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Delhi -NCR में तेज बारिश, एमपी -राजस्थान समेत 24 राज्यों में भी भारी बारिश की संभावना

Delhi-NCR में गुरुवार को देर रात से शुरू हुई बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। कुछ जगहों पर तो 3 से 4 फीट तक पानी भर गया है। कई कारें डूब गईं। कई निचली जगहों पर जलभराव के कारण लोगों को परेशानी हुई।

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Delhi -NCR में तेज बारिश
Delhi -NCR में तेज बारिश

Delhi-NCR में गुरुवार को देर रात से शुरू हुई बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। कुछ जगहों पर तो 3 से 4 फीट तक पानी भर गया है। कई कारें डूब गईं। कई निचली जगहों पर जलभराव के कारण लोगों को परेशानी हुई। मौसम विभाग ने कहा है कि 1936 के बाद यह दूसरी बार है जब जून के महीने में 24 घंटे के अंतराल में इतनी बारिश देखी गई। दिल्ली समेत मौसम विभाग ने 24 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, बिहार, ओडिशा, गोवा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, गुजरात और केरल शामिल हैं। मानसून ने कल उत्तर भारत के तीन राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में एंट्री ली। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और पंजाब के कुछ हिस्सों को मानसून ने कवर कर लिया। इसके साथ ही मानसून गुजरात, राजस्थान के कुछ हिस्सों, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों और बिहार में भी आगे बढ़ गया। यह आज हरियाणा पहुंच सकता है।

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दिल्ली में तेज बारिश के कारण मेट्रो स्टेशन के गेट बंद

दिल्ली के सफदरजंग वेदर स्टेशन के मुताबिक, शुक्रवार सुबह 8:30 बजे तक 228 mm बारिश दर्ज की गई है। जून के महीने में इससे पहले 1936 में 235mm बारिश हुई थी। यह दूसरी बार है जब जून महीने में दिल्ली में 24 घंटे में इतना पानी बरसा है। दिल्ली में तेज बारिश के कारण यशोभूमि द्वारका सेक्टर 25 मेट्रो स्टेशन के एंट्री और एग्जिट गेट भी बंद कर दिए गए। दिल्ली के अलावा नोएडा के निचले इलाकों में भी जलभराव और ट्रैफिक जाम देखने को मिला।

मानसून कहां-कहां पहुंचा

दक्षिण-पश्चिम मानसून निकोबार में 19 मई को पहुंच गया था। केरल में इस बार दो दिन पहले, यानी 30 मई को ही मानसून पहुंच गया था और कई राज्यों को कवर भी कर गया। फिर 12 से 18 जून तक (6 दिन) मानसून रुका रहा। 6 जून को मानसून ने महाराष्ट्र में एंट्री ली और 11 जून को गुजरात में दाखिल हुआ। मानसून 12 जून तक केरल, कर्नाटक, गोवा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को पूरी तरह कवर कर चुका था। साथ ही दक्षिण महाराष्ट्र के ज्यादातर हिस्सों, दक्षिणी छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों, दक्षिणी ओडिशा, उपहिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और सभी पश्चिमोत्तर राज्यों में पहुंच गया था। 18 जून तक मानसून महाराष्ट्र के जलगांव, अमरावती, चंद्रपुर, छत्तीसगढ़ के बीजापुर, सुकमा, ओडिशा के मलकानगिरी और आंध्र प्रदेश के विजयनगरम तक पहुंचा था। हालांकि, इसके बाद मानसून रुका रहा। 21 जून को मानसून डिंडौरी के रास्ते मध्य प्रदेश पहुंचा और 23 जून को गुजरात में आगे बढ़ा। 25 जून को मानसून ने राजस्थान में एंट्री ली और मध्य प्रदेश के आधे के ज्यादा क्षेत्र को कवर कर लिया। 25 जून की ही रात मानूसन ललितपुर के रास्ते उत्तर प्रदेश में दाखिल हुआ। 26 जून को मानसून MP और UP में आगे बढ़ा। 27 जून को मानसून उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और उत्तरी पंजाब में दाखिल हुआ।

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मानसून 3 जुलाई तक दिल्ली को कवर करेगा

दक्षिण-पश्चिमी मानसून 11 जून से ही पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में रुका हुआ था। बीते कुछ दिनों में मानसून बिहार के कुछ हिस्सों और झारखंड में आगे बढ़ा है। हालांकि पश्चिम बंगाल में अब तक मानसून रुका हुआ है। 27 से 30 जून तक मानसून दिल्ली, हरियाणा और चंडीगढ़ में एंट्री ले सकता है और 3 जुलाई तक दिल्ली को पूरी तरह कवर कर लेगा। 5 से 8 जुलाई तक हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ और राजस्थान पूरी तरह कवर हो जाएंगे।मौसम विभाग का अनुमान है कि जून में मानसून सामान्य से कम यानी 92% लंबी अवधि के औसत (LPA) से कम रहेगा।

10 साल में छठी बार जून में बारिश सामान्य से कम

मानसून के पहले महीने में न केवल बारिश घट रही है, बल्कि गर्मी के दिन भी बढ़ रहे हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, जून खत्म होने में 4 दिन बचे हैं और देश में अब तक सामान्य से 19% कम बारिश हुई है। ऐसा लगातार तीसरे साल हो रहा है। 10 साल में 6 बार जून में बारिश सामान्य से कम, एक बार सामान्य और तीन बार सामान्य से ज्यादा हुई है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव एम. राजीवन का कहना है कि जून में मानसून 20 दिन तक पश्चिम बंगाल और दो हफ्ते तक गुजरात-महाराष्ट्र में अटका रहा। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायर्नमेंट के मुताबिक 1988 से 2018 के दौरान 62% जिलों में जून में कम बारिश हुई।

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देश में हीटवेव के दिन खत्म हुए

मौसम विभाग के मुताबिक देश में हीटवेव के दिन खत्म हो गए हैं। गुरुवार को भी देश के किसी राज्य में हीटवेव नहीं चली। हालांकि, राजस्थान का बीकानेर 43 डिग्री तापमान के साथ देश में सबसे गर्म रहा। इसके पहले लगातार तीन दिन तक जैसलमेर देश में सबसे ज्यादा गर्म रहा था।

आगे कैसा रहेगा मौसम

उत्तर पश्चिमी भारत यानी जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश में शनिवार से तापमान में दो से तीन डिग्री की गिरावट होने का अनुमान है। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गंगीय पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, तेलंगाना के कुछ स्थानों पर आंधी-तूफान के साथ बिजली गिरने और 30-40 किमी प्रति घंटा की गति से तेज हवाएं चल सकती हैं। गुजरात, तटीय आंध्र प्रदेश के कुछ स्थानों पर बिजली गिरने की संभावना है।

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