भारत के लिहाज से कौन बेहतर राष्ट्रपति - डोनाल्ड ट्रंप या कमला हैरिस?
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर माहौल एकदम बदला सा नजर आ रहा है। अमेरिका के वोटर्स डोनाल्ड ट्रंप को दोबारा मौका देते हैं या देश को पहली महिला राष्ट्रपति मिलेगी, इसको लेकर चर्चा गरम है।

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर माहौल एकदम बदला सा नजर आ रहा है। अमेरिका के वोटर्स डोनाल्ड ट्रंप को दोबारा मौका देते हैं या देश को पहली महिला राष्ट्रपति मिलेगी, इसको लेकर चर्चा गरम है।
एक तरफ दोबारा राष्ट्रपति बनने के लिए डोनाल्ड ट्रंप जोर लगाये हुए हैं, तो दूसरी तरफ कमला हैरिस ना सिर्फ उनकी राह मुश्किल बनाने में जुटी हैं बल्कि ट्रंप को बड़ी चुनौती देती नजर आ रही हैं। चुनावी अभियान में दोनों जोर-शोर से जुटे हैं।
अमेरिका एक शक्तिशाली देश
अमेरिका एक शक्तिशाली देश है, इसलिए वहां राष्ट्रपति का चुनाव ना सिर्फ उसके लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए अहम है। राष्ट्रपति चुने गए एक उम्मीदवार की विदेश नीति कैसी है। इसके बारे में जानना बाकी देशों के लिए बहुत मायने रखता है। इसके अलावा उसकी बाकी नीतियां कैसी रहती हैं, ये भी अहम है। अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के बीच एक सवाल की चर्चा खूब हो रही है। वो ये कि भारत के लिहाज से कौन बेहतर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप या कमला हैरिस?
जहां तक डोनाल्ड ट्रंप की बात है ,तो वो पहले भी राष्ट्रपति रह चुके हैं। जबकि कमला हैरिस पहली बार राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार है। हालांकि वो अमेरिका की मौजूदा उपराष्ट्रपति हैं, इसलिए वो भी सियासत को अच्छी तरह समझती है। यही वजह है कि चुनाव में उन्हें ट्रंप पर बढ़त लेते हुए बताया जा रहा है। लेकिन अहम सवाल ये है कि कमला हैरिस अगर राष्ट्रपति चुनी जाती है, तो भारत के लिहाज से इसका क्या फायदा होगा?
कमला हैरिस भारतीय मूल की हैं
खास बात ये है कि कमला हैरिस भारतीय मूल की हैं। जब वो अमेरिका की उपराष्ट्रपति बनीं तो उनके चेन्नई कनेक्शन की वजह से भारत के लोगों के मन में एक उम्मीद जगी थी। हालांकि कमला अपने भारतीय मूल की बार-बार जिक्र करती रही हैं। लेकिन जानकारों की मानें उनकी प्राथमिकता में सिर्फ और सिर्फ अमेरिका है। जहां तक बात डोनाल्ड ट्रंप की है। तो उनके साथ भी कुछ ऐसा ही है। उनकी प्राथमिकता भी कोई और देश नहीं, बल्कि अमेरिका ही है। वो राष्ट्रपति रह भी चुके हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके व्यक्तिगत रिश्ते बड़े शानदार रहे हैं।
यही वजह है कि प्रधानमंत्री मोदी भी अमेरिका जाकर कहते हैं। अबकी बार ट्रंप सरकार तो ट्रंप भी भारत आते हैं तो कहते हैं अबकी बार मोदी सरकार। ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान ह्यूस्टन में हाउडी मोदी... तो भारत में नमस्ते ट्रंप जैसे कार्यक्रम हुए थे। जिससे ना सिर्फ मोदी और ट्रंप बल्कि दोनों देशों के रिश्ते भी मजबूत होते दिखे लेकिन राष्ट्रपति चुनाव की हलचल के बीच ट्रंप के दिये हालिया बयान से ये समझना मुश्किल नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी और भारत को लेकर उनकी सोच क्या है? उनका साफ तौर पर कहना था कि भारत आयात शुल्क का दरुपयोग करता है। मोदी शानदार इंसान हैं। दरअसल ट्रंप ने पीएम मोदी से मिलने को लेकर ये बयान दिया। ट्रंप ने मिशिगन के फ्लिंट में अपने चुनावी अभियान कार्यक्रम में इस मुलाकात का ऐलान किया। जब वो भारत के साथ अमेरिका के व्यापार के बारे में बोल रहे थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रम्प
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रम्प की आखिरी मुलाकात उनके राष्ट्रपति रहते फरवरी 2020 में भारत दौरे के दौरान हुई थी। जिसे पीएम मोदी ने दोनों देशों के संबंधों में एक महत्वपूर्ण पल करार दिया था... उससे पहले 2019 में G-20 शिखर सम्मेलन से पहले पीएम मोदी ने जापान के ओसाका में ट्रंप के साथ द्विपक्षीय बातचीत की थी...उससे पहले 2017 में दोनों नेताओं की आसियान शिखर सम्मेलन के मौके पर मनीला में मुलाकात हुई थी।
डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान अमेरिका और भारत ने रक्षा और रणनीतिक सहयोग से चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने पर ध्यान केंद्रित जरूर किया था। अब अगर ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति चुने जाते हैं, तो सवाल ये है कि उनसे भारत कितनी उम्मीद रखे। क्या भारत के नजरिए से किसी बड़े परिवर्तन की उम्मीद की जा सकती है? एक्सपर्ट्स की मानें तो ट्रंप अगर अमेरिका के राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो भारत-अमेरिका संबंधों में किसी बड़े बदलाव की उम्मीद की जा सकती है। जहां तक कमला हैरिस की बात है तो वो भारत के लिए इतना भर कहती हैं कि अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों को राजनीति में उतना प्रतिनिधित्व नहीं मिला, जितना मिलना चाहिए।
जहां तक भारत के लोगों की अपेक्षा का सवाल है तो वो है वीजा, जिसमें ट्रंप के मुकाबले कमला हैरिस का रुख ज्यादा लचीला है। भारत से अमेरिका में नौकरी के लिए जाने वालों के लिए एच 1 बी वीजा की जरूरत होती है। ट्रंप हमेशा से ऐसे वीजा के सख्त खिलाफ हैं। जबकि कमला हैरिस इस वीजा के पक्ष में हैं, वो भी बिना किसी कैपिंग यानि जिस देश को जितना वीजा चाहिए... अमेरिका को वो मुहैया कराना चाहिए। वीजा के मुद्दे पर देखें तो कमला हैरिस का अमेरिका का राष्ट्रपति बनना वहां जाकर नौकरी करने वाले भारतीयों के लिए मुफीद साबित होगा।
कुल मिलाकर अभी ये कहना जल्दबाजी होगी कि सिर्फ भारतीय मूल की होने की वजह से कमला हैरिस ऐसे कदम उठाएंगी जो भारत के हित में होंगे। ऋषि सुनक इसके उदाहरण रह चुके हैं... ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने भारत के लिए ऐसा कुछ भी नहीं किया जो इतिहास में दर्ज होने लायक हो।