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EV ओनर्स दोबारा इंजन वाली कार क्यों नहीं खरीदना चाहते?

इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बढ़ती लोकप्रियता ने ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में एक नई क्रांति ला दी है। भारत समेत 18 देशों में हुए एक हालिया सर्वे में खुलासा हुआ है कि 92 फीसदी EV ओनर्स दोबारा इंजन वाली कार नहीं खरीदेंगे। इस सर्वे के डेटा के मुताबिक इलेक्ट्रिक व्हीकल चलाने वाले ज्यादातर लोग अपने अनुभव से बेहद खुश हैं और पारंपरिक गाड़ियों से दूर हो रहे हैं।

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इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बढ़ती लोकप्रियता ने ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में एक नई क्रांति ला दी है। भारत समेत 18 देशों में हुए एक हालिया सर्वे में खुलासा हुआ है कि 92 फीसदी EV ओनर्स दोबारा इंजन वाली कार नहीं खरीदेंगे। इस सर्वे के डेटा के मुताबिक इलेक्ट्रिक व्हीकल चलाने वाले ज्यादातर लोग अपने अनुभव से बेहद खुश हैं और पारंपरिक गाड़ियों से दूर हो रहे हैं।

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सर्वे में 18 देशों के 23 हजार EV ओनर्स से बातचीत की गई जिनमें से 97 फीसदी ओनर्स अपने EV से ‘बेहद खुशी’ जताई है, 92 फीसदी ने कहा है कि उनका अगला व्हीकल भी EV होगा केवल 1 परसेंट ने कहा कि अगली कार पेट्रोल या डीजल होगी।

इस सर्वे को 64 नेशनल इलेक्ट्रिक व्हीकल ड्राइवर एसोसिएशन्स के नेटवर्क ग्लोबल EV अलायंस ने किया था। इससे मिली जानकारी के मुताबिक EV खरीदने के पीछे सबसे बड़ी वजह इसके इस्तेमाल में होने वाला मामूली खर्च और पर्यावरण को होने वाला फायदा है। इसके अलावा नई टेक्नोलॉजी और गवर्नमेंट इंसेंटिव्स ने भी EV की डिमांड बढ़ाई है। 

चार्जिंग को लेकर किए गए सवालों के जवाब में  72 फीसदी EV ओनर्स ने कहा कि वो अपने घर पर चार्जिंग करते हैं। वहीं 13 परसेंट लोग फास्ट चार्जर का इस्तेमाल करते हैं, जबकि 7 फीसदी लोग ऑफिस में चार्जिंग करते है और 7 परसेंट पब्लिक चार्जिंग स्टेशंस का इस्तेमाल करते हैं।

ज्यादातर EV ओनर्स ने चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार की जरूरत पर भी जोर दिया है। EV चलाने में जो मुख्य चुनौतियां हैं उनमें शामिल हैं

-चार्जिंग पॉइंट्स की कमी
-स्लो चार्जिंग
-और कम ड्राइविंग रेंज 

भारत में तो रेंज की प्रॉब्लम सबसे बड़ी समस्या है। इसके बाद ब्राजील और कोस्टा रिका का नंबर आता है। जबकि जर्मनी और स्विट्जरलैंड में रेंज की चिंता सबसे कम है। EV ओनर्स के अनुभव और उम्मीदें ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के भविष्य को इलेक्ट्रिक बनाने में मदद कर रही हैं। हालांकि, बेहतर चार्जिंग सुविधाएं और ड्राइविंग रेंज की समस्या के समाधान पर ही EV को और बड़े स्तर पर अपनाया जा सकेगा। इस सर्वे में ऑस्ट्रिया, ब्राजील, कनाडा, कोस्टा रिका, फ्रांस, जर्मनी, हंगरी, भारत, आयरलैंड, नीदरलैंड, नॉर्वे, पोलैंड, पुर्तगाल