scorecardresearch

EPFO News: दो दिन में नहीं किया ये काम तोहो जाएगा नुकसान, ईपीएफओ की इस बेनिफिट से धो बैठेंगे हाथ

EPFO Rule: ईपीएफओ का लाभ पाने के लिए मेंबर्स को अपना यूएएन नंबर (UAN Number) एक्टिव रखना होगा। इसके लिअ ईपीएफओ ने समयसीमा तय कर दी है। अगर मेंबर 15 जनवरी 2025 तक अपना यूएएन नंबर एक्टिव नहीं करते हैं तो उनको ELI Scheme का लाभ नहीं मिलेगा।

Advertisement
For employees keen on availing themselves of EPFO’s ELI scheme, UAN activation is mandatory. (Photo: GettyImages)

EPFO Update: एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड आर्गेनाईजेशन (EPFO) के नियमों के अनुसार सभी मेंबर्स को 15 जनवरी 2025 तक अपना  यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) को एक्टिव रखना होगा। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें एम्प्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव (ELI) योजना के बेनिफिट नहीं मिलेंगे। दरअसल, ELI स्कीम का लाभ पाने के लिए यूजर को अपना यूएएन एक्टिव रखने के साथ बैंक अकाउंट से आधार लिंक करना अनिवार्य है। 

advertisement

पहले इसकी समयसीमा 30 नवंबर 2024 थी, लेकिन बाद में इसकी डेडलाइन को 15 दिसंबर 2024 कर दिया गया। अब फिर से एक महीने की समयसीमा बढ़ाई गई और 15 जनवरी 2025 को आखिरी तारीख किया गया। अगर मेंबर्स इस तारीख तक यह काम नहीं निपटाते हैं तो उन्हें ईपीएफओ के कई लाभ से वंचित रहना पड़ेगा।  

कैसे एक्टिव करें यूएएन नंबर (How to activate UAN)

PIB से मिली जानकारी के अनुसार मेंबर्स आधार-बेस्ड OTP के जरिये यूएएन एक्टिवेट कर सकते हैं। हलांकि मेंबर्स को यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि उनका मोबाइल नंबर आधार से लिंक्ड है। यूएएन एक्टिवेट करने के लिए उन्हें कुछ आसान स्टेप्स फॉलो करने होंगे। ये है पूरा प्रोसेस

  • सबसे पहले ईपीएफओ पोर्ट (https://www.epfindia.gov.in/site_hi/) पर जाएं।
  • अब "Important Links" में जाकर "Activate UAN" को सेलेक्ट करें। 
  • इसके बाद UAN, आधार संख्या, नाम, DOB और आधार लिंक्ड मोबाइल नंबर को दर्ज करें। 
  • अब आधार वेरिफिकेशन के लिए OTP को Agree करें। 
  • इसेक बाद आधार लिंक्ड मोबाइल नंबर पर आए ओटीपी को दर्ज करें। 

ओटीपी दर्ज करने के बाद यूएएन नंबर एक्टिवेट हो जाएगा और आपके मोबाइल नंबर पर पासवर्ड आएगा। 

क्या है ELI स्कीम्स 

 केंद्रीय बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने  ELI योजना की घोषणा की थी। इस स्कीम में तीन कैटेगिरी शामिल है। 

स्कीम A: इसमें रोजगार और एम्प्लॉइज प्रोविडेंट फंड (EPF) स्कीम में पहली बार शामिल होने वाले मेंबर्स शामिल हैं। 
स्कीम B:मैन्युफैक्चरिंग में रोजगार सृजन करने वाले मेंबर्स शामिल हैं। 
स्कीम C: एम्प्लॉयर्स को सपोर्ट करने पर फोकस किया जाएगा।