प्याज की बढ़ती कीमतों पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का बयान
प्याज की कीमतों में हाल के उछाल को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को कारणों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "प्याज की कीमतें इसलिए बढ़ रही हैं क्योंकि सरकार ने प्याज पर लगाए गए निर्यात प्रतिबंध को हटा दिया है। निर्यात शुल्क को 40% से घटाकर 20% कर दिया गया है, जिससे दामों में बढ़ोतरी हुई है।"

प्याज की कीमतों में हाल के उछाल को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को कारणों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "प्याज की कीमतें इसलिए बढ़ रही हैं क्योंकि सरकार ने प्याज पर लगाए गए निर्यात प्रतिबंध को हटा दिया है। निर्यात शुल्क को 40% से घटाकर 20% कर दिया गया है, जिससे दामों में बढ़ोतरी हुई है।"
प्याज पर लगाए गए प्रतिबंधों का इतिहास
दिसंबर 2023 में कमजोर मानसून के कारण प्याज की संभावित कमी का हवाला देते हुए सरकार ने इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। यह प्रतिबंध मार्च 2024 तक बढ़ाया गया था।
मई 2024 में: सरकार ने निर्यात प्रतिबंध हटा दिया, लेकिन कुछ शर्तें लागू कीं
न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP): सरकार ने सुनिश्चित किया कि प्याज को कम कीमत पर निर्यात न किया जाए, इसके लिए $555 प्रति टन का MEP तय किया।
निर्यात शुल्क: 40% का शुल्क लगाया गया, जिसे बाद में सितंबर में घटाकर 20% कर दिया गया।
सोयाबीन पर शिवराज का बयान
मंत्री ने सोयाबीन किसानों के मुद्दे पर भी बात की। उन्होंने कहा, "मलेशिया और इंडोनेशिया से शून्य प्रतिशत आयात शुल्क पर पाम ऑयल का आयातहोता है, जिससे सोयाबीन किसान प्रभावित हो रहे हैं।"
केंद्र सरकार ने 27.5% आयात शुल्क लगाया है ताकि किसानों को उचित मूल्य मिल सके।
सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹4,892 तय किया गया है।
महाराष्ट्र सरकार को MSP पर सोयाबीन खरीदने की अनुमति दी गई है।
नमी सीमा बढ़ाई गई: सोयाबीन में नमी की सीमा को 12% से बढ़ाकर 15% किया गया है, जिससे खरीद प्रक्रिया में रुकावट न हो।
मंत्री ने भरोसा दिलाया कि किसानों के हितों की रक्षा के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।