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Instant Home Loan: क्या टेक्नोलॉजी से आसान हो सकता है घर खरीदने का सपना?

Home Loan: होम लोन लेने का प्रोसेस काफी लंबा होता है। ऐसे में कई बार यूजर्स को लोन लेने में दिक्कत होती है। इस स्थिति में Personal Loan की तरह होम लोन भी इंस्टेंट मिलना चाहिए। आर्टिकल में इसके बारे में जानते हैं।

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Instant Home Loan
Instant Home Loan

आज के डिजिटल दौर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) और टेक्नोलॉजी के चलते हर काम आसान हो गया है। एक क्लिक पर कई सर्विसेज का लाभ उठाया जा सकता है, यहां तक कि लोन भी आसानी से मिल सकते हैं। लेकिन जब बात होम लोन (Home Loan) की होती है, तो प्रक्रिया उतनी सरल नहीं होती।

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होम लोन लेना मुश्किल

कोविड महामारी के बाद डिजिटल बदलाव तो तेजी से हुए, लेकिन हाउसिंग फाइनेंस सेक्टर (Housing Finance Sector) में उतनी तेजी नहीं देखी गई। इसका जवाब देते हुए बेसिक होम लोन के सीईओ एवं सह-संस्थापक अतुल मोंगा ने कहा कि इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि होम लोन का प्रोसेस काफी जटिल होती है। इसमें भारी पेपरवर्क, फिजिकल वैरिफिकेशन (Physical Verification) और समय लगता है, जिससे लोन अप्रूवल में देरी होती है।

होम लोन क्यों नहीं है इंस्टेंट? (Why Home Loan is not Instant?)

होम लोन एक सुरक्षित लोन होता है, जहां लोन लेने वाला व्यक्ति अगर डिफॉल्ट हो जाए, तो बैंक प्रॉपर्टी को जब्त कर सकता है। इसके अलावा, होम लोन पर इंश्योरेंस (Insurance) भी जरूरी नहीं होता, हालांकि कुछ लोग इसे सुरक्षा के तौर पर लेते हैं। इसके बावजूद भी होम लोन की प्रक्रिया लंबी और समय लेने वाली होती है। वहीं, पर्सनल लोन (Personal Loan) असुरक्षित होने के बावजूद आसानी से मिल जाता है।

आज आप रु 40 लाख तक का पर्सनल लोन मिनटों में पा सकते हैं, अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है। तो होम लोन अप्रूव होने में इतना समय क्यों लगता है, जबकि बैंक के पास आपका घर कोलेटरल के रूप में रहता है? 25 लाख रुपये तक के लोन का आमतौर पर अफॉर्डेबल कैटेगरी में रखा जाता है और ऐसा लोन कुछ ही घण्टों के भीतर मिल सकता है। 

टेक्नोलॉजी कैसे बदल सकती है होम लोन प्रोसेस

डेटा वैरिफिकेशन (Data Verification): आज के समय में आधार और क्रेडिट ब्यूरो (Credit Bureau) से फाइनेंशियल डेटा आसानी से उपलब्ध है। इससे लोन लेने वाले व्यक्ति की पेमेंट कैपेबिलिटी जल्दी जांची जा सकती है।

डिजिटल डॉक्यूमेंटेशन (Digital Documentation): बैंक अगर डॉक्यूमेंट्स को डिजिटली अपलोड करने की परमिशन दें, तो लोन का प्रोसेस फास्ट हो सकता है। इससे डेटा सिक्योरिटी भी बनी रहेगी।

प्रॉपर्टी का डिजिटल वैरिफिकेशन: ज्योटैगिंग (Geo-tagging) और वीडियो वैरिफिकेशन (Video Verification) के जरिए प्रॉपर्टी की जांच की जा सकती है, जिससे फिजिकल वैरिफिकेशन की जरूरत नहीं रहेगी।

इंस्टेंट होम लोन के फायदें (Instant Home Loan Benefits)

अतुल मोंगा ने कहा कि अगर टेक्नोलॉजी का सही उपयोग हो, तो होम लोन प्रोसेस को तेजी से पूरा किया जा सकता है। इससे न सिर्फ बैंकिंग सिस्टम को फायदा होगा, बल्कि आम लोगों को भी आसानी से घर खरीदने का मौका मिलेगा।

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टेक्नोलॉजी का सही उपयोग कर होम लोन की प्रक्रिया को आसान बनाया जा सकता है, जिससे लोन मिलने में लगने वाला समय कम हो जाता है। अगर व्यक्ति को घर बैठे आसानी से लोन मिल जाए, तो कुछ महंगी ब्याज दर पर भी लोन लेने के लिए तैयार हो जाएंगे। कुल मिलाकर, इंस्टेंट होम लोन सिस्टम भारत के रियल एस्टेट मार्केट (Real Estate Market) को गति दे सकता है और घर खरीदने को आसान बना सकता है।