तनख्वाह 80 हजार, फिर भी जेब खाली! जानिए कहां बह गया सारा पैसा
Financial Tips: हम आपको आर्टिकल में एक ऐसी लड़की के बारे में बताएंगे जो मंथली 80 हजार की सैलरी में भी सेविंग नहीं कर पाती थी। इसके बाद फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लेने पर उसकी सेविंग ज्यादा हो गई।

आज हम एक ऐसी लड़की की कहानी बताने जा रहे हैं जो बिल्कुल आम नौकरीपेशा युवाओं जैसी है। लड़की की उम्र 28 साल है और वह अच्छी मार्केटिंग कंपनी में जॉब करती है। लड़की की मंथली सैलरी ₹80,000 है। अच्छी सैलरी होने के बावजूद महीने के आखिर में बैंक में सिर्फ ₹3,000 बचे होते थे।
उसने सोचा था कि अच्छी सैलरी मिलते ही पैसे की टेंशन खत्म हो जाएगी। लेकिन उल्टा हो गया और वह ज्यादा परेशान रहने लगी। फिर एक दिन उसने एक फाइनेंशियल प्लानर संजय कथूरिया से सलाह ली, और तब असली वजह सामने आई।
सामने आई खर्चों की सच्चाई
उसने अपना खर्च ट्रैकर दिखाया और संजय भी हैरान रह गए। हर महीने ₹2,500 सिर्फ कैफे की कॉफियों में जा रहे थे, ₹12,000 वीकेंड आउटिंग में, ₹18,000 मोबाइल और लैपटॉप की ईएमआई में और ₹9,000 ऐसी शॉपिंग में जो उसे याद भी नहीं थी। इसके अलावा उबर, सब्सक्रिप्शन और कई छोटे-छोटे खर्च जो वो कभी गिनती भी नहीं थी। बता दें कि इस तरह के खर्चों को फाइनेंशियल भाषा में “लीकेज” कहते हैं।
इस तरीके से कंट्रोल हुआ खर्च
संजय कथूरिया ने उसे कोई बड़ा इन्वेस्टमेंट प्लान या नौकरी बदलने की सलाह नहीं दी। उन्होंने बस इतना कहा एक महीने तक हर खर्च को अपने फोन में नोट करो। चाहे ₹10 का भी हो। शुरू में उसे ये अजीब लगा, लेकिन धीरे-धीरे उसे समझ आने लगा कि पैसा कहां उड़ रहा है।
सिर्फ दो महीने में उसका सोचने का तरीका बदल गया। उसने वीकेंड पर कम खर्च करना शुरू किया, अनचाहे खर्चों से बचने लगी और एक ईएमआई जल्दी चुका दी। इसके साथ ही उसने ₹10,000 की इमरजेंसी फंड बना ली और हर महीने ₹5,000 निवेश भी करने लगी।