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Kolkata Rape-Murder Case में HighCourt ने दिए CBI जांच के आदेश, पूरे देश में चल रहा है डॉक्टर्स का प्रदर्शन, कई अस्पातलो में OPD सेवा प्रभावित

पुलिस ने ट्रेनी डॉक्टर के परिवार को सोमवार (12 अगस्त) को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सौंपी, जिसमें बताया गया कि रेप और मारपीट के बाद आरोपी ने डॉक्टर की गला और मुंह दबाकर हत्या कर दी। घटना शुक्रवार सुबह 3 से 5 बजे के बीच होने का अनुमान है। चार पेज की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बताया गया कि आरोपी ने डॉक्टर के साथ बुरी तरह शोषण किया था। उनके प्राइवेट पार्ट्स पर गहरा घाव पाया गया।

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RG Kar Medical College And Hospital में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर  प्रदर्शन
RG Kar Medical College And Hospital में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर प्रदर्शन

Calcutta High Court ने मंगलवार (13 अगस्त) को RG Kar Medical College And Hospital में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर केस की जांच CBI को सौंप दी है। राज्य सरकार कल सुबह 10 बजे तक CBI को केस डायरी और दूसरे रिकॉर्ड ट्रांसफर करेगी। चीफ जस्टिस टी एस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने केंद्रीय एजेंसी को मामले की जांच सौंपते हुए केवी राजेंद्रन मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया और कहा कि दुर्लभ मामलों में निष्पक्ष और सही जांच के लिए यह जरूरी है। कोर्ट ने कहा कि हमने पुलिस को समय दिया होता, लेकिन मामला अजीब है। घटना के पांच दिनों के बाद भी कोई महत्वपूर्ण निष्कर्ष नहीं निकला है। इस बात की पूरी संभावना है कि सबूत नष्ट कर दिए जाएंगे। हमें यही सही लगता है कि मामले को तुरंत CBI को ट्रांसफर किया जाना चाहिए।  

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कोर्ट ने कहा- प्रिंसिपल ने इस्तीफा क्यों दिया, यह समझना मुश्किल

हाईकोर्ट ने घटना के बाद मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल डॉ संदीप कुमार घोष के इस्तीफे और दूसरी कॉलेज में उनकी नियुक्ति पर भी सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा कि यह जानकर दुख होता है कि घटना को लेकर अस्पताल प्रशासन और तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप कुमार घोष सक्रिय नहीं थे। प्रिंसिपल ने अपना इस्तीफा दे दिया, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि उनके इस्तीफे पर क्या आदेश जारी किए गए थे। बल्कि इस्तीफे के 12 घंटे के भीतर 12 अगस्त को उन्हें एनएमसी, कोलकाता का प्रिंसिपल बना दिया गया। यह समझना मुश्किल है कि उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया और दूसरे मेडिकल कॉलेज का प्रिंसिपल बनाने की क्या जल्दी थी।

हाईकोर्ट बोला- प्रिंसिपल को छुट्टी पर भेजो या हम ऑर्डर पास करें

हाईकोर्ट ने डॉ संदीप कुमार घोष को छुट्टी पर जाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने बंगाल सरकार से कहा कि उनको लंबी छुट्टी पर भेजिए। ऐसा नहीं हुआ तो हमें ऑर्डर पास करना पड़ेगा। उन्हें घर पर रहना चाहिए, कहीं काम करने की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष से अब तक पूछताछ क्यों नहीं की है। हाईकोर्ट ने कहा कि जांच में कुछ मिसिंग है। जब डॉ. संदीप घोष ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दिया था, तो उन्हें इस्तीफे के तुरंत बाद दूसरे मेडिकल कॉलेज में कैसे नियुक्त किया जा सकता है? उनसे सबसे पहले पूछताछ होनी चाहिए थी, जबकि ऐसा नहीं हुआ।

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प्रिंसिपल ने कहा - ट्रेनी डॉक्टर मेरी बेटी की तरह

डॉ संदीप घोष ने सोमवार (12 अगस्त) को यह कहते हुए इस्तीफा दिया था कि ट्रेनी डॉक्टर मेरी बेटी की तरह थी। एक पेरेंट के रूप में, मैं इस्तीफा दे रहा हूं। हालांकि, 12 घंटे भीतर राज्य सरकार ने उन्हें कलकत्ता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का प्रिंसिपल नियुक्त कर दिया। इसके लेकर डॉक्टर्स काफी नाराज हैं। कलकत्ता हाईकोर्ट ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर केस से जुड़ी कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। इनमें एक याचिका ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता की शामिल है, जिसमें उन्होंने अपनी बेटी की मौत की जांच कोर्ट की निगरानी में कराने की मांग की थी। 

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कोर्ट रूम में क्या-क्या हुआ ? 

विकास रंजन भट्टाचार्य (डॉक्टर के पेरेंट्स के वकील): हमें पहले बताया गया कि वह (पीड़ित) बीमार थी। फिर कहा गया कि उसने आत्महत्या कर ली। पेरेंट्स को अस्पताल बुलाया गया। उन्हें तीन घंटे तक बैठाए रखा गया। पुलिस ने उन्हें मामला सेटल करने को कहा। सीएम का कहना है कि कुछ दिनों बाद CBI को मामला सौंपेंगे। तब तक तो सबूत ही मिटा दिए जाएंगे। 

चीफ जस्टिस शिवगणनम: अगर यह सच है कि किसी ने माता-पिता को यह बताया कि यह बीमार थी और फिर आत्महत्या की, तो कहीं न कहीं चूक हुई है। 

विकास रंजन भट्टाचार्य (डॉक्टर के पेरेंट्स के वकील): यह रिकॉर्ड में है कि पुलिस ने आत्महत्या का मामला दर्ज किया है। 

राज्य सरकार: ऐसे सभी मामले अननेचुरल डेथ के रूप में दर्ज किए जाते हैं। 

कोर्ट: पीड़ित सिस्टम का हिस्सा थी। उसके प्रति कुछ संवेदना दिखाना चाहिए थी। उन्होंने अपना जीवन सिस्टम के लिए काम करते हुए बिताया। अगर यह सच है कि उनके पेरेंट्स को अस्पताल में इंतजार कराया गया और गुमराह किया गया तो प्रशासन उनके साथ खिलवाड़ कर रहा है। आप मृतक के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं कर सकते। 

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कोर्ट: प्रिंसिपल ने नैतिक जिम्मेदारी के कारण पद छोड़ दिया था। सरकार ने 12 घंटे के भीतर उन्हें दूसरी नियुक्ति पत्र का रिवॉर्ड दिया। फिर आशंका है कि जांच में समय बर्बाद होने पर कुछ गलत हो जाएगा। 

विकास रंजन भट्टाचार्य (डॉक्टर के पेरेंट्स के वकील): उन्हें केस डायरी देने के लिए कहिए। ऐसा पहले भी हो चुका है। मौजूदा सीपी पहले भी जांच में गड़बड़ी कर चुके हैं। दोपहर 2 बजे केस डायरी लाई जाए। 

राज्य सरकार: हम कल एक रिपोर्ट दिखाएंगे। 

कोर्ट: हम आपको समय देंगे लेकिन आप यह कैसे सुनिश्चित करेंगे कि इस बीच कुछ भी गलत नहीं होगा? 

राज्य सरकार: एसीपी-I देखरेख कर रहे हैं। 

विकास रंजन भट्टाचार्य (डॉक्टर के पेरेंट्स के वकील): फिर उनका ट्रांसफर हो जाएगा। 

कोर्ट: प्रिंसिपल काम नहीं करेंगे। उन्हें लंबी छुट्टी पर जाने दिया जाए। नहीं तो हम ऑर्डर देंगे। 

कोर्ट: प्रिंसिपल ने बयान दिया? 

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राज्य: नहीं। हम ले लेंगे। 

कोर्ट: ये क्या है? उनका बयान सबसे पहले होना चाहिए। वे कानून से ऊपर नहीं हैं। यह कैसे हो गया। आप उन्हें क्यों बचा रहे हैं? उन्हें सच बोलने दीजिए। यहां कुछ चूक हुई है।  

हॉस्पिटल के सेमिनार हॉल में ट्रेनी डॉक्टर की बॉडी मिली थी 

शुक्रवार (9 अगस्त) की सुबह आरजी कर हॉस्पिटल की इमरजेंसी बिल्डिंग के सेमिनार हॉल में 31 साल की ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था। वह नाइट ड्यूटी पर थीं। डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट, आंखों और मुंह से खून बह रहा था। उसकी गर्दन की हड्डी भी टूटी हुई पाई गई थी। डॉक्टर की बॉडी के पास एक हेडफोन मिला था। पुलिस ने इस केस में कोलकाता पुलिस में काम करने वाले सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को 9 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। CCTV कैमरे में संजय शुक्रवार सुबह करीब 4 बजे इमरजेंसी बिल्डिंग में घुसते हुए दिखा था। तब उसके गले में हेडफोन था। हालांकि, सुबह करीब 6 बजे बिल्डिंग से बाहर निकलते समय उसके गले में हेडफोन नहीं था। 

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट

पुलिस ने ट्रेनी डॉक्टर के परिवार को सोमवार (12 अगस्त) को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सौंपी, जिसमें बताया गया कि रेप और मारपीट के बाद आरोपी ने डॉक्टर की गला और मुंह दबाकर हत्या कर दी। घटना शुक्रवार सुबह 3 से 5 बजे के बीच होने का अनुमान है। चार पेज की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बताया गया कि आरोपी ने डॉक्टर के साथ बुरी तरह शोषण किया था। उनके प्राइवेट पार्ट्स पर गहरा घाव पाया गया। आरोपी ने डॉक्टर आवाज दबाने के लिए उनकी नाक, मुंह और गले को लगातार दबाया गया। गला घोंटने से थायराइड कार्टिलेज टूट गया। डॉक्टर की सिर को दीवार से सटा दिया गया था, जिससे वह चिल्ला न सके। पेट, होंठ, उंगलियों और बाएं पैर पर चोटें पाई गईं। फिर उनपर इतनी जोर से हमला किया कि चश्मा टूट गया। चश्मे का शीशा टूटकर उनकी आंखों में घुस गए। दोनों आंखों, मुंह और प्राइवेट पार्ट्स से खून बह रहा था।
 
आरोपी ट्रेंड बॉक्सर, रेप के दौरान मारपीट की 

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कोलकाता पुलिस ने आरोपी संजय रॉय को लेकर कई खुलासे हुए हैं। पुलिस ने सोमवार (12 अगस्त) को बताया कि संजय एक ट्रेंड बॉक्सर है। 8-9 अगस्त की रात उसने हॉस्पिटल के सेमिनार हॉल में डॉक्टर से दरिंदगी के दौरान बुरी तरह मारपीट की थी। संजय ने डॉक्टर को इतनी जोर से मारा कि उनके चश्मे का शीशा टूटकर उनकी आंखों में घुस गए। इसके कारण आंखों से ब्लीडिंग हुई थी।