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Credit Card History: कैसे बनी क्रेडिट कार्ड की दुनिया, जानें एक भूले हुए बटुए से लेकर ब्लैक कार्ड तक की कहानी

History Of Credit Card: आज हम जिस क्रेडिट कार्ड का यूज करते हैं उस कार्ड की शुरुआत के पीछे बड़ी रोचक घटना है। आर्टिकल में क्रेडिट कार्ड की हिस्ट्री के बारे में विस्तार से जानते हैं।

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आज के दौर में क्रेडिट कार्ड (Credit Card) सिर्फ एक पेमेंट का जरिया नहीं, बल्कि हमारी लाइफस्टाइल का हिस्सा बन चुका है। ऑनलाइन शॉपिंग से लेकर इंटरनेशनल ट्रैवल तक, इसका इस्तेमाल हर जगह हो रहा है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि क्रेडिट कार्ड की शुरुआत कैसे हुई? 

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एक भूले हुए बटुए ने बदल दी सोच

साल 1950 में अमेरिका के बिजनेसमैन फ्रैंक मैकनामारा अपने दोस्तों के साथ न्यूयॉर्क के एक रेस्‍टोरेंट में डिनर कर रहे थे। जब बिल आया तो फ्रैंक को याद आया कि वह अपना बटुआ घर भूल आए हैं। रेस्‍टोरेंट ने तुरंत पेमेंट की मांग की। आखिरकार उन्होंने अपनी पत्नी को फोन कर बटुआ मंगवाया और किसी तरह बिल चुकाया। यह छोटी सी घटना उनके लिए इतनी बड़ी बनी कि उन्होंने तय कर लिया कि ऐसा सिस्टम होना चाहिए जहां बिना कैश के पेमेंट किया जा सके।

डायनर्स क्लब कार्ड: पहला क्रेडिट कार्ड

इसी विचार से "डायनर्स क्लब इंटरनेशनल" का जन्म हुआ। इसने 1950 में दुनिया का पहला क्रेडिट कार्ड डायनर्स क्लब कार्ड (Diners Club Card) पेश किया। यह कार्ड कागज का बना था। इस कार्ड को शुरुआत में केवल 27 रेस्तरां में ही एक्सेप्ट किया जाता था। ग्राहकों को एक तय सीमा तक खर्च करने की छूट मिलती थी और 30 दिन के अंदर पेमेंट करना होता था। पहले साल में लगभग 200 लोगों को कार्ड मिला, जिनमें अधिकतर फ्रैंक के जान-पहचान वाले थे। लेकिन साल के अंत तक यह संख्या 20,000 से ज्यादा हो गई।

क्रेडिट कार्ड का वैश्विक विस्तार 

डायनर्स क्लब की सफलता को देखते हुए अन्य कंपनियों ने भी इस सेक्टर में कदम रखा।

  • 1958 में अमेरिकन एक्सप्रेस ने अपना पहला कार्ड लॉन्च किया। 1959 में प्लास्टिक क्रेडिट कार्ड की शुरुआत हो गई।
     
  • 1966 में बैंक ऑफ अमेरिका ने Visa के नाम से क्रेडिट कार्ड सर्विस शुरू कर दी।
     
  • 1960 के दशक में IBM के इंजीनियर फॉरेस्ट पैरी ने मैग्नेटिक स्ट्रिप तैयार की, जिससे कार्ड ज्यादा सिक्योर और आसान हो गए।
     

भारत में कब आया क्रेडिट कार्ड? (First Credit Card In India)

भारत में क्रेडिट कार्ड की शुरुआत 1980 के दशक में हुई, जब सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने पहला कार्ड जारी किया। इसके बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और अन्य बैंकों ने भी क्रेडिट कार्ड सेवाएं शुरू कीं।

सबसे अनोखा क्रेडिट कार्ड (Expensive Credit Card in World)

दुनिया का सबसे महंगा क्रेडिट कार्ड अमेरिकन एक्सप्रेस का सेंटुरियन कार्ड है। इसे ब्लैक कार्ड भी कहा जाता है। यह केवल आमंत्रण द्वारा ही मिलता है और इसकी सालाना फीस हजारों डॉलर में होती है। इसके लिए कार्डधारक को लाखों रुपये सालाना खर्च करने पड़ते हैं। वहीं, दुबई फर्स्ट रॉयल कार्ड असली सोने से बना होता है और इसके किनारों पर हीरे जड़े होते हैं। इस कार्ड की कोई खर्च सीमा नहीं होती।

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