आपको अमीर बनाने वाले RIA क्यों हैं परेशान?
स्टॉक मार्केट में निवेश के जरिए हर कोई अमीर बनना चाहता है। पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर ऐसे फाइनेंस इन्ऱ्फ्लूयएंशर की बाढ़ सी आ गई है जो आपको बताते हैं कि आप सिर्फ स्टॉक्स खरीदकर बैठ जाइये और रातों-रात आप अमीर बन जाएंगे।

स्टॉक मार्केट में निवेश के जरिए हर कोई अमीर बनना चाहता है। पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर ऐसे फाइनेंस इन्ऱ्फ्लूयएंशर की बाढ़ सी आ गई है जो आपको बताते हैं कि आप सिर्फ स्टॉक्स खरीदकर बैठ जाइये और रातों-रात आप अमीर बन जाएंगे। कोविड के बाद लोगों ने स्टॉक मार्केट में डायरेक्ट और इनडायरेक्ट निवेश किया और अपनी पैसिव इनकम को एक्टिव इनकम में बदलने का सपना देखा। इस मौका का सबसे ज्यादा फायदा उन यूट्यूबर्स को मिला जो किसी भी म्युचुअल फंड या डायरेक्ट स्टॉक खरीदने की सलाह देने लगे। इन यूट्यूबर्स के लाखों फॉलोवर्स बढ़ गए और ये इनफ्लूयंर्स ऐसा दावा करने लगे कि इन स्टॉक्स में खरीदने से आप अगले कुछ सालों में इतने अमीर बन जाएंगे कि आपको नौकरी या बिज़नेस करने की जरूरत नहीं रह जाएगी।
लेकिन पर्सनल फाइनेंस इतना आसान नहीं है। शेयर बाज़ार के रिस्क के बारे में शायद ही आपको यूट्यूब पर कोई वीडियो मिले। असेट अलोकेशन और डायवर्सिफिकेशन पर शायद ही कोई बात करें। भारत में अक्सर ये कहा जाता है कि यहां रातों-रात करोड़पति बनने की कोई भी कहानी हाथों-हाथ बिक जाती है।
लेकिन आज हम बात करे रहे हैं कि सेबी रजिस्टर्ड ऐसे एडवाजर्स की, जो सालों से सिस्टम में मौजूद है लेकिन लोग एडवाइजर के पास जाने से पहले यूट्यूब पर वीडियो जल्दी देख लेते हैं। स्टॉक मार्केट के कोर्स की भरमार है लेकिन पर्सनल फाइनेंस के विविध आयामों पर कोई बात करने के लिए तैयार नहीं है।इस समय देश में मात्र 1320 RIA ( Registered Investment Advisors) हैं। भारत जैसे विशाल देश में करोड़ों की आबादी में मात्र इतने एडवाइजर क्या सही है। इनमें से काफी लोग या तो ये प्रोफेशन छोड़ चुके हैं या फिर म्युचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर बनकर खुश हैं।
लेकिन ऐसा नहीं है कि लोग Registered Investment Advisors बनना नहीं चाहते थे। दरअसल सेबी की तरफ से गाइडलाइन्स 2103 में इतनी सख्त हो गई जिससे Individual RIA के लिए काम करना आसान नहीं रह गया । ज्यादातर Individual RIA को कॉरपोरेट RIA बनने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कत Fee only Adivsior के लिए हैं क्योंकि वो केवल फीस के आधार पर काम करते हैं। वो अपने क्लाइंट्स को खुद से म्युचुअल फंड या इंडेक्स फंड में निवेश की सलाह देते हैं और इन एडवाजर्स को कोई कमीशन नहीं होता है।
सबसे बड़ा पेंच ये है कि Individual RIA एक वित्त वर्ष में सिर्फ 150 क्लाइंट्स को सर्विस दे पाते हैं जिसकी वजह से इन्हें फीस ( खर्चों को देखते हुए) भी ज्यादा रखनी पड़ती है। लोग Fee Only Advisors के पास जाने से कतराते हैं क्योंकि जब यूट्यूब पर फ्री में सलाह मिल रही होती है तो कोई Fee Only Advisors क्यों जाएं। लेकिन पर्सनल फाइनेंस सिर्फ Mutaul Fund Investment नहीं होता है। आप फाइनेंस से जुड़े फैसले हर महीने लेते हैं क्या आप किसी एडवाजर की Hand Holding के बगैर बड़े फैसले ले सकते हैं। क्या आप यूट्यूब वीडियो के आधार पर बड़े फैसले करने में सक्षम होंगे। क्या इसमें रिक्क नहीं है।
ऐसे में सवाल ये है कि क्या सेबी के सख्त नियम Individual RI को प्रोत्साहित कर रहे हैं। क्योंकि RIA के ऊपर क्लाइंट की Restrictions, Advertisement की Restriction, हर तीन साल में NISM Exam क्लीयर करने की Conditions होती हैं।
बिजनेस टुडे बाज़ार ने कई ऐसे RIA से बात की जो चाहते हैं कि सेबी इस और ध्यान दें और इस सेक्टर में RIA को ज्यादा से ज्यादा काम करने की छूट दे। हाल ही में SEBI सोशल मीडिया इन्फ्लूयंशर के लिए गाइडलाइन लाने की बात कह चुका है लेकिन Mutual Fund Distributors और सोशल मीडिया इन्फ्लूएंशर बिना किसी एडवाजर के भी एडवाजर का काम कर रहे हैं।
जबकि जिन लोगों ने आम लोगों की फाइनेंशियल यात्रा को सुरक्षित करने का बीड़ा उठाया है उन RIA के लिए हालात मुश्किल हैं।