कि Income Tax Calculator क्यों जरूरी है।

इनकम टैक्स एक अनिवार्य टैक्स (mandatory tax) है, जो कि व्यक्ति और संस्थाओं की कमाई पर लगाया जाता है। इसमें व्यक्ति (individuals), हिंदू अविभाजित परिवार (HUF), कंपनियां (companies), को-ऑपरेटिव सोसाइटी (cooperative societies), ट्रस्ट (trusts) और अन्य संगठन (organizations) शामिल होते हैं। टैक्सेबल इनकम (taxable income) का टैक्स स्लैब (tax slabs) के आधार पर किया जाता है। ग्रॉस इनकम (gross income) से छूट (exemptions), कटौती (deductions) और छूट (rebates) घटाने के बाद टैक्सेबल इनकम (taxable income) निकलती है।
Income Tax Calculator क्या करता है?
Income Tax Calculator आपकी टैक्स देनदारी (tax liability) का पता लगाने में मदद करता है। FY 2025-26 के लिए, आपको इसमें आयु रेजिडेंशियल स्टेटस (residential status), इनकम , टैक्स-सेविंग इन्वेस्टमेंट (tax-saving investments) और अन्य स्रोस से हुई इनकम (income from other sources) जैसी जानकारियां दर्ज करनी होंगी। इसके बाद, यह आपकी टैक्स देनदारी (tax liability) की जानकारी दे देगा।
Income Tax Calculation कैसे करें?
टैक्स कैलकुलेट करने के लिए आपको सभी सोर्स से होने वाली इनकम (income from all sources) को जोड़ना होगा, जैसे कि सैलरी इनकम (Income from Salary),मकान से होने वाली आय (Income from House Property),कैपिटल गेन इनकम (Income from Capital Gains), बिजनेस/प्रोफेशन से इनकम (Income from Business/Profession) दें।
भारत में Income Tax Exemptions
टैक्स सेविंग (tax saving) के लिए आप विभिन्न सेक्शन (sections) के तहत लाभ ले सकते हैं:
Section 87A – अगर आपकी टैक्सेबल इनकम (taxable income) ₹5 लाख तक है, तो ₹12,500 तक की टैक्स छूट (tax rebate) मिलेगी। न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) में ₹12 लाख तक की इनकम पर ₹60,000 तक की छूट (tax relief) मिलती है।
Section 80C – ₹1.5 लाख तक की टैक्स बचत (tax saving) के लिए टैक्स सेविंग FD, PPF, NSC, ULIP और ELSS जैसी स्कीम में निवेश करें।
Section 80CCD (1B) – नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System - NPS) में निवेश करने पर ₹50,000 तक की अतिरिक्त छूट (additional tax exemption) का लाभ उठा सकते हैं।
Section 80D – मेडिकल इंश्योरेंस (medical insurance) प्रीमियम पर ₹25,000 तक की कटौती (tax deduction) और सीनियर सिटिजंस (senior citizens) के लिए यह ₹50,000 तक बढ़ जाती है।
Section 80G – दान (donations) करने पर टैक्स में छूट (tax exemption) पा सकते हैं।
Section 80E – एजुकेशन लोन (education loan) पर दिए गए ब्याज (interest) पर 8 साल तक टैक्स छूट (tax-free benefit) पा सकते हैं।
Section 80TTA/80TTB – सेविंग अकाउंट के ब्याज (savings account interest) पर ₹10,000 तक की छूट (tax waiver), जबकि सीनियर सिटिजंस (senior citizens) के लिए यह ₹50,000 तक है।
Section 80GG – अगर आप HRA (House Rent Allowance) नहीं लेते हैं, तो किराए (rent) पर दी जाने वाली रकम पर छूट मिल सकती है।
कैसे बचाएं टैक्स? Tax Saving Tips
- टैक्स-सेविंग इन्वेस्टमेंट्स (tax-saving investments) में निवेश करें।
- मेडिकल इंश्योरेंस (medical insurance) लें, जिससे आपको हेल्थ कवर (health coverage) के साथ टैक्स छूट (tax benefits) भी मिले।
- PNP और EPF (long-term investments) जैसे लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट करें।
- दान (donations) करें और सामाजिक कार्यों (charity contributions) में सहयोग दें, जिससे आपको टैक्स छूट (tax relief) मिलेगी।
- एजुकेशन लोन (education loan benefits) का फायदा उठाएं, जिससे ब्याज (interest) पर टैक्स नहीं देना होगा।