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Bank Insurance Limit: अगर बैंक बंद हो जाए तो ग्राहकों को कितना पैसा मिलेगा?

Bank Insurance Limit: अगर किसी बैंक का लाइसेंस रद्द होता है, वह दिवालिया हो जाता है या बंद हो जाता है, तो ग्राहकों को अधिकतम 5 लाख रुपये तक की जमा राशि मिलती है। यह सुरक्षा Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation (DICGC) के तहत दी जाती है।

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The market expert liked Kotak Mahindra Bank Ltd from the private banking space.
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) देश के सभी बैंकों पर कंट्रोल करता है। अगर कोई बैंक RBI के नियमों का पालन नहीं करता है, तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है या उसका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। हाल ही में, RBI ने मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है, जिससे ग्राहकों में चिंता बढ़ गई है कि उनके जमा किए गए पैसे सुरक्षित हैं या नहीं।

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अगर बैंक दिवालिया हो जाए तो क्या होगा?

अगर किसी बैंक का लाइसेंस रद्द होता है, वह दिवालिया हो जाता है या बंद हो जाता है, तो ग्राहकों को अधिकतम 5 लाख रुपये तक की जमा राशि मिलती है। यह सुरक्षा Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation (DICGC) के तहत दी जाती है। हालांकि,  ग्राहक के अकाउंट में इससे अधिक राशि जमा है, तो उसे सिर्फ 5 लाख तक ही बीमा कवर मिलेगा।

क्या सरकार बीमा सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है?

वित्त मंत्रालय इस बीमा राशि की सीमा को बढ़ाने पर विचार कर रहा है, जिससे बैंक बंद होने की स्थिति में ग्राहकों को अधिक सुरक्षा मिल सके। अगर यह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है, तो भविष्य में अकाउंट होल्डर को 5 लाख से अधिक राशि भी वापस मिल सकती है।

न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक का मामला क्या है?

मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में घोटाला सामने आने के बाद RBI ने इसकी बैंकिंग सेवाओं पर रोक लगा दी है। अब ग्राहक 5 लाख रुपये तक की जमा राशि ही निकाल सकते हैं, चाहे उनके खाते में इससे अधिक राशि क्यों न हो। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम नागराजू इस प्रस्ताव पर काम कर रहे हैं।

पहले कितना बीमा मिलता था?

वर्ष 2020 से पहले, बैंक बंद होने पर ग्राहकों को केवल 1 लाख रुपए तक का बीमा कवर मिलता था। बाद में इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया गया, जिससे खाताधारकों को राहत मिली। लेकिन जिनके खाते में लाखों रुपए जमा होते हैं, उनके लिए यह सीमा अभी भी कम मानी जा रही है।