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Kotak, SBI जैसे म्यूचुअल फंड हाउस Silver ETF FoFs में LumpSum निवेश पर क्यों लगा रहे हैं रोक? जानें क्या करें

हाल ही में अलग-अलग म्यूचुअल फंड हाउस जैसे Kotak, SBI, और UTI Mutual Fund ने Silver ETF Fund of Funds (FoFs) में नए लंपसम (LumpSum) निवेश को अस्थायी रूप से रोक दिया है।

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Mutual Fund: हाल ही में अलग-अलग म्यूचुअल फंड हाउस जैसे Kotak, SBI, और UTI Mutual Fund ने Silver ETF Fund of Funds (FoFs) में नए लंपसम (LumpSum) निवेश को अस्थायी रूप से रोक दिया है। इसका कारण चांदी की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी और चांदी की आपूर्ति में कमी है। अब ऐसे में निवेशकों को क्या करना चाहिए चलिए जानते हैं।

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Silver ETF और Silver ETF FoF क्या है?

Silver ETF (Exchange-Traded Fund) एक ऐसा फंड है जो स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होता है और चांदी की बाजार कीमत को ट्रैक करता है। यह निवेशकों को चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव का फायदा उठाने का अवसर देता है वो भी बिना चांदी को फिजिकल रूप में खरीदने, स्टोर करने या इंश्योर करने के झंझट के।

जबकि Silver ETF Fund of Funds (FoF) एक ऐसा स्कीम है जो Silver ETF में निवेश करता है। यह उन निवेशकों के लिए अच्छा होता है जो SIP के माध्यम से निवेश करना चाहते हैं या जिनके पास डेमैट अकाउंट नहीं है।

Silver ETF FoFs में लंपसम निवेश पर रोक क्यों लगाई गई?

Kotak, SBI और UTI म्यूचुअल फंड हाउस ने Silver ETF FoFs में नए LumpSum निवेशों पर अस्थायी रूप से इसलिए रोक लगाई है, ताकि रिटेल निवेशक चांदी को अधिक महंगे दामों पर न खरीदें।

एक्सपर्ट बताते हैं कि चांदी की आपूर्ति में अस्थायी कमी के कारण घरेलू बाजार में चांदी की कीमतें अंतरराष्ट्रीय मूल्यों की तुलना में बहुत अधिक प्रीमियम पर ट्रेड कर रही हैं, जो कि सामान्य रूप से 0.5% के आसपास होता है, लेकिन इस समय यह 10-12% तक हो सकता है।

इसलिए, अगर निवेशक इस समय लंपसम निवेश करते हैं, तो वे चांदी को ओवरवैल्यूड कीमत पर खरीद रहे होंगे, जो भविष्य में तत्काल नुकसान का कारण बन सकता है जब यह प्रीमियम सामान्य स्तर पर लौटेगा।

Silver ETFs क्यों ट्रेड कर रहे हैं, और उन पर कोई रोक क्यों नहीं है?

जब कोई निवेशक Silver ETF खरीदता है, तो वह फंड हाउस से नहीं, बल्कि स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से दूसरे निवेशक से खरीदता है। इसलिए, फंड हाउस के पास इन लेन-देन पर कोई नियंत्रण नहीं होता और वह ETF की कीमत पर रोक नहीं लगा सकता। इसी कारण से, Silver ETFs अब भी प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं।

निवेशकों को क्या करना चाहिए?

विशेषज्ञ मानते हैं कि चांदी में लॉन्ग टर्म संभावनाएं हैं, खासकर ग्रीन एनर्जी और आपूर्ति की कमी के कारण। हालांकि, पिछले कुछ महीनों में चांदी की कीमतों में 49% की बढ़ोतरी और पिछले एक साल में 79% का उछाल देखा गया है, इसलिए खुदरा निवेशकों को लंपसम खरीदारी से बचना चाहिए। उन्हें धीरे-धीरे और व्यवस्थित रूप से अपने पोर्टफोलियो में 10-15% का अलॉटमेंट सोने और चांदी में करना चाहिए।

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Disclaimer: म्यूचुअल फंड्स निवेश बाज़ार जोखिमों के अधीन है। ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। BT Bazaar अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।