अब पुरुष टेलर नहीं ले सकेंगे महिलाओं के कपड़ों की माप!
यूपी महिला आयोग का सीधा सपाट कहना है कि महिलाओं के कपड़ों की माप के लिए अब पुरुष टेलर नहीं चलेगा... कम से कम यूपी में महिलाओं के कपड़ों की माप केवल महिला टेलर ही लेंगी। यही नहीं महिला आयोग ने अब टेलर की दुकान पर सीसीटीवी अनिवार्य कर दिया है। मतलब यूपी में कोई टेलर अब तभी महिलाओं के कपड़े सी सकेगा। जब उसकी दुकान पर माप लेने वाली कोई महिला होगी।

यूपी महिला आयोग का सीधा सपाट कहना है कि महिलाओं के कपड़ों की माप के लिए अब पुरुष टेलर नहीं चलेगा... कम से कम यूपी में महिलाओं के कपड़ों की माप केवल महिला टेलर ही लेंगी। यही नहीं महिला आयोग ने अब टेलर की दुकान पर सीसीटीवी अनिवार्य कर दिया है। मतलब यूपी में कोई टेलर अब तभी महिलाओं के कपड़े सी सकेगा। जब उसकी दुकान पर माप लेने वाली कोई महिला होगी। इस फैसले को सब अपने अपने चश्मे से देख रहे हैं...लेकिन महिला आयोग का कहना है कि महिला सुरक्षा के लिए ये फैसला अहम है।
उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए आयोग ने कई प्रस्ताव सरकार को भेजे हैं। मसलन जिस जिम में महिलाएं जाती हैं, वहां पर महिला ट्रेनर की मौजूदगी को अनिवार्य बना दिया गया है। इसके अलावा सभी ट्रेनर के वेरिफिकेशन की भी बात कही गई है...जिम में सीसीटीवी को अनिवार्य बनाया गया है... इसी तरह डांस और क्ल्चरल एक्टिविटी की जगहों पर महिला डांस टीचर का होना भी जरुरी है। आयोग का मानना है कि ऐसी जगहों पर महिलाओं की भागीदारी से महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी।
यूपी महिला आयोग ने उन दुकानों पर भी महिलाओ की मौजूदगी को अनिवार्य बनाया है...जहां महिलाओं के कपड़े बेचे खरीदे जाते हैं... जाहिर है आयोग की कोशिश है कि जिन जगहों पर महिलाओं का आना जाना है...वहां महिलाओं की ज्यादा से ज्यादा संख्या सुनिश्चित की जाए... जिससे महिलाएं ऐसी जगहों पर ज्यादा सहज महसूस कर सकें।
राष्ट्रीय महिला आयोग की रिपोर्ट की मानें तो बीते साल महिलाओं के खिलाफ अपराध की 28,811 शिकायतें मिलीं थी। इनमें 50 प्रतिशत से अधिक मामले केवल यूपी से रिपोर्ट किए गए थे...यही नहीं NCBR के आंकड़ो में भी महिलाओं की स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है...आंकड़ों के मुताबिक पति और रिश्तेदारो द्वारा महिलाओं के साथ मारपीट में यूपी अव्वल है। ऐसे में महिला आयोग की कोशिश यही है कि ऐसे फैसलों से ना केवल महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए... बल्कि जिन जगहों पर महिलाओं की मौजूदगी नहीं है...वहां भी उनकी उपस्थिति दर्ज कराई जाए।