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Noida International Airport के पास घर या दुकान खोलने वालों की मौज!

जेवर में बनाए जा रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट यानी NIAL को लेकर दावा किया जा रहा है कि यहां से उड़ान भरना इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के मुकाबले सस्ता हो सकता है। कई ठोस वजहों के साथ ये अनुमान लगाया गया है। इन वजहों को जानने के बाद ये भरोसा बढ़ सकता है कि जेवर का नोएडा एयरपोर्ट दिल्ली के IGIA से सस्ता विकल्प बन सकता है।

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जेवर में बनाए जा रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट यानी NIAL को लेकर दावा किया जा रहा है कि यहां से उड़ान भरना इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के मुकाबले सस्ता हो सकता है। कई ठोस वजहों के साथ ये अनुमान लगाया गया है। इन वजहों को जानने के बाद ये भरोसा बढ़ सकता है कि जेवर का नोएडा एयरपोर्ट दिल्ली के IGIA से सस्ता विकल्प बन सकता है। 

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कम होगी ऑपरेशनल कॉस्ट!

दरअसल, नोएडा एयरपोर्ट पर ऑपरेशनल कॉस्ट IGIA के मुकाबले कम रहने की संभावना है। ऐसा होने पर 

एयरलाइंस के खर्चे कम होंगे जिससे टिकट सस्ते हो सकते हैं। इसके अलावा इस एयरपोर्ट पर नई लो-कॉस्ट एयरलाइंस की एंट्री की संभावना है जो सस्ते टिकट की वजह बन सकती हैं। एयरलाइंस की आपसी प्रतिस्पर्धा बढ़ने से भी किराए में कमी का अनुमान है

नोएडा एयरपोर्ट को कम खर्चीला और सुविधाजनक बनाया जा रहा है जिससे यात्रियों को सस्ते किराए का फायदा मिल सकता है। 

NIAL की खासियतें

इस एयरपोर्ट को आधुनिक तकनीक और यात्री-हितैषी सुविधाओं के साथ डिजाइन किया जा रहा है। इसके असर से यहां पर 

कम टैक्स लगेंगे और चार्जेज भी कम वसूले जाने का अनुमान है, एयरलाइंस और यात्रियों दोनों के लिए ये कदम बड़े फायदेमंद साबित हो सकते हैं । यहां से उड़ान भरने वाले नोएडा और ग्रेटर नोएडा के यात्रियों को तो दिल्ली के IGIA के मुकाबले कम दूरी तय करनी पड़ेगी। इसके चलते लोग समय और पैसा बचाने के सथ ही सुविधाजनक सफर का अनुभव भी हासिल कर सकेंगे। 

भीड़ कम, सेवाएं बेहतर

शुरुआती फेज में नोएडा एयरपोर्ट पर भीड़ कम होने की संभावना है। वहीं IGIA पर ज्यादा भीड़ और महंगे चार्जेज की वजह से एयरलाइंस और लोगों को काफी दिक्कत होती है। इसके साथ ही ये एयरपोर्ट ज्यादा मॉडर्न होगा जिसकी वजह से 

IGIA के मुकाबले तेज और बेहतर सेवाएं यहां पर यात्रियों को मिल सकेंगी, यात्रियों को भी हवाई सफर का शानदार अनुभव इस एयरपोर्ट पर मिल सकता है. लेकिन इन सब अनुमानों के बीच बड़ा सवाल ये भी है कि क्या कम ऑपरेशनल कॉस्ट का पूरा फायदा यात्रियों तक पहुंचेगा क्योंकि एयरलाइंस का मुख्य मकसद मुनाफा कमाना होता है और अक्सर चार्जेज कम होने के बावजूद टिकट महंगे रहते हैं।

अप्रैल तक इंतजार

लेकिन ये अनुमान सटीक साबित होंगे या नहीं इसका पता अप्रैल 2025 में एयरपोर्ट के कमर्शियल ऑपरेशंस शुरू होने के बाद ही चलेगा। लेकिन ये सबकुछ एयरलाइंस की रणनीतियों पर निर्भर करेगा। अगर योजना के मुताबिक काम हुआ तो नोएडा एयरपोर्ट एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और इसे निवेश सलाह के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। निवेश निर्णय लेने से पहले एक वित्तीय सलाहकार से परामर्श करने की सिफारिश की जाती है।

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