ECFR के अनुसार, ट्रंप की वापसी से भारत-अमेरिका रिश्ते मजबूत हो सकते हैं!
अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की वापसी दुनिया में शांति लाने के साथ ही भारत और अमेरिका के बेहतर संबंधों की वजह बन सकती है। ये दावा यूरोपीय थिंक-टैंक ‘यूरोपियन काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस’ यानी ECFR ने किया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की वापसी दुनिया में शांति लाने के साथ ही भारत और अमेरिका के बेहतर संबंधों की वजह बन सकती है। ये दावा यूरोपीय थिंक-टैंक ‘यूरोपियन काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस’ यानी ECFR ने किया है। इस सर्वे में कहा गया है कि भारत समेत कई देशों के लोग ट्रंप की दूसरी पारी को लेकर सकारात्मक हैं। इस सर्वे में भारत को ट्रंप वेलकमर्स सेगमेंट में रखा गया है जिसका मतलब है कि भारतीयों का मानना है कि ट्रंप 2.0 ना केवल भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद होंगे।
सर्वे के मुताबिक
- भारत में 82 फीसदी लोगों का मानना है कि ट्रंप की वापसी दुनिया में शांति कायम करने के लिए अच्छी बात होगी।
- 84 परसेंट लोग इसे भारत के लिहाज से फायदेमंद मानते हैं।
- वहीं 85 फीसदी का मानना है कि ये अमेरिकी नागरिकों के लिए फायदेमंद होगी।
इस रिपोर्ट में ये बताया गया है कि भारत, सऊदी अरब, रूस, ब्राज़ील, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों के लोग ट्रंप को अपने देशों के लिए अच्छा मानते हैं। वहीं, यूरोप के कुछ देश ट्रंप की वापसी को लेकर नकारात्मक नजरिया रखते हैं। यूरोप को 'नेवर ट्रंपर्स' सेगमेंट में रखा गया है। इनमें
- यूनाइटेड किंगडम सबसे आगे है, जहां आधे से ज्यादा लोग ट्रंप की जीत को नकारात्मक मानते हैं।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि ये समूह प्रगतिशील विरोधियों का प्रतिनिधित्व करता है।
- जबकि भारत, सऊदी अरब जैसे देशों में ट्रंप को 'शांति दूत' माना जा रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यूरोपीय संघ को ट्रंप के खिलाफ वैश्विक गठबंधन बनाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में सुझाव दिया गया है कि उन्हें अपने हितों पर फोकस करना चाहिए और नई साझेदारियां विकसित करनी चाहिए। रिपोर्ट के मुताबिक,
- ब्राज़ील, भारत और दक्षिण अफ्रीका जैसे देश EU को एक प्रभावशाली और भरोसेमंद साझेदार के तौर पर देखते हैं।
- रिपोर्ट ये भी बताती है कि यूरोप को ट्रंप के प्रति अपनी नकारात्मकता को पीछे छोड़कर, व्यावहारिक रुख अपनाना होगा।
ये सर्वे 11 यूरोपीय देशों और भारत, चीन, रूस, ब्राज़ील, तुर्की, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका जैसे प्रमुख देशों में किया गया। इसे YouGov, Datapraxis और Gallup International Association जैसी प्रमुख एजेंसियों ने मिलकर किया है। सर्वे से साफ है कि ट्रंप की वापसी को लेकर दुनिया दो हिस्सों में बंटी हुई नजर आ रही है। इसमें एक तरफ भारत जैसे देश इसे सकारात्मक मानते हैं तो दूसरी तरफ यूरोप के कुछ देश इसे नकारात्मक मान रहे हैं।