कैशलेस सड़क दुर्घटना इलाज: Transport Minister नितिन गडकरी ने किया बड़ा ऐलान
भारत में हर साल लाखों लोग सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं, और 2024 के आंकड़ों के अनुसार, इन दुर्घटनाओं में 1.80 लाख लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। ट्रांसपोर्ट मंत्री नितिन गडकरी ने 7 जनवरी 2025 को 27 राज्यों के मंत्रियों के साथ बैठक की, जिसमें रोड सेफ्टी, कैशलेस योजना, और स्क्रैपिंग पॉलिसी जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की गई।

भारत में हर साल लाखों लोग सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं, और 2024 के आंकड़ों के अनुसार, इन दुर्घटनाओं में 1.80 लाख लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। ट्रांसपोर्ट मंत्री नितिन गडकरी ने 7 जनवरी 2025 को 27 राज्यों के मंत्रियों के साथ बैठक की, जिसमें रोड सेफ्टी, कैशलेस योजना, और स्क्रैपिंग पॉलिसी जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। आइए जानते है, कि यह कैशलेस योजना से कैसे सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को राहत मिलेगी और सरकार किस तरह से उनकी मदद करेगी।
Cashless scheme: दुर्घटना के बाद इलाज की पूरी व्यवस्था
नितिन गडकरी ने हाल ही में सड़क दुर्घटनाओं को लेकर कैशलेस योजना की शुरुआत करने की घोषणा की। इसके तहत, अगर किसी सड़क दुर्घटना में व्यक्ति घायल होता है, तो पुलिस को सूचना मिलने के 24 घंटों के भीतर सरकार उसे 7 दिन तक का इलाज मुफ्त में उपलब्ध कराएगी। यह इलाज खर्च ₹1.5 लाख तक का हो सकता है। इसके अलावा, यदि दुर्घटना में किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है, तो उसके परिवार को ₹2 लाख का मुआवजा दिया जाएगा।
यह कदम सरकार ने सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने और दुर्घटनाग्रस्त व्यक्तियों को तुरंत राहत देने के लिए उठाया है। इस योजना से दुर्घटना के बाद पीड़ित को बिना किसी वित्तीय चिंता के इलाज की सुविधा मिल सकेगी।
Scraping Policy: पुरानी गाड़ियों के लिए मिलेगी छूट
ट्रांसपोर्ट मंत्रालय ने स्क्रैपिंग पॉलिसी पर भी चर्चा की है, जिसके तहत पुरानी गाड़ियों के मालिकों को रजिस्ट्रेशन शुल्क में 50% तक की छूट मिल सकेगी। यदि आपके पास स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट है, तो आप इस छूट का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा, वाहन निर्माता भी इस प्रक्रिया में छूट देने की पेशकश करेगे, जिससे उपभोक्ता को 1.5-3% तक की छूट मिल सकेगी।
स्क्रैपिंग पॉलिसी से वाहन उद्योग को भी फायदा होगा, क्योंकि इस प्रक्रिया के तहत पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप किया जाएगा, जिससे नई गाड़ियों की मांग बढ़ेगी और जीएसटी में इज़ाफा होगा।
आर्थिक और रोजगार के लाभ
स्क्रैपिंग पॉलिसी के लागू होने से न केवल नई गाड़ियों की बिक्री बढ़ेगी, बल्कि नई नौकरियां भी उत्पन्न होंगी। इसके अलावा, राज्य सरकारें यदि अपनी पुरानी बसों और ट्रकों को स्क्रैप करती हैं, तो उन्हें भी इस नीति से लाभ होगा। इस कदम से एक सर्कुलेशन इकनॉमी बनेगी और देश की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का आकार बढ़ेगा।
भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग अब 22 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है, जो जापान को भी पीछे छोड़ चुका है। इसके अलावा, भारत में 22 लाख ड्राइवरों की कमी है, जिसे पूरा करने के लिए सरकार ने एक नई नीति तैयार की है। इस नीति के तहत ड्राइवरों की भर्ती की जाएगी, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
क्या हैं ये बदलाव और इनसे क्या मिलेगा?
भारत में कैशलेस योजना और स्क्रैपिंग पॉलिसी जैसे कदम सड़क सुरक्षा और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण बदलाव लाने के लिए हैं। सरकार की नई रोड पॉलिसी दुर्घटनाओं के पीड़ितों को राहत पहुंचाने के साथ-साथ ऑटोमोबाइल सेक्टर को भी मजबूत करेगी। साथ ही, नई नौकरियों के अवसर पैदा होंगे और जीएसटी में बढ़ोतरी होगी।
नितिन गडकरी के नेतृत्व में सरकार लगातार सड़क सुरक्षा और आर्थिक विकास को प्राथमिकता दे रही है, और यह योजनाएं देश के ट्रांसपोर्ट सेक्टर को ग्लोबल स्तर तक ले जाने के लिए एक मजबूत कदम हैं।